शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के एक साथ आने के बाद, पूर्वांचल में प्रसपा के नेताओं को अब चुनावी अखाड़े में उतरने के लिए अखिलेश की हरी झंडी का इंतजार है।
शिवपाल सिंह यादव ने जब सपा से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई तब पूर्वांचल के कई ऐसे नेता थे, जिन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव की जगह शिवपाल को तरजीह दी। उनका कहना था कि शिवपाल यादव जमीन के नेता है। सपा को खड़ा करने में उनकी अहम भूमिका रही है।
ऐसे लोगों में पूर्व मंत्री जयप्रकाश यादव, पूर्व मंत्री फातिमा सादाब, दीपक मिश्रा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य श्याम नारायण यादव, धनावती यादव, श्रीराम यादव, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राम मिलन यादव, बांसगांव टाउन एरिया के पूर्व चेयरमैन अंशुमान सिंह जैसे कई अन्य नेता शामिल हैं। इनमें से कई ऐसे हैं, जो विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगे थे। लेकिन, शिवपाल यादव ने विधान सभा चुनाव के लिए अखिलेश से हाथ मिला लिया। इस समझौते के बाद, अब शिवपाल के कठिन दिनों के साथी असमंजस में हैं।
प्रसपा के एक नेता का दावा है कि पूर्वांचल की तीन सीटों पर उनके दल के प्रत्याशी को टिकट मिल सकता है। एक अन्य प्रसपा नेता ने बताया कि वह दावेदार हैं, लेकिन शिवपाल यादव ने कहा है कि यदि टिकट न मिले तो नाराज मत होना। एक अन्य कद्दावर नेता का कहना है कि पूर्वांचल में पार्टी को एक भी टिकट नहीं मिलेगा। कहा कि जब शिवपाल को यही करना था तो अलग पार्टी बनाने की क्या जरूरत थी। अब यदि वह फिर अलग हुए तो कोई उनके साथ नही खड़ा होगा।
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शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के एक साथ आने के बाद, पूर्वांचल में प्रसपा के नेताओं को अब चुनावी अखाड़े में उतरने के लिए अखिलेश की हरी झंडी का इंतजार है।
शिवपाल सिंह यादव ने जब सपा से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई तब पूर्वांचल के कई ऐसे नेता थे, जिन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव की जगह शिवपाल को तरजीह दी। उनका कहना था कि शिवपाल यादव जमीन के नेता है। सपा को खड़ा करने में उनकी अहम भूमिका रही है।
ऐसे लोगों में पूर्व मंत्री जयप्रकाश यादव, पूर्व मंत्री फातिमा सादाब, दीपक मिश्रा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य श्याम नारायण यादव, धनावती यादव, श्रीराम यादव, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राम मिलन यादव, बांसगांव टाउन एरिया के पूर्व चेयरमैन अंशुमान सिंह जैसे कई अन्य नेता शामिल हैं। इनमें से कई ऐसे हैं, जो विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगे थे। लेकिन, शिवपाल यादव ने विधान सभा चुनाव के लिए अखिलेश से हाथ मिला लिया। इस समझौते के बाद, अब शिवपाल के कठिन दिनों के साथी असमंजस में हैं।
प्रसपा के एक नेता का दावा है कि पूर्वांचल की तीन सीटों पर उनके दल के प्रत्याशी को टिकट मिल सकता है। एक अन्य प्रसपा नेता ने बताया कि वह दावेदार हैं, लेकिन शिवपाल यादव ने कहा है कि यदि टिकट न मिले तो नाराज मत होना। एक अन्य कद्दावर नेता का कहना है कि पूर्वांचल में पार्टी को एक भी टिकट नहीं मिलेगा। कहा कि जब शिवपाल को यही करना था तो अलग पार्टी बनाने की क्या जरूरत थी। अब यदि वह फिर अलग हुए तो कोई उनके साथ नही खड़ा होगा।