Kamini Kaushal: चेतन आनंद की फिल्म से डेब्यू, आमिर की इस फिल्म में किया आखिरी बार काम, जानिए कैसा रहा करियर?
Kamini Kaushal Life and career: लोकप्रिय अदाकारा कामिनी कौशल अब हमारे बीच नहीं रहीं। उन्होंने देश को आजादी मिलने से पहले ही सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था। जानिए उनके करियर और निजी जीवन के बारे में।
विस्तार
हिंदी सिनेमा की सबसे बुजुर्ग कलाकार का तमगा हासिल कर चुकीं अदाकारा कामिनी कौशल अब हमारे बीच नहीं रहीं। शुक्रवार को उनके निधन की सूचना मिली, 98 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। अपने जीवन एक लंबा वक्त उन्होंने सिनेमा को दिया था। कामिनी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत देश को आजादी मिलने से पहले चेतन आनंद के निर्देशन में बनी फिल्म 'नीचा नगर' से की थी। यह पहली भारतीय फिल्म रही है, जिसका प्रीमियर कान फिल्म फेस्टिवल में हुआ था। कामिनी कौशल 90 पार की उम्र के बाद भी सिनेमा की दुनिया में सक्रिय थीं। साल 2022 में उन्हें आमिर खान की फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' में देखा गया था। उन्होंने कई चर्चित फिल्मों में काम किया था। जानते हैं कामिनी कौशल बारे में...
लाहौर में हुआ जन्म, बचपन में थीं उमा कश्यप
कामिनी कौशल का जन्म लोकप्रिय वनस्पतिशास्त्री प्रोफेसर एसआर कश्यप के घर 24 फरवरी 1927 को लाहौर में हुआ था। उनका असली नाम उमा कश्यप था। वे दो भाइयों और तीन बहनों में सबसे छोटी थीं। वे केवल सात वर्ष की थी जब उनके पिता का निधन हो गया। उमा कश्यप बचपन से ही प्रतिभाशाली थीं। बढ़ाई में अव्वल रहने वाली उमा ने 10 साल की उम्र में खुद का कठपुतली थिएटर बनाया था। उन्होंने आकाशवाणी पर रेडियो कई नाटक किए थे। फिल्म निर्माता चेतन आनंद ने उन्हें रेडियो पर सुना था और उनकी मधुर आवाज से प्रभावित होकर 'नीचा नगर' ऑफर की थी। चेतन आनंद ने ही उनका नाम कामिनी रखा क्योंकि, उनकी पत्नी का नाम भी उमा (आनंद) था और वह फिल्म का हिस्सा थीं।
20 साल की उम्र में हासिल किया स्टारडम
कामिनी ने साल 1946 में फिल्म 'नीचा नगर' नगर से करियर शुरू किया था। इस फिल्म में कामिनी कौशल ने रूपा की भूमिका निभाई थी। फिल्म ‘नीचा नगर' का पहला प्रदर्शन 29 सितंबर 1946 को फ्रांस के कान अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में हुआ था। वहां इस फिल्म को 'गोल्डन पाम' पुरस्कार मिला। यह चेतन आदर्श के निर्देशन में बनी पहली फिल्म थी। कामिनी कौशल सिर्फ 20 साल की उम्र में स्टारडम के शिखर पर पहुंच गई थीं। करियर की दूसरी पारी में वे अभिनेता मनोज कुमार की ऑन स्क्रीन मां के रूप में काफी चर्चित रहीं।
ये हैं चर्चित फिल्में
कामिनी कौशल ने शहीद (1948), नदिया के पार (1948), आग (1948), जिद्दी (1948), शबनम (1949), आरजू (1950) और बिराज बहू (1954) जैसी फिल्मों में काम किया था। 'बिराज बहू' के लिए उन्हें 1954 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला था। कामिनी कौशल के अभिनय के साथ-साथ उनकी खूबसूरती के चर्चे भी खूब मशहूर रहे। उन्होंने हर दौर के सितारों के साथ काम किया था। फिल्म 'कबीर सिंह' में वे शाहिद कपूर की दादी के रूप में नजर आई थीं। वहीं, 'चेन्नई एक्सप्रेस' में उन्हें शाहरुख खान की दादी के रोल में देखा गया था।
