134ए के तहत दाखिला न मिलने से खफा अभिभावकों ने वीरवार के बाद शुक्रवार को भी एडीसी कार्यालय के बाहर चार घंटे तक बवाल काटा। इस दौरान अभिभावकों ने सरकार समेत जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ नारेबाजी की। अभिभावक बच्चों का दाखिला करवाने की मांग पर अड़े रहे। अभिभावकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गया। मामला बिगड़ता देख एडीसी सचिन गुप्ता ने सभी बच्चों का दाखिला करवाने की जिम्मेवारी ली। उन्होंने सभी अभिभावकों से दाखिले के फार्म जिला शिक्षा सदन में जमा करवाने के लिए कहा।
साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि वह सभी बच्चों का दाखिला करवाना सुनिश्चित करें। इसके बाद अभिभावकों ने अपने सभी दस्तावेज जिला शिक्षा सदन में जमा करवाए और वापस लौट गए। गौरतलब है कि वीरवार को भी अभिभावकों ने शिक्षा सदन के गेट पर ताला लगा दिया था।
निजी स्कूलों ने दाखिला देने से किया इंकार
एडीसी सचिन गुप्ता, एसडीएम हितेष मीना, जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार के साथ शुक्रवार को निजी स्कूल प्रबंधकों की बैठक हुई। इस बैठक में प्रशासन ने 134ए के तहत बच्चों को दाखिला देने के निर्देश दिए। मगर, निजी स्कूल प्रबंधकों ने दाखिला देने से मना कर दिया। साथ ही कहा कि जब तक सरकार उनकी सभी मांगों को नहीं मानती, तब तक वह बच्चों को दाखिला नहीं देंगे। इस दौरान मुख्य रूप से सौरभ कपूर व उनके साथ अन्य स्कूलों के प्रबंधक सदस्य मौजूद रहे।
सात जनवरी तक बढ़ी दाखिले की तारीख
134ए के तहत दाखिला लेने की तारीख सात जनवरी तक बढ़ा दी गई है। इसको लेकर शिक्षा निदेशालय की ओर से पत्र जारी किया गया है। इसके बाद अभिभावकों ने राहत की सांस ली है। मगर, इस बीच सभी विद्यार्थियों का दाखिला करवाने की जिम्मेवारी प्रशासन की ही रहेगी।
इधर तो कभी उधर खा रहे धक्के
पिछले काफी समय से कभी इधर तो कभी उधर धक्के खा रहे हैं। मगर, अभी तक दाखिला नहीं हुआ है। वीरवार को पूरा दिन शिक्षा सदन में लगा दिया था और शुक्रवार को भी सुबह से एडीसी कार्यालय के बाहर बैठे हैं। हम तो परेशान हो गए हैं।
-ज्ञानचंद धीमान, अभिभावक
प्रशासन कराए बच्चों का दाखिला
प्रशासन की जिम्मेदारी है कि 134ए के तहत बच्चों का दाखिला करवाए। हम पिछले दो सप्ताह से कभी स्कूल के तो कभी शिक्षा विभाग कार्यालयों के साथ अन्य अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। मगर, अभी तक समाधान नहीं हुआ है।
- रमनपाल, अभिभावक।
दाखिला करवाना मुसीबत बन गया
134ए के तहत दाखिला करवाना हमारे लिए मुसीबत बन गया है। हम तो चक्कर काट-काट कर परेशान हो गए हैं। कभी कार्यालय भेज देते हैं तो कभी स्कूल। प्रशासन के पास दस्तावेज जमा करवा दिए हैं। प्रशासन को दाखिला देना ही होगा।
- नरेश कुमार, अभिभावक।
प्रदर्शन करने को मजबूर हो गए हैं
सरकार की जिम्मेवारी है कि वह हमारे बच्चों का दाखिला करवाए। हम पिछले दो सप्ताह से दाखिला करवाने के लिए चक्कर काट रहे हैं। वीरवार को भी मजबूरी में जिला शिक्षा सदन के गेट पर ताला लगाना पड़ा था। शुक्रवार को भी प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं।
- सुखबीर सिंह, अभिभावक।
जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दे दिए हैं कि वह सभी अभिभावकों से बच्चों के फार्म ले लें और स्वयं स्कैन करते हुए स्कूल में उपलब्ध करवाएं। अब बच्चों के दाखिला करवाने की जिम्मेदारी प्रशासन की है।
- सचिन गुप्ता, एडीसी, अंबाला।
