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Bhiwani News: चिकित्सकों की हड़ताल के बीच ईएसआई और एनएचएम डॉक्टरों ने संभाला मोर्चा

Amar Ujala Bureau अमर उजाला ब्यूरो
Updated Tue, 09 Dec 2025 01:35 AM IST
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ESI and NHM doctors took charge amid doctors' strike
मेडिकल कॉलेज में पंजीकरण खिड़की पर मौजूद महिला मरीज। 
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भिवानी। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन द्वारा एसएमओ की सीधी भर्ती रद्द करने तथा डायनामिक एश्योर्ड कॅरिअर प्रोग्रेसन (डीएसीपी) लागू करने की मांग को लेकर घोषित दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में ईएसआई और एनएचएम चिकित्सकों ने मोर्चा संभाले रखा। हड़ताल का असर जिला नागरिक अस्पताल के आपात विभाग और ग्रामीण क्षेत्रों के पीएचसी व सीएचसी पर दिखाई दिया हालांकि मरीजों का उपचार प्रभावित नहीं हुआ। सामान्य दिनों की तरह ओपीडी जांच, आपात सेवाएं और ऑपरेशन सुविधाएं सुचारू रूप से चलती रहीं।
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जिला नागरिक अस्पताल के आपात विभाग में एनएचएम और ईएसआई चिकित्सकों ने मरीजों का उपचार किया। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में आयुष विभाग के आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने मरीजों की जांच की। जिले में स्थित पंडित नेकीराम शर्मा राजकीय मेडिकल कॉलेज में भी ओपीडी रोजाना की तरह चालू रही और सभी चिकित्सक ड्यूटी पर मौजूद रहे। इस कारण मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई और सुबह से दोपहर तीन बजे तक ओपीडी सुचारू रूप से चलती रही। जिला नागरिक अस्पताल परिसर में भी चिकित्सकों की ओर से किसी प्रकार का विरोध प्रदर्शन या धरना नहीं देखा गया। मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में मरीजों की संख्या औसतन एक हजार तक पहुंची। सोमवार को सुबह एडीसी दीपक बाबूलाल करवा और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रघुबीर शांडिल्य ने मेडिकल कॉलेज की ओपीडी का निरीक्षण किया जहां ओपीडी और आपात सेवाएं सुचारू मिलीं।
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सरकार का हड़ताल को सफल बनाने में सहयोग मिला : डॉ. नवीन
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉ. नवीन घोष ने कहा कि पूरे हरियाणा में सीएचसी, पीएचसी और जिला अस्पतालों में दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की गई है। हमारे द्वारा की गई हड़ताल को सफल बनाने में सरकार का पूरा सहयोग रहा क्योंकि सरकार ने चालू मेडिकल कॉलेजों में जहां हड़ताल नहीं की गई थी वहां से पीजी विद्यार्थी और चिकित्सकों की ड्यूटी लगाकर फील्ड में भेज दिया। इस कारण जहां मेडिकल कॉलेज में हड़ताल नहीं थी वहां भी काम ठप हो गया। इस तरह सरकार का भी हड़ताल को सफल बनाने में पूरा सहयोग मिला है।

चिकित्सकों की ये हैं मुख्य मांगें
एसोसिएशन प्रधान डॉ. नवीन घोष ने बताया कि उनकी दो मुख्य मांगें हैं। एक एसएमओ की सीधी भर्ती को रद्द करने और दूसरी डायनामिक एश्योर्ड कॅरिअर प्रोग्रेसन (डीएसीपी) को लागू करने की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 से सरकार ने सीएमओ की सीधी भर्ती को बंद कर रखा था लेकिन उस भर्ती को दोबारा से चालू कर दिया गया है जिसका वे विरोध करते हैं। दूसरी मांग बताते हुए उन्होंने कहा कि डेढ़ साल पहले चिकित्सकों ने हड़ताल की थी। उस समय सरकार के साथ सहमति बनी थी कि डीएसीपी शुरू किया जाएगा लेकिन वह फाइल अब तक अटकी हुई है। इन दोनों मांगों को लेकर दो दिवसीय हड़ताल की गई है।

मेडिकल कॉलेज में नहीं दिखा हड़ताल का असर
शहर के पंडित नेकीराम शर्मा राजकीय मेडिकल कॉलेज स्थित ओपीडी विभाग में चिकित्सकों की हड़ताल का असर नहीं देखा गया। रोजाना की तरह मरीजों की जांच बिना किसी बाधा के चलती रही। ओपीडी विभाग में सामान्य रोग, चर्म रोग, मनोरोग, ईएनटी, बाल रोग, नेत्र रोग, स्त्री रोग, हड्डी रोग और सर्जन की ओपीडी में मरीजों की जांच की गई। सोमवार को ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या एक हजार से अधिक रही। इसके अलावा ओपीडी विभाग में पंजीकरण, दवा वितरण, टीकाकरण और माइनर ओटी भी चालू रही और मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलता रहा।

नागरिक अस्पताल में दंत रोग ओपीडी रही चालू
चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल में फिलहाल दंत रोग ओपीडी की सुविधा है। यहां भी हड़ताल का असर दिखाई नहीं दिया और दंत रोग विशेषज्ञ मौजूद रहे। सुबह से ही मरीजों की जांच जारी रही। इसके अलावा नागरिक अस्पताल के आपात विभाग में एनएचएम और ईएसआई चिकित्सकों ने मरीजों का उपचार किया।


अल्ट्रासाउंड सेवाएं रहीं बंद
सोमवार को नागरिक अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सेवाएं बंद रहीं। अस्पताल में एक ही रेडियोलॉजिस्ट होने के कारण सामान्य दिनों में भी जांच सेवाएं प्रभावित रहती हैं। मरीजों को जांच के लिए एक माह तक इंतजार करना पड़ता है। सोमवार को अस्पताल स्थित जांच केंद्र सूना रहा और कुर्सी खाली रही।


ढिगावा मंडी में सोमवार को एक डिलीवरी और 57 मरीजों की हुई जांच
सोमवार को चिकित्सकों की हड़ताल के दौरान ढिगावा मंडी स्थित स्वास्थ्य केंद्र पर ओपीडी जांच चालू रही। केंद्र पर कारी तोखा निवासी महिला कमला ने बेटी को जन्म दिया। इसके अलावा 57 मरीजों की जांच कर उन्हें दवाइयां भी दी गईं।
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