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Hisar News: गडरिये के इशारे पर नशे का तंत्र...हुर्रर कहते ही दौड़ा आया तस्कर और थमा दी चिट्टे की पुड़िया
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विकास नगर की झाड़ियों में नशा करने के बाद फेंकी गईं सिरिंज। अमर उजाला
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सुरेंद्र दलाल
हिसार। विकासनगर..नाम सुनकर लगेगा जैसे यह शहर का आदर्श इलाका है, लेकिन इसके दामन पर नशे के अड्डे का दाग लग चुका है। पिछले 9 माह में 7 लोगों की मौत नशीले पदार्थों के सेवन से हो चुकी है।
विकास नगर की झाड़ियों से जो शव मिले, उन सभी के पास सिरिंज मिलीं। पुलिस की एक-दो की बार कार्रवाई के बाद नशे का कारोबार अब नए ढंग से होने लगा है। पुड़िया में नशा बेचने वाले खुले में सौदा नहीं करते। पुलिस से बचने के लिए नशा खरीदने आए ग्राहक की रेकी और पहचान की पूरी तसल्ली के बाद ही पुड़िया दी जाती है।
इस पूरे नेटवर्क में ‘बकरी चराने वाला’ एक गडरिया भी अहम भूमिका निभा रहा है, जो कोड वर्ड हुर्रर के जरिये ड्रग पैडलर को इशारा करता है। उसका इशारा मिलते ही तस्कर दौड़ा आता है और नशे की पुड़िया झाड़ियों से निकालकर ग्राहक को थमा देता है।
अमर उजाला टीम ने मंगलवार को इस इलाके में गंदगी और कंटीली झाड़ियों के बीच नशे के तंत्र का खुलासा किया। झाड़ियों के बीच करीब 200 मीटर अंदर जाने पर दीवार के साथ बैठे 5 लोग ताश खेलते दिखाई दिए। इन लोगों ने अनजान को देखकर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी।
साहब..आप यहां कहां आ गए
ताश खेल रहे लोगों से कुछ दूरी पर बकरी चराने वाला एक व्यक्ति टहल रहा था। बेहद गंदगी वाले इलाके में बकरी चराना कुछ संदिग्ध लगा। उसके नजदीक गए तो वह खुद ही बातचीत करते हुए पूछता है साहब यहां तो बहुत गंदगी है। आप कहां आ गए। कुछ देर बातचीत के बाद उसने कहा यहां नशेड़ी तो आते हैं लेकिन अभी काेई नहीं है। ये लोग तो ताश खेलने वाले हैं। 5-6 मिनट बात होने के बाद वह पुड़िया दिलाने को तैयार हो जाता है।
आप का जाना ठीक नहीं रहेगा
वह बताता है कि आप इधर ही रहना मैं बुला कर लाऊंगा। उधर आप लोगों का जाना ठीक नहीं रहेगा। वह बकरियों को रोकने के लिए अररर...आवाज देता है। इसी दौरान ताश खेलने वालों में से एक व्यक्ति आकर पूछता है, हां जी... बोलो। बकरी वाले का इशारा पाकर वह व्यक्ति झाड़ियों के अंदर जाता है। अंदर से सफेद रंग के कागज की एक पुड़िया लाता है। रेट पूछने पर साइज के हिसाब से 200 से 500 रुपये बताता है। इसी बीच एक और युवक वहां पहुंचता है जो पुराना ग्राहक होने के कारण उससे पैसे लेकर तुरंत पुड़िया दे देते हैं। इसके बाद वह बकरी चराने वाले के साथ मिलकर वहीं बीड़ी के जरिए नशा करने लगता है।
छोटी-छोटी मात्रा में छिपाकर रखी नशे की डोज
नशा बेचने वाले अपने पास एक भी पुड़िया नहीं रख रहे। वे झाड़ियों में कुछ स्थानों पर पुड़िया को पॉलिथीन में छिपाकर रखते हैं। जब ग्राहक आता है तो वहां से निकाल कर उसे देते हैं। पुलिस का छापा पड़ता है तो इन लोगों के पास कुछ नहीं मिलता।
हर 10 से 15 मीटर के दायरे में सिरिंज बिखरी मिलीं
झाड़ियों के बीच हर 10 से 15 मीटर के दायरे में सिरिंज बिखरी मिलीं। नशा करने के लिए रैपर भी जगह-जगह बिखरे थे। कुछ स्थानों पर झाड़ियों में आग के निशान भी हैं। झाड़ियों के बीच बने एक कमरे में पानी की बोतल, रैपर और सिरिंज का ढेर मिला। इन सबसे जाहिर की यहां नशा लेने और बेचने का धंधा खुलेआम चलता है।
