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Jhajjar-Bahadurgarh News: झाड़ली रेलवे स्टेशन पहुंचे एडीआरएम, ग्रामीणों ने रखीं मांगें
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11jjrp20- झाड़ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों से बातचीत करते एडीआरएम। स्रोत-दैनिक यात्री
- फोटो : रायबरेली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को सामान की तलाशी लेती रेलवे पुलिस।
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साल्हावास। गांव झाडली स्थित रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को उत्तर पश्चिम रेलवे जयपुर से एडीआरएम रूपेश यादव पहुंचे। वह शाम लगभग सवा 6 बजे स्पेशल रेलगाड़ी से पहुंचे और लगभग सात बजे तक रहे। इस दौरान झाड़ली के ग्रामीणों व दैनिक यात्री सहित लोगों ने पहुंचकर एडीआरएम का स्वागत किया और मांग पत्र सौंपा।
ग्रामीण दिनेश जाखड़, आनंद प्रकाश, मानसिंह, पवन, विक्रम, बल्ली, अरविंद शर्मा, सुदर्शन ने बताया कि झाड़ली स्टेशन पर लगभग 35 से 40 गांवों व औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण रोजाना 800 से 900 यात्री रेल यात्रा करते हैं। यहां रेलवे प्लेटफॉर्म पर यात्रियों के लिए पीने का पानी नहीं है।
गाड़ी संख्या 12984, 19612, 19611, 19614, , 19416, 19613, 14716, 12983, 9001, 19415, 09002 में से कुछ गाड़ियां कोरोना काल से पहले झाड़ली स्टेशन पर रुकती थी, जो कोरोना काल में बंद कर दी गई थी। उन्हें दोबारा झाड़ली स्टेशन पर रोका जाए।
दो गाड़ियां जो हफ्ते में दो दिन चलती हैं, उनका रात्रि में ठहराव नहीं है। अजमेर, अमृतसर और जयपुर चंडीगढ़ गरीब रथ का ठहराव करवाया जाए। साथ ही सभी एक्सप्रेस गाड़ियों का झाड़ली स्टेशन पर ठहराव करवाया जाए। प्लेटफार्म नंबर एक पर बैठने के लिए टीन शेड यात्रियों के हिसाब से छोटा है, जिसका विस्तार किया जाए।
एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए ओवरब्रिज बनाया जाए। झाड़ली फाटक पर अभी फ्लाईओवर बनाया गया है, उस पर यात्रियों को पुल के ऊपर जाने के लिए सीढियां नहीं हैं। इससे यात्रियों को स्टेशन से बस में बैठने के लिए लगभग एक किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।
एडीआरएम ने बताया कि यह लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत काम होगा, यह रेलवे के अंतर्गत नहीं है। लोगों ने मांग की कि अंडरपास में पानी भरा रहता है, इसकी निकासी की उचित व्यवस्था की जाए। स्टेशन पर आरक्षित खिड़की नहीं है। आरक्षण टिकट के लिए चरखी दादरी या कोसली जाना पड़ता है, जो काफी दूर है।
झाड़ली से लगभग 400 से 500 विद्यार्थी रेवाड़ी पढ़ाई के लिए जाते हैं। शाम को 6:30 बजे से पहले गाड़ी न होने के कारण लड़कियां रात में लेट घर पहुंच पाती हैं। रेवाड़ी से झाड़ली तक दोपहर 1:40 के बाद सायंकाल 6:00 के बीच कोई गाड़ी नहीं हैं। भिवानी की तरफ रेवाड़ी से सुबह 4:40 से 9:25 के बीच कोई रेलगाड़ी नहीं है।
सुबह सात बजे से यदि रेवाड़ी से कोई रेलगाड़ी चलाई जाए तो स्कूल, कॉलेज व कोचिंग लेने वाले बच्चों को फायदा मिलेगा। भिवानी से झाड़ली तक सुबह 11 से सायंकाल 3:30 के बीच कोई रेलगाड़ी नहीं है। इस समय में विद्यार्थियों के लिए किसी एक ट्रेन का टाइम बदला जाए। एडीआरएम ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
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ग्रामीण दिनेश जाखड़, आनंद प्रकाश, मानसिंह, पवन, विक्रम, बल्ली, अरविंद शर्मा, सुदर्शन ने बताया कि झाड़ली स्टेशन पर लगभग 35 से 40 गांवों व औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण रोजाना 800 से 900 यात्री रेल यात्रा करते हैं। यहां रेलवे प्लेटफॉर्म पर यात्रियों के लिए पीने का पानी नहीं है।
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गाड़ी संख्या 12984, 19612, 19611, 19614, , 19416, 19613, 14716, 12983, 9001, 19415, 09002 में से कुछ गाड़ियां कोरोना काल से पहले झाड़ली स्टेशन पर रुकती थी, जो कोरोना काल में बंद कर दी गई थी। उन्हें दोबारा झाड़ली स्टेशन पर रोका जाए।
दो गाड़ियां जो हफ्ते में दो दिन चलती हैं, उनका रात्रि में ठहराव नहीं है। अजमेर, अमृतसर और जयपुर चंडीगढ़ गरीब रथ का ठहराव करवाया जाए। साथ ही सभी एक्सप्रेस गाड़ियों का झाड़ली स्टेशन पर ठहराव करवाया जाए। प्लेटफार्म नंबर एक पर बैठने के लिए टीन शेड यात्रियों के हिसाब से छोटा है, जिसका विस्तार किया जाए।
एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए ओवरब्रिज बनाया जाए। झाड़ली फाटक पर अभी फ्लाईओवर बनाया गया है, उस पर यात्रियों को पुल के ऊपर जाने के लिए सीढियां नहीं हैं। इससे यात्रियों को स्टेशन से बस में बैठने के लिए लगभग एक किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।
एडीआरएम ने बताया कि यह लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत काम होगा, यह रेलवे के अंतर्गत नहीं है। लोगों ने मांग की कि अंडरपास में पानी भरा रहता है, इसकी निकासी की उचित व्यवस्था की जाए। स्टेशन पर आरक्षित खिड़की नहीं है। आरक्षण टिकट के लिए चरखी दादरी या कोसली जाना पड़ता है, जो काफी दूर है।
झाड़ली से लगभग 400 से 500 विद्यार्थी रेवाड़ी पढ़ाई के लिए जाते हैं। शाम को 6:30 बजे से पहले गाड़ी न होने के कारण लड़कियां रात में लेट घर पहुंच पाती हैं। रेवाड़ी से झाड़ली तक दोपहर 1:40 के बाद सायंकाल 6:00 के बीच कोई गाड़ी नहीं हैं। भिवानी की तरफ रेवाड़ी से सुबह 4:40 से 9:25 के बीच कोई रेलगाड़ी नहीं है।
सुबह सात बजे से यदि रेवाड़ी से कोई रेलगाड़ी चलाई जाए तो स्कूल, कॉलेज व कोचिंग लेने वाले बच्चों को फायदा मिलेगा। भिवानी से झाड़ली तक सुबह 11 से सायंकाल 3:30 के बीच कोई रेलगाड़ी नहीं है। इस समय में विद्यार्थियों के लिए किसी एक ट्रेन का टाइम बदला जाए। एडीआरएम ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।