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UP: गोरखपुर चिड़ियाघर की पहली बाघिन मैलानी की मौत, लिवर-किडनी हो चुके थे खराब; बर्ड फ्लू से भी थी पीड़ित
अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर
Published by: अनुज कुमार
Updated Wed, 12 Nov 2025 08:55 PM IST
सार
गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में 13 वर्षीय बाघिन मैलानी की बुधवार सुबह मौत हो गई। मैलानी के लिवर-किडनी खराब हो गए थे। आंखें भी कमजोर थीं। 2021 में लखनऊ से आई मैलानी मई 2025 में बर्ड फ्लू की चपेट में आई थी।
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बाघिन मैलानी की मौत
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) में बुधवार की सुबह बाघिन मैलानी (13) की मौत हो गई। वह लंबे समय से बीमार थी और उसका लिवर-किडनी भी खराब हो चुका था। चिड़ियाघर के अस्पताल में रखकर उसका उपचार किया जा रहा था। शाम को पोस्टमॉर्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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मैलानी को वर्ष 2021 में लखनऊ चिड़ियाघर से लाया गया था। वह चिड़ियाघर में आने वाली पहली बाघिन थी। इसके पहले वह लखीमपुर खीरी के जंगलों में थी, जहां से रेस्क्यू कर लखनऊ भेजी गई थी। गोरखपुर चिड़ियाघर की शुरुआत से ही मैलानी यहां पर मौजूद थी। पहले वह बाड़े में थी लेकिन सेहत बिगड़ने की वजह से इसी वर्ष जनवरी में उसे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। उसकी आंखें लगभग खराब हो चुकी थीं, जिसकी वजह से देखने में भी परेशानी होती थी।
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मई 2025 में वह बर्ड फ्लू की चपेट में भी आ गई। करीब एक महीने तक उपचार के बाद वह बर्ड फ्लू से निगेटिव आ गई लेकिन इसके बाद उसके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया। धीरे-धीरे उसकी खुराक भी काफी कम हो गई थी।
प्राणि उद्यान के उपनिदेशक एवं पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि अधिक उम्र ने मैलानी की प्रतिरोधक क्षमता को भी कम कर दिया था। आईवीआरआई, बरेली और पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय कुमारगंज, अयोध्या के साथ-साथ अन्य चिड़ियाघरों के भी वन्यजीव विशेषज्ञों से आवश्यक परामर्श लेते हुए मैलानी का लगातार उपचार किया जाता रहा। लगातार छह महीने तक उपचार के बाद बुधवार की सुबह उसने अंतिम सांस ली।
शाम को चिड़ियाघर के अस्पताल में शोक सभा आयोजित कर बाघिन को श्रद्धांजलि दी गई। इसमें निदेशक डॉ. बीसी ब्रह्मा, उप निदेशक डॉ योगेश प्रताप सिंह, डॉ. आरके सिंह, डॉ. साकेत श्रीवास्तव, क्षेत्रीय वन अधिकारी श्याम विहारी सिंह, मारकंडे गौड़, रीमा गुप्ता आदि मौजूद रहे।
उम्र अधिक होने के कारण बाघिन मैलानी को चलने और देखने में कठिनाई होती थी। इस वजह से उसे मुख्य बाड़े से हॉस्पिटल एरिया में शिफ्ट कर दिया गया था। बुधवार को उसने अस्पताल में अंतिम सांस ली। पोस्टमॉर्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।- डॉ. बीसी ब्रह्मा, निदेशक, चिड़ियाघर