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Hisar News: सर्दियों में रेल और बस संचालन पर सतर्कता बढ़ी
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हिसार। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही धुंध, स्मॉग और कोहरे ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। दृश्यता घटने की संभावना को देखते हुए रेलवे और रोडवेज प्रशासन ने सतर्कता निर्देश जारी किए हैं। बसों की अधिकतम गति सीमा 60 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है, वहीं ट्रेनों के संचालन में भी विशेष एहतियात बरते जा रहे हैं।
उत्तर पश्चिम रेलवे के बीकानेर रेल मंडल ने सर्दियों में सुरक्षित रेल संचालन के लिए विशेष तैयारियां की हैं। ठंड के दौरान कम तापमान से रेललाइन के सिकुड़ने और कोहरे के बीच सीमित दृश्यता को ध्यान में रखते हुए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं।
मंडल में वर्तमान में 272 पैसेंजर ट्रेनें और करीब 126 मालगाड़ियां संचालित की जा रही हैं। सभी ट्रेनों को फॉग डिवाइस से लैस किया गया है। यह डिवाइस लोको पायलट को सिग्नल की स्थिति की जानकारी पहले से देती है, जिससे वह समय रहते ट्रेन की गति नियंत्रित कर सके।
फॉग डिवाइस लगभग 9,999 मीटर पहले ही आगामी सिग्नल की जानकारी देना शुरू कर देती है। इससे लोको पायलट को पर्याप्त समय मिल जाता है कि वह ट्रेन को सुरक्षित गति से आगे बढ़ा सके और अगला सिग्नल सावधानीपूर्वक पार कर सके।
बीकानेर मंडल के रेवाड़ी–बठिंडा और बठिंडा–सूरतगढ़ रेलखंड विशेष रूप से फॉग से प्रभावित माने जाते हैं। इन रूटों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए गुड्स वार्निंग बोर्डों पर रेडियम स्ट्रिप्स लगाई जा रही हैं और चूना पट्टी से दृश्यता बढ़ाने की व्यवस्था की गई है।
रेल प्रशासन ने यात्रियों से भी अपील की है कि सर्दियों में ट्रेन या बस की यात्रा के दौरान अतिरिक्त समय रखें, ताकि मौसम जनित विलंब की स्थिति में असुविधा न हो।
अभी रोडवेज प्रबंधन 15 नवंबर को संभावित सीएम के दाैरे की तैयारी में जुटा है। इसके मद्देनजर सभी जरूरी व्यवस्थाएं पूरी कर अधिकतम सेवाओं के बेहतर संचालन का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में अधिकतम गति सीमा का पालन कर और फॉग लाइट भी लगाई जाएगी।
- प्रीतम सिवाच, यातायात प्रबंधक, प्रबंधक रोडवेज, हिसार डिपो।
रेलवे ट्रैक मेंटेनरों को मिले डेटोनेटर
सर्दियों में रेललाइन में फ्रैक्चर की आशंका को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने सभी ट्रैक मेंटेनरों को डेटोनेटर उपलब्ध कराए हैं। रात के समय पटरियों की गश्त के दौरान किसी भी तरह की दरार या खतरे की स्थिति में यह उपकरण लोको पायलट को तुरंत सतर्क कर देंगे। रेललाइन में फ्रैक्चर दिखने पर ट्रैक मेंटेनर गाड़ी आने की दिशा में निर्धारित दूरी पर डेटोनेटर लगाते हैं। इंजन के पहिए इनके ऊपर से गुजरते ही तेज धमाके की आवाज होती है, जिससे लोको पायलट सतर्क होकर गाड़ी की गति नियंत्रित कर देता है और दुर्घटना टल जाती है। इसी तरह हर स्टेशन पर पॉइंट्समैन को भी डेटोनेटर दिए गए हैं, ताकि सिग्नल की स्थिति की जानकारी लोको पायलट को पहले से मिल सके और ट्रेन सुरक्षित गति से आगे बढ़े।
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मंडल में वर्तमान में 272 पैसेंजर ट्रेनें और करीब 126 मालगाड़ियां संचालित की जा रही हैं। सभी ट्रेनों को फॉग डिवाइस से लैस किया गया है। यह डिवाइस लोको पायलट को सिग्नल की स्थिति की जानकारी पहले से देती है, जिससे वह समय रहते ट्रेन की गति नियंत्रित कर सके।
फॉग डिवाइस लगभग 9,999 मीटर पहले ही आगामी सिग्नल की जानकारी देना शुरू कर देती है। इससे लोको पायलट को पर्याप्त समय मिल जाता है कि वह ट्रेन को सुरक्षित गति से आगे बढ़ा सके और अगला सिग्नल सावधानीपूर्वक पार कर सके।
बीकानेर मंडल के रेवाड़ी–बठिंडा और बठिंडा–सूरतगढ़ रेलखंड विशेष रूप से फॉग से प्रभावित माने जाते हैं। इन रूटों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए गुड्स वार्निंग बोर्डों पर रेडियम स्ट्रिप्स लगाई जा रही हैं और चूना पट्टी से दृश्यता बढ़ाने की व्यवस्था की गई है।
रेल प्रशासन ने यात्रियों से भी अपील की है कि सर्दियों में ट्रेन या बस की यात्रा के दौरान अतिरिक्त समय रखें, ताकि मौसम जनित विलंब की स्थिति में असुविधा न हो।
अभी रोडवेज प्रबंधन 15 नवंबर को संभावित सीएम के दाैरे की तैयारी में जुटा है। इसके मद्देनजर सभी जरूरी व्यवस्थाएं पूरी कर अधिकतम सेवाओं के बेहतर संचालन का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में अधिकतम गति सीमा का पालन कर और फॉग लाइट भी लगाई जाएगी।
- प्रीतम सिवाच, यातायात प्रबंधक, प्रबंधक रोडवेज, हिसार डिपो।
रेलवे ट्रैक मेंटेनरों को मिले डेटोनेटर
सर्दियों में रेललाइन में फ्रैक्चर की आशंका को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने सभी ट्रैक मेंटेनरों को डेटोनेटर उपलब्ध कराए हैं। रात के समय पटरियों की गश्त के दौरान किसी भी तरह की दरार या खतरे की स्थिति में यह उपकरण लोको पायलट को तुरंत सतर्क कर देंगे। रेललाइन में फ्रैक्चर दिखने पर ट्रैक मेंटेनर गाड़ी आने की दिशा में निर्धारित दूरी पर डेटोनेटर लगाते हैं। इंजन के पहिए इनके ऊपर से गुजरते ही तेज धमाके की आवाज होती है, जिससे लोको पायलट सतर्क होकर गाड़ी की गति नियंत्रित कर देता है और दुर्घटना टल जाती है। इसी तरह हर स्टेशन पर पॉइंट्समैन को भी डेटोनेटर दिए गए हैं, ताकि सिग्नल की स्थिति की जानकारी लोको पायलट को पहले से मिल सके और ट्रेन सुरक्षित गति से आगे बढ़े।