दादरी में गत सात फरवरी को हुए बिंदर हत्याकांड को जिला पुलिस ने सुलझा लिया है। निर्दोष बिंदर की हत्या गलतफहमी में रोहतक एसटीएफ के हाथों हुई। दादरी एसपी विनोद कुमार ने मंगलवार को इसका खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि चार सदस्यीय एसटीएफ टीम में शामिल सिपाही हरेंद्र की गन से निकली गोली से बिंदर की मौत हुई है।
आरोपी सिपाही को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दादरी पुलिस ने नौ एमएम की पिस्टल के अलावा लाल रंग की ब्रेजा भी बरामद कर ली है। मामला ट्रेस होने के बाद गुरुग्राम एसटीएफ एसपी ने चार सदस्यीय टीम को सस्पेंड कर दिया है। एसपी विनोद कुमार ने बताया कि रोहतक एसटीएफ से अल्टो पहचानने में चूक हुई जो हत्याकांड का कारण बनी।
उन्होंने बताया कि दरअसल रोहतक एसटीएफ को इनपुट मिला था कि रोहतक के बलियाणा गांव में हुए विक्की हत्याकांड में इस्तेमाल काले रंग की अल्टो दादरी में महेंद्रगढ़ चुंगी पर खड़ी है। इस आधार पर ओआरए एएसआई हितेंद्र कादयान के नेतृत्व में साइबर सेल एएसआई रणबीर और सिपाही सचिन और हरेंद्र दिल्ली रजिस्ट्रेशन नंबर की ब्रेजा में सवार होकर दादरी पहुंचे।
टीम को महेंद्रगढ़ चुंगी के सामने एक काले रंग की अल्टो खड़ी नजर आई। टीम जब अल्टो की तरफ बढ़ी तो अल्टो चालक ने सिविल कपड़ों में हथियार लेकर उनकी ओर बढ़ रहे लोगों को बदमाश समझकर वहां से गाड़ी भगा ली। इसी दौरान एसटीएफ ने भी अल्टो सवार युवकों को विक्की हत्याकांड को अंजाम देने वाले बदमाश समझा और फायरिंग कर दी।
इस दौरान गोली अल्टो में पिछली सीट पर बैठे बिंदर को लगी, जिससे उसकी मौत हो गई। अल्टो चला रहा दिनेश और उसके बगल में बैठा ध्यान सिंह उर्फ छोटन जान बचाने के लिए वहां से भाग गए। दिनेश सोमवार को अस्पताल में भर्ती हो गया, जबकि ध्यान सिंह का परिजनों को दो दिन बाद मंगलवार सुबह सुराग लगा है। एसपी का कहना है कि भले ही आरोपी पुलिसकर्मी हों, कानून अपना काम करेगा।
पिता का आरोप- एसटीएफ की गलती पर पर्दा डालने का प्रयास कर रही जिला पुलिस
मृतक बिंदर के पिता कृष्ण अन्य परिजनों के साथ मंगलवार को एसपी विनोद कुमार से भी मिले। मीडिया के सामने मृतक के पिता ने आरोप लगाया कि एसटीएफ की गलती पर जिला पुलिस पर्दा डालने का प्रयास भी कर रही है।
उन्होंने बताया कि इस मामले में जब उन्होंने अपने स्तर पर पूछताछ की तो पता चला कि पीछा करते हुए ब्रेजा सवार पुलिसकर्मी अल्टो तक पहुंचे हैं। उन्होंने अल्टो की तलाशी लेने के साथ वहां निर्माणाधीन एक मकान की भी जांच की। कृष्ण के अनुसार अगर टीम अल्टो के पास पहुंची और इसके बाद भी गोली लगे बिंदर को नहीं संभाला तो यह भी चूक है।
हत्याकांड से जुड़े ये है सुलगते सवाल
- खुफिया तंत्र कमजोर निकला, जिससे अल्टो पहचानने में चूक हुई। यह चूक हत्याकांड का मुख्य कारण बनी।
- अगर एसटीएफ टीम में शामिल कर्मचारी ने हवाई फायर किया तो गोली अल्टो सवार बिंदर को कैसे लगी।
- टीम से अगर गलतफहमी में गोली बिंदर को लगी तो अल्टो की जांच के बाद भी बिंदर को अस्पताल क्यों नहीं पहुंचाया।
- बलियाणा विक्की हत्याकांड में दिल्ली रजिस्ट्रेशन नंबर की काले रंग की अल्टो का इस्तेमाल, जबकि बिंदर जिस काले रंग की अल्टो में सवार था उसका रजिस्ट्रेशन नंबर रोहतक का है।
मामले के संबंध में हमने अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था। जांच में सामने आया कि ब्रेजा में रोहतक एसटीएफ टीम सवार थी। एसटीएफ से संपर्क के बाद इसका खुलासा हो गया। हमने सिपाही हरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है। नौ एमएम की पिस्टल और ब्रेजा भी बरामद कर ली है। जांच अभी जारी है और जो तथ्य सामने आएंगे उसकी अनुरूप अगली कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। - विनोद कुमार, एसपी, चरखी दादरी।
इन्हें किया गया निलंबित
ओआरपी एएसआई हितेंद्र कादयान 42/डीडीआर, साइबर सेल एएसआई रणबीर सिंह 7/आरटीके, सिपाही सचिन 2004/सोनीपत और सिपाही हरेंद्र 558/ दादरी को सस्पेंड करने के साथ एसटीएफ एसपी ने चारों की विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं।
दादरी में गत सात फरवरी को हुए बिंदर हत्याकांड को जिला पुलिस ने सुलझा लिया है। निर्दोष बिंदर की हत्या गलतफहमी में रोहतक एसटीएफ के हाथों हुई। दादरी एसपी विनोद कुमार ने मंगलवार को इसका खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि चार सदस्यीय एसटीएफ टीम में शामिल सिपाही हरेंद्र की गन से निकली गोली से बिंदर की मौत हुई है।
आरोपी सिपाही को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दादरी पुलिस ने नौ एमएम की पिस्टल के अलावा लाल रंग की ब्रेजा भी बरामद कर ली है। मामला ट्रेस होने के बाद गुरुग्राम एसटीएफ एसपी ने चार सदस्यीय टीम को सस्पेंड कर दिया है। एसपी विनोद कुमार ने बताया कि रोहतक एसटीएफ से अल्टो पहचानने में चूक हुई जो हत्याकांड का कारण बनी।
उन्होंने बताया कि दरअसल रोहतक एसटीएफ को इनपुट मिला था कि रोहतक के बलियाणा गांव में हुए विक्की हत्याकांड में इस्तेमाल काले रंग की अल्टो दादरी में महेंद्रगढ़ चुंगी पर खड़ी है। इस आधार पर ओआरए एएसआई हितेंद्र कादयान के नेतृत्व में साइबर सेल एएसआई रणबीर और सिपाही सचिन और हरेंद्र दिल्ली रजिस्ट्रेशन नंबर की ब्रेजा में सवार होकर दादरी पहुंचे।