हिसार। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित सहरावत की अदालत ने पुट्ठी गांव के जोगेंद्र की हत्या करने के अभियुक्त सुुरेंद्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर अभियुक्त को दो माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सोमवार को अदालत ने आरोपी पुट्ठी निवासी सुरेंद्र को दोषी करार दिया था।
बास थाना पुलिस ने 16 अगस्त 2020 को सुरेंद्र के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था। अदालत में चले अभियोग के अनुसार 16 अगस्त पुलिस को दी गई शिकायत में गांव पुट्ठी निवासी राजेंद्र की पत्नी सुमन ने बताया था कि मैं गृहिणी हूं। मेरी छोटी बहन मुकेश मेरे देवर जोगेंद्र के साथ शादीशुदा है। मेरी बहन मायके में गांव धनाना(सोनीपत) गई हुई है। 15 अगस्त की रात करीब 9.30 बजे मेरा देवर जोगेंद्र किसी काम से पड़ोस में रहने वाले सुरेंद्र पुत्र बलबीर के घर गया हुआ था। जब मैं देवर को बुलाने के लिए सुरेंद्र के घर पर गई, तो मैंने देखा कि सुरेंद्र मेरे देवर को चारपाई पर गिराकर डंडे से पीट रहा था। यह देख मैं चिल्लाई तो सुरेंद्र मौके से फरार हो गया। घायल हालत में देवर को उपचार के लिए हांसी के सरकारी अस्पताल में लेकर आए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बास थाना पुलिस ने परिजनों के बयान पर सुरेंद्र के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था। उक्त मामले में अदालत ने दोषी करार दिए गए सुरेंद्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
हिसार। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित सहरावत की अदालत ने पुट्ठी गांव के जोगेंद्र की हत्या करने के अभियुक्त सुुरेंद्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर अभियुक्त को दो माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सोमवार को अदालत ने आरोपी पुट्ठी निवासी सुरेंद्र को दोषी करार दिया था।
बास थाना पुलिस ने 16 अगस्त 2020 को सुरेंद्र के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था। अदालत में चले अभियोग के अनुसार 16 अगस्त पुलिस को दी गई शिकायत में गांव पुट्ठी निवासी राजेंद्र की पत्नी सुमन ने बताया था कि मैं गृहिणी हूं। मेरी छोटी बहन मुकेश मेरे देवर जोगेंद्र के साथ शादीशुदा है। मेरी बहन मायके में गांव धनाना(सोनीपत) गई हुई है। 15 अगस्त की रात करीब 9.30 बजे मेरा देवर जोगेंद्र किसी काम से पड़ोस में रहने वाले सुरेंद्र पुत्र बलबीर के घर गया हुआ था। जब मैं देवर को बुलाने के लिए सुरेंद्र के घर पर गई, तो मैंने देखा कि सुरेंद्र मेरे देवर को चारपाई पर गिराकर डंडे से पीट रहा था। यह देख मैं चिल्लाई तो सुरेंद्र मौके से फरार हो गया। घायल हालत में देवर को उपचार के लिए हांसी के सरकारी अस्पताल में लेकर आए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बास थाना पुलिस ने परिजनों के बयान पर सुरेंद्र के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था। उक्त मामले में अदालत ने दोषी करार दिए गए सुरेंद्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।