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हिसार। विकासनगर..नाम सुनकर लगेगा जैसे यह शहर का आदर्श इलाका है, लेकिन इसके दामन पर नशे के अड्डे का दाग लग चुका है। पिछले 9 माह में 7 लोगों की मौत नशीले पदार्थों के सेवन से हो चुकी है।
विकास नगर की झाड़ियों से जो शव मिले, उन सभी के पास सिरिंज मिलीं। पुलिस की एक-दो की बार कार्रवाई के बाद नशे का कारोबार अब नए ढंग से होने लगा है। पुड़िया में नशा बेचने वाले खुले में सौदा नहीं करते। पुलिस से बचने के लिए नशा खरीदने आए ग्राहक की रेकी और पहचान की पूरी तसल्ली के बाद ही पुड़िया दी जाती है।
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इस पूरे नेटवर्क में ‘बकरी चराने वाला’ एक गडरिया भी अहम भूमिका निभा रहा है, जो कोड वर्ड हुर्रर के जरिये ड्रग पैडलर को इशारा करता है। उसका इशारा मिलते ही तस्कर दौड़ा आता है और नशे की पुड़िया झाड़ियों से निकालकर ग्राहक को थमा देता है।
अमर उजाला टीम ने मंगलवार को इस इलाके में गंदगी और कंटीली झाड़ियों के बीच नशे के तंत्र का खुलासा किया। झाड़ियों के बीच करीब 200 मीटर अंदर जाने पर दीवार के साथ बैठे 5 लोग ताश खेलते दिखाई दिए। इन लोगों ने अनजान को देखकर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी।
साहब..आप यहां कहां आ गए
ताश खेल रहे लोगों से कुछ दूरी पर बकरी चराने वाला एक व्यक्ति टहल रहा था। बेहद गंदगी वाले इलाके में बकरी चराना कुछ संदिग्ध लगा। उसके नजदीक गए तो वह खुद ही बातचीत करते हुए पूछता है साहब यहां तो बहुत गंदगी है। आप कहां आ गए। कुछ देर बातचीत के बाद उसने कहा यहां नशेड़ी तो आते हैं लेकिन अभी काेई नहीं है। ये लोग तो ताश खेलने वाले हैं। 5-6 मिनट बात होने के बाद वह पुड़िया दिलाने को तैयार हो जाता है।
आप का जाना ठीक नहीं रहेगा
वह बताता है कि आप इधर ही रहना मैं बुला कर लाऊंगा। उधर आप लोगों का जाना ठीक नहीं रहेगा। वह बकरियों को रोकने के लिए अररर...आवाज देता है। इसी दौरान ताश खेलने वालों में से एक व्यक्ति आकर पूछता है, हां जी... बोलो। बकरी वाले का इशारा पाकर वह व्यक्ति झाड़ियों के अंदर जाता है। अंदर से सफेद रंग के कागज की एक पुड़िया लाता है। रेट पूछने पर साइज के हिसाब से 200 से 500 रुपये बताता है। इसी बीच एक और युवक वहां पहुंचता है जो पुराना ग्राहक होने के कारण उससे पैसे लेकर तुरंत पुड़िया दे देते हैं। इसके बाद वह बकरी चराने वाले के साथ मिलकर वहीं बीड़ी के जरिए नशा करने लगता है।
छोटी-छोटी मात्रा में छिपाकर रखी नशे की डोज
नशा बेचने वाले अपने पास एक भी पुड़िया नहीं रख रहे। वे झाड़ियों में कुछ स्थानों पर पुड़िया को पॉलिथीन में छिपाकर रखते हैं। जब ग्राहक आता है तो वहां से निकाल कर उसे देते हैं। पुलिस का छापा पड़ता है तो इन लोगों के पास कुछ नहीं मिलता।
हर 10 से 15 मीटर के दायरे में सिरिंज बिखरी मिलीं
झाड़ियों के बीच हर 10 से 15 मीटर के दायरे में सिरिंज बिखरी मिलीं। नशा करने के लिए रैपर भी जगह-जगह बिखरे थे। कुछ स्थानों पर झाड़ियों में आग के निशान भी हैं। झाड़ियों के बीच बने एक कमरे में पानी की बोतल, रैपर और सिरिंज का ढेर मिला। इन सबसे जाहिर की यहां नशा लेने और बेचने का धंधा खुलेआम चलता है।