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Chandigarh-Haryana News: हरियाणा ने जल संरक्षण के लिए लक्ष्य पर 84 प्रतिशत किया काम, देश में सर्वश्रेष्ठ राज्यों में तीसरा स्थान
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प्रदेश में सिंचाई क्षमता में 50 हजार हेक्टेयर तक विस्तार, रिसाव हानि की 90 प्रतिशत तक कम
चंडीगढ़। हरियाणा में जल संरक्षण के लिए कराए गए कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024 में देशभर में तीसरा स्थान मिला है। हरियाणा में एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन दृष्टिकोण और एकीकृत जल संसाधन के लिए कार्य हुआ। वर्ष 2023 से 2025 के बीच करीब 5.80 बीसीएम (बिलियन क्यूबिक मीटर) पानी का संरक्षण किया गया जो कि अपने जल बचत लक्ष्य का लगभग 84 प्रतिशत हासिल किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू यह पुरस्कार 18 नवंबर को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में प्रदान करेंगी।
सिंचाई व जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने प्रदेश में जल संरक्षण के लिए कराए गए कार्यों की जानकारी दी। मंत्री श्रुति ने बताया कि पुरस्कार के लिए इस वर्ष फरवरी में आवेदन किया गया था। हरियाणा की तरफ से जल संरक्षण को लेकर कराए गए कार्यों की जांच के लिए जल शक्ति मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग और केंद्रीय भूजल बोर्ड के अधिकारियों की टीम ने जून में जांच की।
केंद्रीय टीमों के जांच ब्योरे के बाद पुरस्कार को अंतिम रूप देने वाली समिति ने हरियाणा को तीसरे स्थान सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में नामित किया। मंत्री ने हरियाणा में कराए गए कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि जेएलएन फीडर नहर के पुनरुद्धार जैसी परियोजनाओं के माध्यम से हरियाणा ने सिंचाई क्षमता में 50,000 हेक्टेयर तक विस्तार किया है।
इसी तरह से रिसाव हानि को 90 प्रतिशत तक कम किया गया। सिंचाई तीव्रता को 40 प्रतिशत से 85 प्रतिशत तक बढ़ाया है इस कारण कृषि जल सुरक्षा को मजबूती मिली है। मंत्री श्रुति ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल का आभार जताया। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन में राज्य भर में सतत और समावेशी जल प्रबंधन की दिशा में सामूहिक प्रयासों को और मजबूती मिली है।
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चंडीगढ़। हरियाणा में जल संरक्षण के लिए कराए गए कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024 में देशभर में तीसरा स्थान मिला है। हरियाणा में एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन दृष्टिकोण और एकीकृत जल संसाधन के लिए कार्य हुआ। वर्ष 2023 से 2025 के बीच करीब 5.80 बीसीएम (बिलियन क्यूबिक मीटर) पानी का संरक्षण किया गया जो कि अपने जल बचत लक्ष्य का लगभग 84 प्रतिशत हासिल किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू यह पुरस्कार 18 नवंबर को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में प्रदान करेंगी।
सिंचाई व जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने प्रदेश में जल संरक्षण के लिए कराए गए कार्यों की जानकारी दी। मंत्री श्रुति ने बताया कि पुरस्कार के लिए इस वर्ष फरवरी में आवेदन किया गया था। हरियाणा की तरफ से जल संरक्षण को लेकर कराए गए कार्यों की जांच के लिए जल शक्ति मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग और केंद्रीय भूजल बोर्ड के अधिकारियों की टीम ने जून में जांच की।
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केंद्रीय टीमों के जांच ब्योरे के बाद पुरस्कार को अंतिम रूप देने वाली समिति ने हरियाणा को तीसरे स्थान सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में नामित किया। मंत्री ने हरियाणा में कराए गए कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि जेएलएन फीडर नहर के पुनरुद्धार जैसी परियोजनाओं के माध्यम से हरियाणा ने सिंचाई क्षमता में 50,000 हेक्टेयर तक विस्तार किया है।
इसी तरह से रिसाव हानि को 90 प्रतिशत तक कम किया गया। सिंचाई तीव्रता को 40 प्रतिशत से 85 प्रतिशत तक बढ़ाया है इस कारण कृषि जल सुरक्षा को मजबूती मिली है। मंत्री श्रुति ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल का आभार जताया। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन में राज्य भर में सतत और समावेशी जल प्रबंधन की दिशा में सामूहिक प्रयासों को और मजबूती मिली है।