टीबी रोगियों की खोज व उपचार के लिए जिले के दर्जनभर से अधिक धर्मगुरु और मदरसा शिक्षकों का भी सहयोग लिया जाएगा। ये लोग जनसमुदाय को टीबी रोग के प्रति जागरूक करेंगे।
मंगलवार को आजादी का अमृत महोत्सव अभियान के तहत आयोजित आईकॉनिक वीक ऑफ हेल्थ कार्यक्रम में इस पर चर्चा की गई। जिला क्षय रोग केंद्र में हुए इस कार्यक्रम में जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. रामेश्वर मिश्र और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पांडेय ने धर्मगुरुओं से संभावित मरीजों को जांच व इलाज के लिए प्रेरित करने की अपील की ।
कार्यक्रम में उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. विराट स्वरूप श्रीवास्तव ने टीबी के लक्षणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान बताया गया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं। ऐसे टीबी के संभावित मरीज दिखें तो उनकी टीबी की जांच अवश्य करवाई जानी चाहिए ।
टीबी ग्रसित बच्चों को गोद लेने की अपील
डीटीओ ने उपस्थित धर्मगुरुओं और मदरसा शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि अपने क्षेत्र के टीबी ग्रसित बच्चों को गोद लें। गोद लेने का आशय बच्चे का समय- समय पर हालचाल लेना और यह सुनिश्चित करना है कि उनकी दवा बंद न हो। बच्चे को पोषक तत्व युक्त खानपान की चीजें भी मुहैया कराएं।
मरीज को हर माह दिए जाते हैं 500 रुपये
डीटीओ ने बताया कि टीबी के मरीज को उपचार के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह पोषण के लिए दिए जाते हैं। टीबी के नये रोगी को खोजने वाले गैर सरकारी व्यक्ति को भी 500 रुपये दिये जाते हैं। टीबी की जांच और इलाज की नि:शुल्क सुविधा सभी सरकारी अस्पतालों पर उपलब्ध है।
धर्मगुरुओं ने दिया आश्वासन
कार्यक्रम के दौरान धर्मगुरुओं और मदरसा शिक्षकों ने अधिकारियों को आश्वस्त किया कि वे टीबी रोगियों को ढूंढने में मदद करेंगे। प्रचार-प्रसार में भी सहयोग का आश्वासन दिया। इस मौके पर डीआर लाल, डॉ. एसके लारेंस, मिर्जा रफीउल्लाह, मो. अजमल, नजरे आलम, अख्तर हुसैन, सरदार बलबीर सिंह आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम में जिला समन्वयक धर्मवीर प्रताप सिंह, पीपीएम कोआर्डिनेटर एएन मिश्र और वर्ल्ड विजन इंडिया संस्था के प्रतिनिधि शक्ति पांडेय भी मौजूद रहे।
विस्तार
टीबी रोगियों की खोज व उपचार के लिए जिले के दर्जनभर से अधिक धर्मगुरु और मदरसा शिक्षकों का भी सहयोग लिया जाएगा। ये लोग जनसमुदाय को टीबी रोग के प्रति जागरूक करेंगे।
मंगलवार को आजादी का अमृत महोत्सव अभियान के तहत आयोजित आईकॉनिक वीक ऑफ हेल्थ कार्यक्रम में इस पर चर्चा की गई। जिला क्षय रोग केंद्र में हुए इस कार्यक्रम में जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. रामेश्वर मिश्र और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पांडेय ने धर्मगुरुओं से संभावित मरीजों को जांच व इलाज के लिए प्रेरित करने की अपील की ।
कार्यक्रम में उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. विराट स्वरूप श्रीवास्तव ने टीबी के लक्षणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान बताया गया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं। ऐसे टीबी के संभावित मरीज दिखें तो उनकी टीबी की जांच अवश्य करवाई जानी चाहिए ।
टीबी ग्रसित बच्चों को गोद लेने की अपील
डीटीओ ने उपस्थित धर्मगुरुओं और मदरसा शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि अपने क्षेत्र के टीबी ग्रसित बच्चों को गोद लें। गोद लेने का आशय बच्चे का समय- समय पर हालचाल लेना और यह सुनिश्चित करना है कि उनकी दवा बंद न हो। बच्चे को पोषक तत्व युक्त खानपान की चीजें भी मुहैया कराएं।
मरीज को हर माह दिए जाते हैं 500 रुपये
डीटीओ ने बताया कि टीबी के मरीज को उपचार के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह पोषण के लिए दिए जाते हैं। टीबी के नये रोगी को खोजने वाले गैर सरकारी व्यक्ति को भी 500 रुपये दिये जाते हैं। टीबी की जांच और इलाज की नि:शुल्क सुविधा सभी सरकारी अस्पतालों पर उपलब्ध है।
धर्मगुरुओं ने दिया आश्वासन
कार्यक्रम के दौरान धर्मगुरुओं और मदरसा शिक्षकों ने अधिकारियों को आश्वस्त किया कि वे टीबी रोगियों को ढूंढने में मदद करेंगे। प्रचार-प्रसार में भी सहयोग का आश्वासन दिया। इस मौके पर डीआर लाल, डॉ. एसके लारेंस, मिर्जा रफीउल्लाह, मो. अजमल, नजरे आलम, अख्तर हुसैन, सरदार बलबीर सिंह आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम में जिला समन्वयक धर्मवीर प्रताप सिंह, पीपीएम कोआर्डिनेटर एएन मिश्र और वर्ल्ड विजन इंडिया संस्था के प्रतिनिधि शक्ति पांडेय भी मौजूद रहे।