दिलीप कुमार की पहली प्रेमिका रहीं कामिनी
फिल्मों को लेकर ही नहीं, कामिनी कौशल अपनी निजी जिंदगी को लेकर काफी चर्चा में रहीं। दिलीप कुमार के साथ उनके प्यार के चर्चे खूब थे। कामिनी को दिलीप कुमार की पहली प्रेमिका कहा जाता है। दोनों की जोड़ी ऑनस्क्रीन भी खूब पसंद की गई थी। साल 1948 में रिलीज हुई फिल्म ‘शहीद’ में कामिनी और दिलीप ने साथ काम किया था। यहीं से दोनों की नजदीकियां बढ़ी थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कामिनी के भाई को जब दोनों के प्यार की खबर लगी तो वे आगबबूला हो गए। दरअसल, कामिनी पहले से शादीशुदा थीं। शादीशुदा रहते हुए वे दिलीप कुमार को दिल दे बैठी थीं।
बहन के बच्चों की खातिर जीजा से हुई शादी
कामिनी कौशल की शादी अपने ही जीजा से हुई थी। अपनी बड़ी बहन के पति से उनकी शादी हुई। दरअसल, कामिनी की बहन का एक सड़क हादसे में निधन हो गया था। बहन की संतानों की खातिर कामिनी ने जीजा से शादी रचा ली। इसी बीच उनकी नजदीकी दिलीप कुमार से बढ़ीं। मगर, जब कामिनी के भाई को पता चला कि वह दिलीप कुमार को डेट कर रही हैं तो वे बहुत नाराज हुए। दिलीप कुमार को भी कामिनी से दूर रहने की धमकी दे डाली।
जब कामिनी को पहचान नहीं पाए थे दिलीप कुमार
अरसे बाद कामिनी और दिलीप कुमार की पहचान साल 2013 में हुई। एक्टर प्राण के चौथे में दिलीप कुमार अपनी पत्नी सायरा बानो के साथ पहुंचे थे। वहां, कामिनी पहले से मौजूद थीं। मगर, दिलीप कुमार उन्हें देख पहचान ही नहीं पाए। उस वक्त दिवंगत एक्टर दिलीप कुमार की उम्र करीब 90 वर्ष थी। कामिनी कौशल 86 साल की थीं। साल 2014 में एक इंटरव्यू के दौरान कामिनी ने कहा था, 'जब दिलीप साहब ने मुझे ब्लैंक लुक दिया तो मेरा दिल टूट गया। दरअसल, उस वक्त तक उन्हें किसी को भी पहचानने में दिक्कत होने लगी थी। मुझे यह देख बहुत दुख हुआ और मैं वहां से दूर चली गई'। निजी जिंदगी की बात करें तो कामिनी की शादी के बाद उनके तीन बेटे हुए, राहुल, विदुर और श्रवण हैं।
- 10 साल की उम्र में उन्होंने अपना खुद का कठपुतली थिएटर बनाया।
- 1946 में फिल्म 'नीचा नगर' नगर से करियर शुरू किया।
- 29 सितंबर 1946 को फ्रांस के कान अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में 'नीचा नगर' का प्रदर्शन हुआ।
- 1954 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार 'बिराज बहू' के लिए मिला।
- 1948 में 'शहीद' में काम करते हुए दिलीप कुमार के साथ शुरू हुआ अफेयर।
- 2022 में उन्हें आमिर खान की फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' में देखा गया।
- 2024 में जयपुर अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (जिफ) में आउटस्टैंडिंग लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया।