देवरिया जिले के सलेमपुर में नवनिर्मित मंदिर में स्थापित भगवान शंकर व हनुमान की प्रतिमा को बुधवार की रात में तहसीलदार और कोतवाल पुलिस फोर्स के साथ आए और उखाड़ कर कोतवाली ले गए। जब इसकी जानकारी मोहल्ले के लोगों को हुई तो हंगामा करने लगे। इसी बीच तहसीलदार कई थानों की फोर्स और नगर पंचायत की जेसीबी लेकर नवनिर्मित मंदिर पर पहुंच गए। लेकिन लोगों का तेवर देख प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा और मोहल्ले के लोगों को चार दिन का मोहल्लत देकर घर जाने की बात कही गई। कोतवाल की बातों से संतुष्ट लोग अपने-अपने घर चले गए। इसी बीच तकरीबन दो बजे रात में प्रशासन ने बुलडोजर लगाकर नवनिर्मित मंदिर को ध्वस्त कर दिया। इसको लेकर पुलिस और मोहल्लेवासियों के बीच नोकझोंक भी हुई। मामला इतना बढ़ गया कि कई थानों की फोर्स बुला लिया गया। गुरुवार को भी वहां तनाव की स्थित बनी हुई है। जिसके चलते पुलिसकर्मी जमे रहे।
जानकारी के अनुसार, नगर पंचायत के टीचर्स कॉलोनी वार्ड में चेयरमैन जेपी मद्देशिया ने नगर पंचायत की भूमि बताकर खाली जमीन पर नौ अक्तूबर को एक मंदिर का शिलान्यास किया। चेयरमैन के मुताबिक यह भूमि नगर पंचायत मौजा की है। जिस पर आसपास के लोग अवैध कब्जा जमाए हुए थे। मोहल्ले के लोगों की मांग पर वहां जनसहयोग से निर्माण कार्य शुरू किया गया। 20 नवंबर को गर्भगृह के पूजन के बाद 24 घंटे अखंड हरिकिर्तन हुआ, जिसमें मझौलीराज के दीर्घेश्वर नाथ मंदिर के महंत के मौजूद रहे।
चेयरमैन की मौजूदगी में बुधवार की सुबह हनुमान और भगवान शंकर की प्रतिमा का स्थापना किया गया। शाम करीब 8:00 बजे तहसीलदार और कोतवाल पहुंचकर मूर्ति को तोड़कर उठा लाए। जब इसकी जानकारी हुई तो मोहल्ले के लोगों ने हंगामा करते हुए कोतवाली पहुंचकर घेराव किया। भीड़ कोतवाली के तरफ आते देख तहसीलदार शैलेंद्र कुमार नगर पंचायत की जेसीबी लेकर नवनिर्मित मंदिर पर पहुंच गए और तोड़फोड़ शुरू कर दिए।
इसकी जानकारी मिलते ही भीड़ कोतवाली से दौड़ते हुए मंदिर पहुंची। प्रशासन और लोगों के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। लोगों का आरोप है कि कोतवाल नवीन कुमार मिश्र और तहसीलदार शैलेंद्र कुमार ने चार दिन का मोहल्लत देकर हम लोगों को अपने-अपने घर भेज दिया और जब हम लोग चले गए तो बुलडोजर लगवा कर मंदिर को ध्वस्त करा दिया गया।
मंदिर समिति के अध्यक्ष दीनदयाल मिश्र ने बताया कि जनता से सहयोग लेकर मंदिर के निर्माण में तकरीबन चार लाख से अधिक रुपया अब तक खर्च कर दिया गया था, लेकिन प्रशासन के तरफ से ना कोई नोटिस दिया गया और ना ही कोई सूचना दी गई। मूर्ति प्रतिमा स्थापित होने के बाद बुधवार की रात कई थानों की पुलिस के साथ तहसीलदार और कोतवाल ने जबरन मंदिर को बुलडोजर लगाकर ध्वस्त करा दिया। अगर न्याय नहीं मिला तो सड़क पर उतरकर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। उधर, तहसीलदार का कहना है कि अधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई की गई है।
