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Bhiwani News: प्रेमनगर में पांच पशुओं की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
संवाद न्यूज एजेंसी, भिवानी
Updated Tue, 02 Dec 2025 01:51 AM IST
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भिवानी। पशुपालन विभाग द्वारा जिले में मुंहखुर और गलघोटू बीमारी से दुधारू पशुओं के बचाव के लिए चलाए गए अभियान के तहत 90 फीसदी टीकाकरण का काम पूरा कर लिया गया है। लेकिन गांव प्रेमनगर में तीन भैंस और दो कटड़ी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने पशुपालकों को चिंता में डाल दिया है।
गांव प्रेमनगर के पशुपालकों का दावा है कि उनकी तीन भैंस और दो कटड़ी की मौत गलघोटू व मुंहखुर बीमारी के कारण हुई। हालांकि पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. रविंद्र सहरावत ने कहा कि टीकाकरण अभियान अभी जारी है और अभी तक किसी भी बीमारी से पशु की मौत का मामला सामने नहीं आया है। मृत पशुओं का टीकाकरण करीब दस दिन पहले ही कराया गया था। इनमें एक भैंस गर्भवती थी जिसकी पांच दिन बाद डिलीवरी होने वाली थी। इस मौत से पशुपालकों को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ा है।
गांव प्रेमनगर निवासी पशुपालक राजेश बूरा और बिजेंद्र बूरा ने बताया कि वे खेती के साथ-साथ पशुपालन करते हैं। पशुओं की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के कारण उन पर आर्थिक दबाव बढ़ गया है। उन्होंने सरकार से मांग की कि उन्हें मृत पशुओं के उचित मुआवजे की व्यवस्था की जाए।
हमारा मुख्य व्यवसाय पशुपालन है जिससे घर का गुजारा चलता है। गलघोटू और मुंहखुर बीमारी के कारण हमारे एक भैंस और कटड़ी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई जिनकी कीमत करीब दो लाख रुपये थी। हमने आठ दिन पहले ही इन पशुओं को दोनों बीमारियों से बचाव के टीके लगवाए थे। कटड़ी की उम्र महज डेढ़ माह थी। सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द उचित मुआवजा दिया जाए। -राजेश बूरा, पशुपालक, गांव प्रेमनगर निवासी
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बीमारी के कारण हमारे एक साथ दो भैंस और एक कटड़ी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई। इनमें से एक भैंस की पांच दिन बाद डिलीवरी होने वाली थी दूसरी भैंस सात माह की गर्भवती थी और कटड़ी की उम्र डेढ़ साल थी। तीनों की कीमत लगभग छह लाख रुपये थी। हमने दस दिन पहले ही इन पशुओं को गलघोटू और मुंहखुर के टीके लगवाए थे। हमारा मुख्य व्यवसाय पशुपालन है और छह लाख रुपये के आर्थिक नुकसान के कारण हमें गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार हमें उचित मुआवजा दे। - बिजेंद्र बूरा, पशुपालक, गांव प्रेमनगर
जिले में एक माह में 90 प्रतिशत पशुओं का मुंहखुर व गलघोटू बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण किया जा चुका है। पशुओं को दोनों बीमारियों के टीके एक साथ लगाए जा रहे हैं। लेकिन टीकाकरण से पशुओं की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला संज्ञान में आया है। जिसके बारे में पता करवाया जाएगा। -डॉ. रविंद्र सहरावत, उप निदेशक, पशुपालन विभाग, भिवानी
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गांव प्रेमनगर के पशुपालकों का दावा है कि उनकी तीन भैंस और दो कटड़ी की मौत गलघोटू व मुंहखुर बीमारी के कारण हुई। हालांकि पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. रविंद्र सहरावत ने कहा कि टीकाकरण अभियान अभी जारी है और अभी तक किसी भी बीमारी से पशु की मौत का मामला सामने नहीं आया है। मृत पशुओं का टीकाकरण करीब दस दिन पहले ही कराया गया था। इनमें एक भैंस गर्भवती थी जिसकी पांच दिन बाद डिलीवरी होने वाली थी। इस मौत से पशुपालकों को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ा है।
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गांव प्रेमनगर निवासी पशुपालक राजेश बूरा और बिजेंद्र बूरा ने बताया कि वे खेती के साथ-साथ पशुपालन करते हैं। पशुओं की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के कारण उन पर आर्थिक दबाव बढ़ गया है। उन्होंने सरकार से मांग की कि उन्हें मृत पशुओं के उचित मुआवजे की व्यवस्था की जाए।
हमारा मुख्य व्यवसाय पशुपालन है जिससे घर का गुजारा चलता है। गलघोटू और मुंहखुर बीमारी के कारण हमारे एक भैंस और कटड़ी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई जिनकी कीमत करीब दो लाख रुपये थी। हमने आठ दिन पहले ही इन पशुओं को दोनों बीमारियों से बचाव के टीके लगवाए थे। कटड़ी की उम्र महज डेढ़ माह थी। सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द उचित मुआवजा दिया जाए। -राजेश बूरा, पशुपालक, गांव प्रेमनगर निवासी
बीमारी के कारण हमारे एक साथ दो भैंस और एक कटड़ी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई। इनमें से एक भैंस की पांच दिन बाद डिलीवरी होने वाली थी दूसरी भैंस सात माह की गर्भवती थी और कटड़ी की उम्र डेढ़ साल थी। तीनों की कीमत लगभग छह लाख रुपये थी। हमने दस दिन पहले ही इन पशुओं को गलघोटू और मुंहखुर के टीके लगवाए थे। हमारा मुख्य व्यवसाय पशुपालन है और छह लाख रुपये के आर्थिक नुकसान के कारण हमें गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार हमें उचित मुआवजा दे। - बिजेंद्र बूरा, पशुपालक, गांव प्रेमनगर
जिले में एक माह में 90 प्रतिशत पशुओं का मुंहखुर व गलघोटू बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण किया जा चुका है। पशुओं को दोनों बीमारियों के टीके एक साथ लगाए जा रहे हैं। लेकिन टीकाकरण से पशुओं की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला संज्ञान में आया है। जिसके बारे में पता करवाया जाएगा। -डॉ. रविंद्र सहरावत, उप निदेशक, पशुपालन विभाग, भिवानी