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Charkhi Dadri News: निमोनिया से बचाव में सांस बनेगा बच्चों का सुरक्षा का कवच
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चरखी दादरी। स्वास्थ्य विभाग ने पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में निमोनिया से बचाव के लिए सांस अभियान (सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रलाइज निमोनिया सक्सेसफुली) की शुरुआत की है। यह अभियान 28 फरवरी तक चलेगा और उपायुक्त डॉ. मुनीश नागपाल के मार्गदर्शन में संचालित किया जा रहा है।
कार्यवाहक सिविल सर्जन डॉ. नरेश ने बताया कि अभियान का उद्देश्य बच्चों में निमोनिया से होने वाली मृत्यु दर को कम करना और समुदाय स्तर पर रोकथाम, शीघ्र पहचान व समय पर उपचार को मजबूत बनाना है। अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर घर-घर जागरूकता कार्यक्रम चलाएंगी। अभिभावकों को बच्चों में निमोनिया के लक्षण, जैसे तेज सांस लेना और लगातार खांसी, के बारे में जानकारी दी जाएगी।
सभी स्वास्थ्य कर्मियों को राष्ट्रीय निमोनिया प्रबंधन दिशा निर्देश के अनुरूप प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि बच्चों को समय पर और सही उपचार मिल सके। अभियान के दौरान पीसीवी, पेंटावेलेंट और एमआर का टीकाकरण भी किया जाएगा। अभियान के प्राथमिक लाभार्थी पांच वर्ष से कम आयु के बच्चे हैं, जबकि द्वितीयक लाभार्थियों में माता-पिता, आंगनबाड़ी वर्कर, आशा कार्यकर्ता और ग्राम पंचायत प्रतिनिधि शामिल हैं।
डॉ. नरेश ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर निगरानी करेगा और गंभीर मामलों को तत्काल स्वास्थ्य संस्थान में रेफर किया जाएगा। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि छोटे बच्चों में सांस की तकलीफ या बुखार के लक्षण दिखने पर देरी न करें और नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल में तुरंत जांच करवाएं, ताकि समय रहते निमोनिया से बचाव संभव हो सके।
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कार्यवाहक सिविल सर्जन डॉ. नरेश ने बताया कि अभियान का उद्देश्य बच्चों में निमोनिया से होने वाली मृत्यु दर को कम करना और समुदाय स्तर पर रोकथाम, शीघ्र पहचान व समय पर उपचार को मजबूत बनाना है। अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर घर-घर जागरूकता कार्यक्रम चलाएंगी। अभिभावकों को बच्चों में निमोनिया के लक्षण, जैसे तेज सांस लेना और लगातार खांसी, के बारे में जानकारी दी जाएगी।
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सभी स्वास्थ्य कर्मियों को राष्ट्रीय निमोनिया प्रबंधन दिशा निर्देश के अनुरूप प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि बच्चों को समय पर और सही उपचार मिल सके। अभियान के दौरान पीसीवी, पेंटावेलेंट और एमआर का टीकाकरण भी किया जाएगा। अभियान के प्राथमिक लाभार्थी पांच वर्ष से कम आयु के बच्चे हैं, जबकि द्वितीयक लाभार्थियों में माता-पिता, आंगनबाड़ी वर्कर, आशा कार्यकर्ता और ग्राम पंचायत प्रतिनिधि शामिल हैं।
डॉ. नरेश ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर निगरानी करेगा और गंभीर मामलों को तत्काल स्वास्थ्य संस्थान में रेफर किया जाएगा। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि छोटे बच्चों में सांस की तकलीफ या बुखार के लक्षण दिखने पर देरी न करें और नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल में तुरंत जांच करवाएं, ताकि समय रहते निमोनिया से बचाव संभव हो सके।