विस्तार
देवरिया जिले के सलेमपुर में नवनिर्मित मंदिर में स्थापित भगवान शंकर व हनुमान की प्रतिमा को बुधवार की रात में तहसीलदार और कोतवाल पुलिस फोर्स के साथ आए और उखाड़ कर कोतवाली ले गए। जब इसकी जानकारी मोहल्ले के लोगों को हुई तो हंगामा करने लगे। इसी बीच तहसीलदार कई थानों की फोर्स और नगर पंचायत की जेसीबी लेकर नवनिर्मित मंदिर पर पहुंच गए। लेकिन लोगों का तेवर देख प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा और मोहल्ले के लोगों को चार दिन का मोहल्लत देकर घर जाने की बात कही गई। कोतवाल की बातों से संतुष्ट लोग अपने-अपने घर चले गए। इसी बीच तकरीबन दो बजे रात में प्रशासन ने बुलडोजर लगाकर नवनिर्मित मंदिर को ध्वस्त कर दिया। इसको लेकर पुलिस और मोहल्लेवासियों के बीच नोकझोंक भी हुई। मामला इतना बढ़ गया कि कई थानों की फोर्स बुला लिया गया। गुरुवार को भी वहां तनाव की स्थित बनी हुई है। जिसके चलते पुलिसकर्मी जमे रहे।
जानकारी के अनुसार, नगर पंचायत के टीचर्स कॉलोनी वार्ड में चेयरमैन जेपी मद्देशिया ने नगर पंचायत की भूमि बताकर खाली जमीन पर नौ अक्तूबर को एक मंदिर का शिलान्यास किया। चेयरमैन के मुताबिक यह भूमि नगर पंचायत मौजा की है। जिस पर आसपास के लोग अवैध कब्जा जमाए हुए थे। मोहल्ले के लोगों की मांग पर वहां जनसहयोग से निर्माण कार्य शुरू किया गया। 20 नवंबर को गर्भगृह के पूजन के बाद 24 घंटे अखंड हरिकिर्तन हुआ, जिसमें मझौलीराज के दीर्घेश्वर नाथ मंदिर के महंत के मौजूद रहे।
चेयरमैन की मौजूदगी में बुधवार की सुबह हनुमान और भगवान शंकर की प्रतिमा का स्थापना किया गया। शाम करीब 8:00 बजे तहसीलदार और कोतवाल पहुंचकर मूर्ति को तोड़कर उठा लाए। जब इसकी जानकारी हुई तो मोहल्ले के लोगों ने हंगामा करते हुए कोतवाली पहुंचकर घेराव किया। भीड़ कोतवाली के तरफ आते देख तहसीलदार शैलेंद्र कुमार नगर पंचायत की जेसीबी लेकर नवनिर्मित मंदिर पर पहुंच गए और तोड़फोड़ शुरू कर दिए।
इसकी जानकारी मिलते ही भीड़ कोतवाली से दौड़ते हुए मंदिर पहुंची। प्रशासन और लोगों के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। लोगों का आरोप है कि कोतवाल नवीन कुमार मिश्र और तहसीलदार शैलेंद्र कुमार ने चार दिन का मोहल्लत देकर हम लोगों को अपने-अपने घर भेज दिया और जब हम लोग चले गए तो बुलडोजर लगवा कर मंदिर को ध्वस्त करा दिया गया।
मंदिर समिति के अध्यक्ष दीनदयाल मिश्र ने बताया कि जनता से सहयोग लेकर मंदिर के निर्माण में तकरीबन चार लाख से अधिक रुपया अब तक खर्च कर दिया गया था, लेकिन प्रशासन के तरफ से ना कोई नोटिस दिया गया और ना ही कोई सूचना दी गई। मूर्ति प्रतिमा स्थापित होने के बाद बुधवार की रात कई थानों की पुलिस के साथ तहसीलदार और कोतवाल ने जबरन मंदिर को बुलडोजर लगाकर ध्वस्त करा दिया। अगर न्याय नहीं मिला तो सड़क पर उतरकर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। उधर, तहसीलदार का कहना है कि अधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई की गई है।