इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण 7500 अंक का होगा। पिछली बार 6000 अंकों का था। केंद्रीय शहरी आवास मंत्रालय ने स्वच्छता सर्वेक्षण के सातवें संस्करण के सर्वे की शुरूआत कर दी है। साथ ही नई गाइड लाइंस भी जारी कर दी है। इस बार सर्वेक्षण का दायरा बढ़ाकर शत प्रतिशत वार्डों तक कर दिया गया है, जबकि पिछले वर्षों में यह 40 प्रतिशत था।
नए साल के साथ स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग की कवायद शुरू हो गई है। इस बार रैंकिंग के मानकों में कई तरह के बदलाव किए गए हैं। अंकों के लिए तीन श्रेणियां बनाई गई है। 30 प्रतिशत अंक (2250) सिटीजन वॉयस के लिए, 40 प्रतिशत अंक (3000) सर्विस लेवल प्रोग्राम के लिए और 30 प्रतिशत अंक (2250) सर्टिफिकेशन के लिए तय किया गया है। इस बार नगर निगम क्षेत्र के तमाम भवनों की जियो टैगिग की जाएगी। साथ ही सार्वजनिक शौचालय 24 घंटे खुले रखने होंगे और उनमें सेनेटरी नैपकिन से लेकर पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।
सर्विस लेवल प्रोग्राम में कोरोना से बचाव के इंतजाम भी शामिल
सर्विस लेवल प्रोग्राम के अंकों में कोरोना से बचाव के इंतजाम को भी शामिल किया गया है। स्वच्छ सर्वेक्षण प्रभारी एवं सहायक नगर आयुक्त डॉ. मणिभूषण तिवारी ने बताया कि सर्वे में डिजिटल ट्रैकिंग व सफाई सुरक्षा मित्र (सफाई कर्मचारियों) को भी शामिल किया गया है। सफाई सुरक्षा मित्र के तहत कर्मियों के लिए महामारी से बचाव के लिए वैक्सीनेशन, पीपीई किट, मास्क या अन्य संसाधनों के इंतजाम, स्वास्थ्य जांच, बीमा आदि की जांच होगी। डिजिटल ट्रैकिंग के तहत फीडबैक, मॉनिटरिंग, पब्लिक कम्युनिटी टॉयलेट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की मॉनिटरिंग कंप्यूटर से होगी।
इस तरह मिलेंगे अंक
सिटीजन फीडबैक
इस बार सिटीजन फीडबैक 1800 के बजाय 2250 अंक का होगा। ये कुल अंकों का 30 फीसदी है। इसके तहत छह विभिन्न तरीकों के माध्यम से सिटीजन फीडबैक के 600 अंक रहेंगे। इसमें स्वच्छता एप, क्यूआर कोड, वोट फॉर योर सिटी व फेस टू फेस फीडबैक शामिल है। इसके अलावा सिटीजन इंगेजमेंट (जागरूकता अभियान) के 160 अंक, बेस्ट प्रेक्टिस इनोवेशन के 150, स्वच्छता एप के 400 व सफाई सुरक्षा मित्र के 900 अंक निर्धारित किए गए हैं।
सर्विस लेवल प्रोग्राम
इस बार सर्विस लेवल प्रोग्राम 2000 के बजाए 3000 अंकों का होगा। सतत सफाई व्यवस्था व सफाई सुरक्षा मित्र के 900 और अलग-अलग कूड़ा कलेक्शन के 900 अंक और प्रोसेसिंग व निस्तारण के 1200 अंक निर्धारित किए गए हैं। इसमें सेग्रीगेशन के 900 अंक, सस्टेनेबल के 900 अंक और डिस्पोजल के 1200 अंक शामिल रहेंगे।
नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण 7500 अंकों का होगा। सिटीजन फीडबैक से लेकर सर्विस लेवल प्रोग्राम के अंकों में बढ़ोतरी की गई है। कई मानकों को पूरा करने की शुरुआत हो चुकी है।
विस्तार
इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण 7500 अंक का होगा। पिछली बार 6000 अंकों का था। केंद्रीय शहरी आवास मंत्रालय ने स्वच्छता सर्वेक्षण के सातवें संस्करण के सर्वे की शुरूआत कर दी है। साथ ही नई गाइड लाइंस भी जारी कर दी है। इस बार सर्वेक्षण का दायरा बढ़ाकर शत प्रतिशत वार्डों तक कर दिया गया है, जबकि पिछले वर्षों में यह 40 प्रतिशत था।
नए साल के साथ स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग की कवायद शुरू हो गई है। इस बार रैंकिंग के मानकों में कई तरह के बदलाव किए गए हैं। अंकों के लिए तीन श्रेणियां बनाई गई है। 30 प्रतिशत अंक (2250) सिटीजन वॉयस के लिए, 40 प्रतिशत अंक (3000) सर्विस लेवल प्रोग्राम के लिए और 30 प्रतिशत अंक (2250) सर्टिफिकेशन के लिए तय किया गया है। इस बार नगर निगम क्षेत्र के तमाम भवनों की जियो टैगिग की जाएगी। साथ ही सार्वजनिक शौचालय 24 घंटे खुले रखने होंगे और उनमें सेनेटरी नैपकिन से लेकर पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।
सर्विस लेवल प्रोग्राम में कोरोना से बचाव के इंतजाम भी शामिल
सर्विस लेवल प्रोग्राम के अंकों में कोरोना से बचाव के इंतजाम को भी शामिल किया गया है। स्वच्छ सर्वेक्षण प्रभारी एवं सहायक नगर आयुक्त डॉ. मणिभूषण तिवारी ने बताया कि सर्वे में डिजिटल ट्रैकिंग व सफाई सुरक्षा मित्र (सफाई कर्मचारियों) को भी शामिल किया गया है। सफाई सुरक्षा मित्र के तहत कर्मियों के लिए महामारी से बचाव के लिए वैक्सीनेशन, पीपीई किट, मास्क या अन्य संसाधनों के इंतजाम, स्वास्थ्य जांच, बीमा आदि की जांच होगी। डिजिटल ट्रैकिंग के तहत फीडबैक, मॉनिटरिंग, पब्लिक कम्युनिटी टॉयलेट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की मॉनिटरिंग कंप्यूटर से होगी।