134ए के तहत दाखिला न मिलने से खफा अभिभावकों ने वीरवार के बाद शुक्रवार को भी एडीसी कार्यालय के बाहर चार घंटे तक बवाल काटा। इस दौरान अभिभावकों ने सरकार समेत जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ नारेबाजी की। अभिभावक बच्चों का दाखिला करवाने की मांग पर अड़े रहे। अभिभावकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गया। मामला बिगड़ता देख एडीसी सचिन गुप्ता ने सभी बच्चों का दाखिला करवाने की जिम्मेवारी ली। उन्होंने सभी अभिभावकों से दाखिले के फार्म जिला शिक्षा सदन में जमा करवाने के लिए कहा।
साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि वह सभी बच्चों का दाखिला करवाना सुनिश्चित करें। इसके बाद अभिभावकों ने अपने सभी दस्तावेज जिला शिक्षा सदन में जमा करवाए और वापस लौट गए। गौरतलब है कि वीरवार को भी अभिभावकों ने शिक्षा सदन के गेट पर ताला लगा दिया था।
निजी स्कूलों ने दाखिला देने से किया इंकार
एडीसी सचिन गुप्ता, एसडीएम हितेष मीना, जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार के साथ शुक्रवार को निजी स्कूल प्रबंधकों की बैठक हुई। इस बैठक में प्रशासन ने 134ए के तहत बच्चों को दाखिला देने के निर्देश दिए। मगर, निजी स्कूल प्रबंधकों ने दाखिला देने से मना कर दिया। साथ ही कहा कि जब तक सरकार उनकी सभी मांगों को नहीं मानती, तब तक वह बच्चों को दाखिला नहीं देंगे। इस दौरान मुख्य रूप से सौरभ कपूर व उनके साथ अन्य स्कूलों के प्रबंधक सदस्य मौजूद रहे।
सात जनवरी तक बढ़ी दाखिले की तारीख
134ए के तहत दाखिला लेने की तारीख सात जनवरी तक बढ़ा दी गई है। इसको लेकर शिक्षा निदेशालय की ओर से पत्र जारी किया गया है। इसके बाद अभिभावकों ने राहत की सांस ली है। मगर, इस बीच सभी विद्यार्थियों का दाखिला करवाने की जिम्मेवारी प्रशासन की ही रहेगी।
इधर तो कभी उधर खा रहे धक्के
पिछले काफी समय से कभी इधर तो कभी उधर धक्के खा रहे हैं। मगर, अभी तक दाखिला नहीं हुआ है। वीरवार को पूरा दिन शिक्षा सदन में लगा दिया था और शुक्रवार को भी सुबह से एडीसी कार्यालय के बाहर बैठे हैं। हम तो परेशान हो गए हैं।
-ज्ञानचंद धीमान, अभिभावक
प्रशासन कराए बच्चों का दाखिला
प्रशासन की जिम्मेदारी है कि 134ए के तहत बच्चों का दाखिला करवाए। हम पिछले दो सप्ताह से कभी स्कूल के तो कभी शिक्षा विभाग कार्यालयों के साथ अन्य अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। मगर, अभी तक समाधान नहीं हुआ है।
- रमनपाल, अभिभावक।
दाखिला करवाना मुसीबत बन गया
134ए के तहत दाखिला करवाना हमारे लिए मुसीबत बन गया है। हम तो चक्कर काट-काट कर परेशान हो गए हैं। कभी कार्यालय भेज देते हैं तो कभी स्कूल। प्रशासन के पास दस्तावेज जमा करवा दिए हैं। प्रशासन को दाखिला देना ही होगा।
- नरेश कुमार, अभिभावक।
प्रदर्शन करने को मजबूर हो गए हैं
सरकार की जिम्मेवारी है कि वह हमारे बच्चों का दाखिला करवाए। हम पिछले दो सप्ताह से दाखिला करवाने के लिए चक्कर काट रहे हैं। वीरवार को भी मजबूरी में जिला शिक्षा सदन के गेट पर ताला लगाना पड़ा था। शुक्रवार को भी प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं।
- सुखबीर सिंह, अभिभावक।
जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दे दिए हैं कि वह सभी अभिभावकों से बच्चों के फार्म ले लें और स्वयं स्कैन करते हुए स्कूल में उपलब्ध करवाएं। अब बच्चों के दाखिला करवाने की जिम्मेदारी प्रशासन की है।
- सचिन गुप्ता, एडीसी, अंबाला।