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प्रदूषण के साथ सख्ती भी बढ़ी: पराली जलाने पर 35 गिरफ्तार, 4 पुलिसकर्मी व पांच अधिकारी निलंबित; 23 को नोटिस

अमर उजाला/संवाद, चंडीगढ़/फतेहाबाद/जींद Published by: निवेदिता वर्मा Updated Fri, 14 Nov 2025 08:52 AM IST
सार

इस सीजन में पहली बार हरियाणा के किसी शहर (बहादुरगढ़) का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 466 पहुंच गया है। वीरवार को बहादुरगढ़ देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। दूसरे स्थान पर रोहतक (430) व तीसरे पर राजधानी दिल्ली (404) है। तीनों की शहरों की हवा बेहद गंभीर श्रेणी में आती है।

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Pollution increased with 35 arrested for stubble burning 4 policemen and 5 officers suspend
हरियाणा में जल रही पराली - फोटो : ANI/File
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विस्तार
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हरियाणा में पराली जलने की घटनाएं व प्रदूषण बढ़ने के साथ प्रशासन ने सख्ती भी बढ़ा दी है। वीरवार को जींद में पराली जलाने वाले 35 किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया। 

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वहीं, फतेहाबाद में पराली जलने से रोकने में नाकाम चार पुलिसकर्मी, हिसार में तीन नोडल अधिकारी, सिरसा के ऐलनाबाद में पटवारी हिमांशु व ग्राम सचिव प्रदीप कुमार को निलंबिक कर दिया गया। 
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फतेहाबाद में 23 अन्य पुलिसकर्मियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। फतेहाबाद व जींद में यह कार्रवाई फसल अवशेष जलाने के मामलों में पिछले एक सप्ताह में आई तेजी के बाद की गई है। 

फतेहाबाद में 50 जगह पर जली पराली

जिला प्रशासन के अनुसार फतेहाबाद में पिछले एक सप्ताह में 50 जगहों पर पराली जलने की जानकारी मिली। यहां पराली जलने के कुल 75 केस आए हैं। जांच के बाद 19 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर 1.80 लाख रुपये जुर्माना लगाया जा चुका है जबकि जींद में प्रदेश में पराली जलाने के अब तक सबसे अधिक 132 मामले आए हैं। हालांकि जींद में गिरफ्तार सभी किसानों को शाम को जमानत पर छोड़ दिया गया। यहां डीसी ने किसानों को रोकने के लिए कृषि विभाग, सरपंच, ग्राम सचिव समेत अन्य अधिकारियों को फील्ड में उतार दिया है।


कार्रवाई को लेकर फतेहाबाद के पुलिस अधीक्षक सिद्धांत जैन ने बताया कि सरकार और प्रशासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद फसल अवशेष जल रहे हैं। इन्हें रोकने के लिए पुलिसकर्मियों को फील्ड में तैनात किया गया है। जिस गांव में फसल अवशेष जलते मिलते हैं उस गांव के ग्राम सेवक और सरपंच को सूचना देनी होती है। ऐसा नहीं करने पर  चार पुलिसकर्मियों पर यह कार्रवाई की गई है। कृषि विभाग के अनुसार हिसार व ऐलनाबाद में भी अधिकारियों के मौके पर नहीं होने के कारण यह कार्रवाई की गई है।

दूसरी ओर इस सीजन में पहली बार वीरवार को हरियाणा के किसी शहर (बहादुरगढ़) का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 466 पहुंच गया है। वीरवार को बहादुरगढ़ देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। दूसरे स्थान पर रोहतक (430) व तीसरे पर राजधानी दिल्ली (404) है। तीनों की शहरों की हवा बेहद गंभीर श्रेणी में आती है। इससे पहले 30 अक्तूबर को रोहतक का एक्यूआई सबसे अधिक 428 पहुंचा था। प्रदूषण को रोकने के लिए केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम (ग्रेप) का तीसरा चरण पहले ही लागू कर चुका है। इस बीच (सीएक्यूएम) के चेयरमैन राजेश वर्मा ने डीसी व एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंस कर समीक्षा बैठक की। उन्होंने नोडल अधिकारियों को एक सप्ताह तक फील्ड में रहकर पैट्रोलिंग और मॉनिटरिंग बढ़ाने के निर्देश दिए ताकि किसी भी क्षेत्र में पराली जलाने की घटना न हो।

अब तक की कार्रवाई : 118 अधिकारियों को नोटिस दिया जा चुका

कृषि एवं कल्याण विभाग के अनुसार पराली जलाने के मामलों में अभी तक 175 किसानों की रेड एंट्री दर्ज की गई है। 188 किसानों पर पुलिस केस दर्ज कराए गए हैं। 9.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है जिसमें से 7,05,000 रुपये की रिकवरी की जा चुकी है। अभी तक 118 नोडल अधिकारियों व सुपरवाइजरों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।

हरियाणा के 16 और शहरों की हवा खतरनाक

भिवानी का एक्यूआई 345, चरखीदादरी का 349, फतेहाबाद का 340, जींद का 333, सोनीपत का 347, गुरुग्राम का 300, फरीदाबाद का 288, धारूहेड़ा का 299, अंबाला का 242, हिसार का 255, कैथल का 255, कुरुक्षेत्र का 252, मानेसर का 246, नारनौल का 203, पानीपत का 249 व यमुनानगर का 248 रहा। 

प्रदूषण कम नहीं होने के कारण

चंडीगढ़ पीजीआई में सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर रविंद्र खैवाल ने बताया कि हरियाणा में प्रदूषण के बने रहने के मुख्य चार कारण हैं - तापमान में गिरावट, हवा की कम गति, स्थानीय प्रदूषण व आगजनी की घटनाएं । कई जिलों में ज्यादा प्रदूषण के कारण वहां का स्थानीय प्रदूषण और प्रदूषण मापने वाले मशीन का लोकेशन भी है।

जींद में सबसे अधिक केस व सख्ती

जींद में अभी तक 78 किसानों पर केस दर्ज हो चुके हैं जिनमें से 32 गिरफ्तार किए गए। इन किसानों से कुल 3.20 लाख रुपये जुर्माना व 78 की जमीन रेड एंट्री में दर्ज की गई। जींद के एसपी कुलदीप सिंह ने बताया कि पुलिस बल को पराली प्रोटेक्शन फोर्स के साथ तैनात किया गया है। अगर अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ काेई विवाद होता है तो पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी।

मामला रफा-दफा करने के लिए किसान से लिए 18 हजार, सुपरवाइजर को हटाया

डबवाली के गांव मांगेआना में एक किसान ने कृषि विभाग के एचकेआरएन के तहत लगे सुपरवाइजर रविन कुमार पर पराली को आग लगाने की एवज में 18 हजार रुपये रिश्वत लेने की शिकायत दी थी। इस मामले में कृषि विभाग के अधिकारियों की जांच के बाद उप निदेशक कृषि विभाग ने कर्मचारी को हटाने के आदेश जारी किए हैं। सुपरवाइजर रविन कुमार ने किसान को फोन करके कहा था कि उनके खेत में पराली में आग लगी है जिसका जुर्माना 30 हजार रुपये व सजा है। उसने इसके बदले 20 हजार रुपये मांगे। 18 हजार लेकर मामला रफा-दफा कर दिया।

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