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Fatehabad News: मुआवजा वितरण घोटाला में आरोपी गिरफ्तार, ढाई लाख रुपये बरामद
संवाद न्यूज एजेंसी, फतेहाबाद
Updated Wed, 12 Nov 2025 11:49 PM IST
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फतेहाबाद। आर्थिक अपराध शाखा ने फसल मुआवजा घोटाले में शामिल आरोपी चंद्रमोहन निवासी बड़ोपल को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी से 2,50,000 रुपये भी बरामद किए हैं। इसी मामले में पुलिस 6 और आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
जांच अधिकारी संदीप सिंह ने बताया कि गांव बड़ोपल के फसल मुआवजा वितरण में घोटाले का मामला दर्ज हुआ था। जांच में सामने आया कि गांव बड़ोपल के पटवारी, कानूनगो, नायब तहसीलदार, तहसीलदार और उनके निजी सहायकों ने खरीफ 2021 सीजन की खराब फसल के मुआवजा वितरण में भारी अनियमितताएं कीं।
आरोप है कि इन अधिकारियों ने मिलीभगत कर फर्जी किसानों के नाम जोड़कर अपने परिचितों के बैंक खातों में राशि ट्रांसफर कराई। जांच के दौरान तहसील कार्यालय और संबंधित बैंकों से प्राप्त रिकॉर्ड के अवलोकन में स्पष्ट हुआ कि वर्ष 2022 में राज्य सरकार से गांव बड़ोपल के किसानों को मुआवजा वितरण के लिए 4.25 करोड़ रुपये की राशि आई थी।
इसमें से लगभग 3.51 करोड़ रुपये वितरित किए गए, जबकि बाकी राशि लौटाई गई। जांच में यह भी पाया गया कि मुख्य आरोपी राजेंद्र प्रसाद पटवारी व उसके सहयोगियों ने अपने सहायकों और निजी व्यक्तियों के बैंक खातों के माध्यम से अवैध रूप से मुआवजा राशि निकलवाई है। जांच के दौरान महाबीर, संतरो देवी, चंद्र मोहन, रामनिवास, शेर सिंह, भतेरी, सुमन, जगरूप, सुशील, कमल, राहुल सहित कई व्यक्तियों के बैंक खातों में सरकारी राशि ट्रांसफर किए जाने के प्रमाण मिले हैं। इस संबंध में थाना शहर में 30 मई को मामला दर्ज किया गया था और अब तक कुल 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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जांच अधिकारी संदीप सिंह ने बताया कि गांव बड़ोपल के फसल मुआवजा वितरण में घोटाले का मामला दर्ज हुआ था। जांच में सामने आया कि गांव बड़ोपल के पटवारी, कानूनगो, नायब तहसीलदार, तहसीलदार और उनके निजी सहायकों ने खरीफ 2021 सीजन की खराब फसल के मुआवजा वितरण में भारी अनियमितताएं कीं।
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आरोप है कि इन अधिकारियों ने मिलीभगत कर फर्जी किसानों के नाम जोड़कर अपने परिचितों के बैंक खातों में राशि ट्रांसफर कराई। जांच के दौरान तहसील कार्यालय और संबंधित बैंकों से प्राप्त रिकॉर्ड के अवलोकन में स्पष्ट हुआ कि वर्ष 2022 में राज्य सरकार से गांव बड़ोपल के किसानों को मुआवजा वितरण के लिए 4.25 करोड़ रुपये की राशि आई थी।
इसमें से लगभग 3.51 करोड़ रुपये वितरित किए गए, जबकि बाकी राशि लौटाई गई। जांच में यह भी पाया गया कि मुख्य आरोपी राजेंद्र प्रसाद पटवारी व उसके सहयोगियों ने अपने सहायकों और निजी व्यक्तियों के बैंक खातों के माध्यम से अवैध रूप से मुआवजा राशि निकलवाई है। जांच के दौरान महाबीर, संतरो देवी, चंद्र मोहन, रामनिवास, शेर सिंह, भतेरी, सुमन, जगरूप, सुशील, कमल, राहुल सहित कई व्यक्तियों के बैंक खातों में सरकारी राशि ट्रांसफर किए जाने के प्रमाण मिले हैं। इस संबंध में थाना शहर में 30 मई को मामला दर्ज किया गया था और अब तक कुल 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।