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देवरिया: घर के छत पर खेल रहे बच्चे के गले में घुसा था सरिया, डॉक्टर ने दिया जीवनदान
अमर उजाला ब्यूरो, देवरिया।
Published by: vivek shukla
Updated Sun, 26 Apr 2020 03:43 PM IST
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सर्जन डॉक्टर अभिषेक जीना ने राज को दिया जीवनदान।
- फोटो : अमर उजाला।
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कोरोना महामारी के बीच बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर देवरिया के राज (12) के लिए भगवान साबित हुए। बालक के मुंह से आर-पार होते हुए सरिया को डेढ़ से दो घंटे के बीच ऑपरेशन कर उसे निकाल दिया। बच्चे की हालत पूरी तरह से अब ठीक है। वह पोस्ट ऑपरेशन वार्ड में भर्ती है।
गौरीबाजार थाना क्षेत्र के बौड़ी तिवारी गांव में शनिवार को राज अपने साथियों के साथ गांव के ही एक निर्माणाधीन मकान के छत पर खेल रहा था। अचानक वह एक पिलर पर गिर गया। इस बीच पिलर का सरिया उसके मुंह में घुसते आर-पार होकर सीने तक पहुंच गया।
बच्चों ने शोर मचाया तो किसी तरह गांव के लोगों ने हिम्मत करते हुए सरिया का एक सिरा काटा। बाकी सरिया का शेष हिस्सा मुंह में फंसा हुआ था। परिजन जिला अस्पताल देवरिया लेकर गए। डाक्टरों ने मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया।
मेडिकल कॉलेज में ब्लड आदि जांच करते हुए शनिवार की देर रात 11:45 बजे ऑपरेशन शुरू हुआ। करीब डेढ़ से दो घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद बच्चे के मुंह में धंसा सरिया निकाला गया। ऑपरेशन सफल होने पर डॉक्टरों ने राहत की सांस ली।
ऑपरेशन में एनेस्थीसिया विभाग के डॉ सतीश, सर्जरी विभाग के डॉ अभिषेक जीना व डॉ सैम्फ, नाक,कान, गला विभाग के डॉ. आरएन यादव व डॉ. वर्तिका शामिल थी। डॉ. अभिषेक जीना ने बताया कि जीभ का अगला हिस्सा, गला व सीने में हुए नुकसान को ठीक कर दिया गया है।
परमानेंट डैमेज नहीं रह गया है। डर था कि कही बच्चा तोतला न हो जाए, लेकिन अब डर नहीं है। वह बिल्कुल स्वस्थ्य है। परिजनों ने खुशी जताते हुए डॉक्टरों को धन्यवाद देते हुए कहा है कि वास्तव में धरती के भगवान डॉक्टर ही हैं।
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गौरीबाजार थाना क्षेत्र के बौड़ी तिवारी गांव में शनिवार को राज अपने साथियों के साथ गांव के ही एक निर्माणाधीन मकान के छत पर खेल रहा था। अचानक वह एक पिलर पर गिर गया। इस बीच पिलर का सरिया उसके मुंह में घुसते आर-पार होकर सीने तक पहुंच गया।
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बच्चों ने शोर मचाया तो किसी तरह गांव के लोगों ने हिम्मत करते हुए सरिया का एक सिरा काटा। बाकी सरिया का शेष हिस्सा मुंह में फंसा हुआ था। परिजन जिला अस्पताल देवरिया लेकर गए। डाक्टरों ने मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया।
मेडिकल कॉलेज में ब्लड आदि जांच करते हुए शनिवार की देर रात 11:45 बजे ऑपरेशन शुरू हुआ। करीब डेढ़ से दो घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद बच्चे के मुंह में धंसा सरिया निकाला गया। ऑपरेशन सफल होने पर डॉक्टरों ने राहत की सांस ली।
ऑपरेशन में एनेस्थीसिया विभाग के डॉ सतीश, सर्जरी विभाग के डॉ अभिषेक जीना व डॉ सैम्फ, नाक,कान, गला विभाग के डॉ. आरएन यादव व डॉ. वर्तिका शामिल थी। डॉ. अभिषेक जीना ने बताया कि जीभ का अगला हिस्सा, गला व सीने में हुए नुकसान को ठीक कर दिया गया है।
परमानेंट डैमेज नहीं रह गया है। डर था कि कही बच्चा तोतला न हो जाए, लेकिन अब डर नहीं है। वह बिल्कुल स्वस्थ्य है। परिजनों ने खुशी जताते हुए डॉक्टरों को धन्यवाद देते हुए कहा है कि वास्तव में धरती के भगवान डॉक्टर ही हैं।