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Hindi News ›   Haryana ›   Chandigarh-Haryana News ›   Technical staff in the electricity department are doing clerical work in offices instead of in the field.

Chandigarh-Haryana News: बिजली विभाग में फील्ड की जगह दफ्तरों में बाबूगीरी कर रहे तकनीकी कर्मचारी

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- फील्ड में तकनीकी स्टाफ की कमी से झेलनी पड़ रही दिक्कतें, विभागीय आदेशों का भी नहीं हुआ कोई असर


कुलदीप शुक्ला
चंडीगढ़। बिजली विभाग में तैनाती को लेकर सिफारिश का खेल खूब चल रहा है। वर्षों से मीटर, तार और ट्रांसफार्मर से खेलने वाले कर्मचारी अब दफ्तरों में फाइलें पलटते और अधिकारियों की चाय–पानी करते नजर आ रहे हैं। बिजली वितरण निगम में लंबे समय से चल रहा सिफारिश का खेल विद्युत उपभोक्ताओं पर भी भारी पड़ रहा है।

प्रदेशभर में इस तरह के फील्ड कर्मचारियों की संख्या तकरीबन 1700 से अधिक है जो फील्ड की जगह दफ्तर में बैठे हैं। एक-एक जूनियर इंजीनियर व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दो-तीन लाइनमैन और फोरमैन कार्यरत हैं। कुछ जगह तो अधिकारी अपनी मुंशीगीरी के लिए तकनीकी स्टाफ का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे फील्ड में तकनीकी स्टाफ की कमी बनी हुई है। अब सवाल उठ रहा है कि बिजली व्यवस्था संभालने वाले हाथ जब फाइलें पलटने में लगे हों तो बिजली के खंभों पर चढ़कर मरम्मत का काम कौन करेगा?
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ठेंगे पर विभागीय आदेश
ऐसे मामलों की शिकायतें बढ़ने पर मुख्यालय ने खुद दखल देते हुए 17 सिंतबर 2025 को विभागीय आदेश जारी किया कि दफ्तरों में बाबूगीरी करने वाले तकनीकी कर्मचारियों को तुरंत फील्ड में भेजा जाए। इसी तरह पंचकूला मुख्यालय से 2023 में ही स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि कोई भी तकनीकी कर्मचारी क्लेरिकल या गैर-तकनीकी कामों में नहीं लगाया जाएगा लेकिन कोई असर नहीं हुआ।

कनेक्शनों का ब्योरा
वर्तमान में प्रदेश में 81,92,187 बिजली कनेक्शन हैं। 64,21,708 कनेक्शन (78.39%) घरेलू उपभोक्ता के हैं। 8,95,551 गैर घरेलू व 1,09,686 औद्योगिक और 7,03,590 कृषि उपभोक्ता हैं।

विभाग में 50 फीसदी पद खाली
उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) में कुल 17,956 पद स्वीकृत हैं। करीब 10,564 कर्मचारी तैनात हैं और 7392 पद खाली पड़े हैं। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) में कुल 22,338 पद स्वीकृत हैं। लगभग 11,011 पदों पर कर्मचारी तैनात हैं और करीब 11,327 पद खाली पड़े हैं।


लिपिक वर्गीय स्टाफ की कमी के चलते जिलों में तकनीकी कर्मचारी कार्यालयों में बैठकर काम कर रहे हैं। कुछ तकनीकी कर्मचारियों की क्लेरिकल काम में विशेषज्ञता होने के कारण उन्हें दफ्तरों में जिम्मेदारी दी गई है। कुछ कर्मचारी दिव्यांग होने की वजह से भी बैठे हैं। यूनियन का मानता है कि क्लेरिकल स्टाफ को क्लेरिकल और टेक्निकल कर्मचारी को टेक्निकल काम ही करना चाहिए।
- सुभाष लांबा, उपाध्यक्ष, इलेक्ट्रिसिटी इम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया


विभागीय बैठक में तकनीकी कर्मचारियों के दफ्तरों में बैठने का मामला सामने आने पर सख्त निर्देश दिए गए थे। विभागीय अधिकारियों ने इस संबंध में लिखित आदेश भी निकाले है जिसके बाद स्थिति में काफी सुधार हुआ था। इसके बावजूद मनमानी करने वालों के खिलाफ सीधी कार्रवाई के निर्देश है।
- अनिल विज, ऊर्जा मंत्री

दफ्तर में बैठे फील्ड कर्मचारियों की ज्यादा संख्या वाले टॉप-10 जिले (संभावित संख्या)
रेवाड़ी - 100
महेंद्रगढ़- 90
गुरुग्राम - 80
रोहतक - 75
पंचकूला - 70
सोनीपत- 68
कुरुक्षेत्र - 62
जींद - 60
करनाल -58
पानीपत - 57
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