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Bhiwani News: पढ़ाई में कमजोर बच्चों की पहचान के लिए दो दिन चलेगा विशेष स्क्रीनिंग अभियान
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राजकीय कन्या विद्यालय का मुख्य द्वार।
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भिवानी। शिक्षा विभाग जिले के सभी राजकीय विद्यालयों में पढ़ाई में कमजोर बच्चों की पहचान के लिए दो दिवसीय विशेष स्क्रीनिंग अभियान चलाएगा। यह स्क्रीनिंग 14 और 15 नवंबर को बाल दिवस के अवसर पर ‘सबका बाल दिवस–एक दिन बचपन के नाम’ थीम के तहत की जाएगी।
इस दौरान पहली से पांचवीं कक्षा तक के विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों की पहचान की जाएगी ताकि ये बच्चे पढ़ाई में पिछड़ने के बजाय अन्य विद्यार्थियों के साथ बराबरी से आगे बढ़ सकें। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों और जिला परियोजना समन्वयकों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। निदेशालय ने कहा है कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को पठन-पाठन में अक्सर कठिनाइयां होती हैं जिसके कारण वे कक्षा की अन्य गतिविधियों में पीछे रह जाते हैं।
वहीं अध्यापक पाठ्यक्रम पूरा करने के दबाव में इन बच्चों पर विशेष ध्यान नहीं दे पाते। निदेशालय के अनुसार सीखने में कठिनाई शिक्षा में पिछड़ने की प्रमुख वजह है इसलिए समय रहते ऐसे विद्यार्थियों की पहचान और उचित शैक्षणिक सहायता अनिवार्य है। पहचान के बाद इन बच्चों में सुधार विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों और समुचित शिक्षण से संभव है।
पहली से पांचवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों की होगी स्क्रीनिंग
पढ़ाई में कठिनाई का सामना कर रहे विद्यार्थियों की पहचान के लिए 14 और 15 नवंबर को जिले के सभी राजकीय विद्यालयों में पहली से पांचवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों की स्क्रीनिंग की जाएगी। संबंधित शिक्षक निपुण हरियाणा टीचर एप की सहायता से नामांकित विद्यार्थियों का मूल्यांकन करेंगे। इसमें विशेष प्रशिक्षक, मेंटर्स और जिला व खंड स्तरीय अधिकारी भी सहयोग करेंगे। विद्यालयों में दोनों दिन सुबह 8:30 बजे से 11:30 बजे तक शिक्षक बच्चों के साथ विभिन्न रचनात्मक गतिविधियां आयोजित करेंगे। इन गतिविधियों में ‘हौसलों के रंग’, ‘सपनों की उड़ान’, ‘भरोसे के कदम’, ‘बूझो तो जाने’, ‘इशारों-इशारों में’, ‘जब अक्षर न दिखें साफ’ और ‘सबके रंग, सबकी चमक’ जैसी रोचक प्रतियोगिताएं शामिल होंगी। इन गतिविधियों के माध्यम से शिक्षकों को विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता का आकलन करने में मदद मिलेगी जिससे उन्हें आगे बेहतर शैक्षणिक सहयोग दिया जा सकेगा।
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इस दौरान पहली से पांचवीं कक्षा तक के विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों की पहचान की जाएगी ताकि ये बच्चे पढ़ाई में पिछड़ने के बजाय अन्य विद्यार्थियों के साथ बराबरी से आगे बढ़ सकें। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों और जिला परियोजना समन्वयकों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। निदेशालय ने कहा है कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को पठन-पाठन में अक्सर कठिनाइयां होती हैं जिसके कारण वे कक्षा की अन्य गतिविधियों में पीछे रह जाते हैं।
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वहीं अध्यापक पाठ्यक्रम पूरा करने के दबाव में इन बच्चों पर विशेष ध्यान नहीं दे पाते। निदेशालय के अनुसार सीखने में कठिनाई शिक्षा में पिछड़ने की प्रमुख वजह है इसलिए समय रहते ऐसे विद्यार्थियों की पहचान और उचित शैक्षणिक सहायता अनिवार्य है। पहचान के बाद इन बच्चों में सुधार विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों और समुचित शिक्षण से संभव है।
पहली से पांचवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों की होगी स्क्रीनिंग
पढ़ाई में कठिनाई का सामना कर रहे विद्यार्थियों की पहचान के लिए 14 और 15 नवंबर को जिले के सभी राजकीय विद्यालयों में पहली से पांचवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों की स्क्रीनिंग की जाएगी। संबंधित शिक्षक निपुण हरियाणा टीचर एप की सहायता से नामांकित विद्यार्थियों का मूल्यांकन करेंगे। इसमें विशेष प्रशिक्षक, मेंटर्स और जिला व खंड स्तरीय अधिकारी भी सहयोग करेंगे। विद्यालयों में दोनों दिन सुबह 8:30 बजे से 11:30 बजे तक शिक्षक बच्चों के साथ विभिन्न रचनात्मक गतिविधियां आयोजित करेंगे। इन गतिविधियों में ‘हौसलों के रंग’, ‘सपनों की उड़ान’, ‘भरोसे के कदम’, ‘बूझो तो जाने’, ‘इशारों-इशारों में’, ‘जब अक्षर न दिखें साफ’ और ‘सबके रंग, सबकी चमक’ जैसी रोचक प्रतियोगिताएं शामिल होंगी। इन गतिविधियों के माध्यम से शिक्षकों को विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता का आकलन करने में मदद मिलेगी जिससे उन्हें आगे बेहतर शैक्षणिक सहयोग दिया जा सकेगा।