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Stubble burning: हरियाणा के तीन डीसी को नोटिस जारी, चंडीगढ़ वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने मांगा जवाब
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Wed, 12 Nov 2025 03:55 PM IST
सार
जिन डिप्टी कमिश्नर को नोटिस जारी किया गया है, उनके इलाकों में पराली जलाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। फतेहाबाद, जींद, और एक अन्य जिले के डीसी को नोटिस जारी किया गया है।
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पराली जलाने के मामले
- फोटो : ANI
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विस्तार
चंडीगढ़ वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने हरियाणा के तीन डिप्टी कमिश्नर को नोटिस जारी किया है। जिन डिप्टी कमिश्नर को नोटिस जारी किया गया है, उनके इलाकों में पराली जलाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। फतेहाबाद, जींद, और एक अन्य जिले के डीसी को नोटिस जारी किया गया है।
जींद में सबसे ज्यादा 121 पराली जलाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। फतेहाबाद में पराली जलाने की 72 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। कैथल में पराली जलाने की 51 और हिसार में 48 घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने फतेहाबाद के डीसी को पराली जलाने पर प्रतिबंध लागू करने में विफल रहने के लिए नोटिस जारी किया है। आयोग ने कहा है कि पहले से जारी निर्देशों और कई समीक्षा बैठकों के बावजूद 15 सितंबर से 6 नवंबर 2025 के बीच जिले में 59 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गईं।
आयोग ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए कहा कि नवंबर के पहले सप्ताह में आगजनी की घटनाओं में तेज बढ़ोतरी आयोग के निर्देशों की अवहेलना को दर्शाती है। आयोग ने उपायुक्त से 17 नवंबर 2025 तक स्पष्टीकरण मांगा है, अन्यथा वायु गुणवत्ता प्रबंधन अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि पराली जलाने पर प्रभावी रोक लगाने में जिला प्रशासन की जवाबदेही तय की जाएगी और भविष्य में पराली जलाने की घटनाओं पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी।
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जींद में सबसे ज्यादा 121 पराली जलाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। फतेहाबाद में पराली जलाने की 72 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। कैथल में पराली जलाने की 51 और हिसार में 48 घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
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वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने फतेहाबाद के डीसी को पराली जलाने पर प्रतिबंध लागू करने में विफल रहने के लिए नोटिस जारी किया है। आयोग ने कहा है कि पहले से जारी निर्देशों और कई समीक्षा बैठकों के बावजूद 15 सितंबर से 6 नवंबर 2025 के बीच जिले में 59 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गईं।
आयोग ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए कहा कि नवंबर के पहले सप्ताह में आगजनी की घटनाओं में तेज बढ़ोतरी आयोग के निर्देशों की अवहेलना को दर्शाती है। आयोग ने उपायुक्त से 17 नवंबर 2025 तक स्पष्टीकरण मांगा है, अन्यथा वायु गुणवत्ता प्रबंधन अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि पराली जलाने पर प्रभावी रोक लगाने में जिला प्रशासन की जवाबदेही तय की जाएगी और भविष्य में पराली जलाने की घटनाओं पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी।