गोरखपुर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के साथ अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। वर्तमान में 23 संक्रमितों का अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। इनमें सात बीआरडी मेडिकल कॉलेज के 300 बेड के कोविड वार्ड, एक निजी अस्पताल और 15 एयरफोर्स के अस्पताल में भर्ती हैं। जबकि 1664 संक्रमितों का होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ अमरेश सिंह ने बताया कि पहली और दूसरी लहर की तुलना में इस बार संक्रमण की दर तीन गुना है। एक संक्रमित व्यक्ति आठ से नौ लोगों को संक्रमित कर रहा है। जबकि पहली और दूसरी लहर में एक व्यक्ति तीन लोगों को संक्रमित कर रहा था। पहली और दूसरी लहर में भी शुरुआती दौर में मरीजों को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी थी। लेकिन, जब संक्रमण की रफ्तार बढ़ी तो अचानक मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करना पड़ा था। ऐसे में इस बार भी स्थितियां किसी भी समय बिगड़ सकती हैं।
वायरस का म्यूटेशन कब हो जाए, यह कहा नहीं जा सकता है। इसलिए लोग कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। साथ ही बुजुर्ग और बीमार लोग ज्यादा ध्यान दें। सांस के रोगी बाहर कम निकलें। कोविड के नोडल अधिकारी डॉ. एके सिंह ने बताया कि होम आइसोलेशन वाले मरीजों की संख्या 1664 के आसपास है। 13 जनवरी तक सात मरीज बीआरडी मेडिकल कॉलेज के 300 बेड के कोविड वार्ड, एक मरीज निजी अस्पताल और 15 मरीज एयरफोर्स अस्पताल में भर्ती हैं।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ गणेश कुमार ने बताया कि कोरोना वार्ड में कुल 20 संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें सात गोरखपुर के रहने वाले हैं। बाकी 13 मरीज कुशीनगर, महराजगंज, बिहार समेत अन्य जिलों के हैं। इनमें एक मरीज वेंटिलेटर पर है। जबकि अन्य को ऑक्सीजन पर रखा गया है। हालांकि सभी की हालत नियंत्रण में है।
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गोरखपुर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के साथ अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। वर्तमान में 23 संक्रमितों का अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। इनमें सात बीआरडी मेडिकल कॉलेज के 300 बेड के कोविड वार्ड, एक निजी अस्पताल और 15 एयरफोर्स के अस्पताल में भर्ती हैं। जबकि 1664 संक्रमितों का होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ अमरेश सिंह ने बताया कि पहली और दूसरी लहर की तुलना में इस बार संक्रमण की दर तीन गुना है। एक संक्रमित व्यक्ति आठ से नौ लोगों को संक्रमित कर रहा है। जबकि पहली और दूसरी लहर में एक व्यक्ति तीन लोगों को संक्रमित कर रहा था। पहली और दूसरी लहर में भी शुरुआती दौर में मरीजों को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी थी। लेकिन, जब संक्रमण की रफ्तार बढ़ी तो अचानक मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करना पड़ा था। ऐसे में इस बार भी स्थितियां किसी भी समय बिगड़ सकती हैं।
वायरस का म्यूटेशन कब हो जाए, यह कहा नहीं जा सकता है। इसलिए लोग कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। साथ ही बुजुर्ग और बीमार लोग ज्यादा ध्यान दें। सांस के रोगी बाहर कम निकलें। कोविड के नोडल अधिकारी डॉ. एके सिंह ने बताया कि होम आइसोलेशन वाले मरीजों की संख्या 1664 के आसपास है। 13 जनवरी तक सात मरीज बीआरडी मेडिकल कॉलेज के 300 बेड के कोविड वार्ड, एक मरीज निजी अस्पताल और 15 मरीज एयरफोर्स अस्पताल में भर्ती हैं।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ गणेश कुमार ने बताया कि कोरोना वार्ड में कुल 20 संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें सात गोरखपुर के रहने वाले हैं। बाकी 13 मरीज कुशीनगर, महराजगंज, बिहार समेत अन्य जिलों के हैं। इनमें एक मरीज वेंटिलेटर पर है। जबकि अन्य को ऑक्सीजन पर रखा गया है। हालांकि सभी की हालत नियंत्रण में है।