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Jhajjar-Bahadurgarh News: निजी अस्पताल के सभी डॉक्टरों और स्टाफ का होगा सत्यापन
संवाद न्यूज एजेंसी, झज्जर/बहादुरगढ़
Updated Thu, 13 Nov 2025 01:54 AM IST
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झज्जर। दिल्ली में हुए कार धमाके में सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल सामने आने के बाद झज्जर की पुलिस कमिश्नर राजश्री सिंह ने जिले के सभी निजी अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ का सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं। कमिश्नर ने कहा है कि सभी अस्पताल मरीज और उनके अटेंडेंट की मुख्य द्वार पर ही चेकिंग कर एंट्री देंगे और सामान जांच के लिए भी स्कैनर की व्यवस्था रखेंगे।
कमिश्नर डॉ. राजश्री सिंह ने बुधवार को अपने कार्यालय में जिले के अस्पताल संचालकों की बैठक ली। कहा, दिल्ली में हुए कार धमाके के बाद जिले में आतंकी घटनाओं से बचाव के लिए सतर्कता बेहद जरूरी है। इसके लिए सभी अस्पताल संचालक मरीज और उनके अटेंडेंट का आधार कार्ड या अन्य सरकारी पहचान पत्र अनिवार्य लें।
अस्पताल के प्रवेश द्वार पर स्थानीय पुलिस नियंत्रण कक्ष, संबंधित थाना और पुलिस चौकी इंचार्ज के मोबाइल नंबर बड़े अक्षरों में प्रदर्शित करें। बैठक में डॉक्टर और कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन और अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने करने के निर्देश दिए गए।
काम छोड़कर जाने वाले अस्पतालकर्मी का रखना होगा ब्योरा
पुलिस कमिश्नर राजश्री ने अस्पताल में उच्च क्वालिटी के सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग कम से कम 30 दिनों तक सुरक्षित होनी चाहिए। अस्पताल का पार्किंग क्षेत्र सीसीटीवी से कवर होना चाहिए। अस्पताल प्रबंधन सुरक्षा के मद्देनजर सेना से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ही सुरक्षा गार्ड के रूप में नियुक्त दें। अस्पताल से जब भी कोई डॉक्टर, नर्स या अन्य कर्मचारी नौकरी छोड़कर जाए तो उसके नए कार्यस्थल की जानकारी रखना भी अनिवार्य है।
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अस्पताल के प्रवेश द्वार पर स्थानीय पुलिस नियंत्रण कक्ष, संबंधित थाना और पुलिस चौकी इंचार्ज के मोबाइल नंबर बड़े अक्षरों में प्रदर्शित करें। बैठक में डॉक्टर और कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन और अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने करने के निर्देश दिए गए।
काम छोड़कर जाने वाले अस्पतालकर्मी का रखना होगा ब्योरा
पुलिस कमिश्नर राजश्री ने अस्पताल में उच्च क्वालिटी के सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग कम से कम 30 दिनों तक सुरक्षित होनी चाहिए। अस्पताल का पार्किंग क्षेत्र सीसीटीवी से कवर होना चाहिए। अस्पताल प्रबंधन सुरक्षा के मद्देनजर सेना से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ही सुरक्षा गार्ड के रूप में नियुक्त दें। अस्पताल से जब भी कोई डॉक्टर, नर्स या अन्य कर्मचारी नौकरी छोड़कर जाए तो उसके नए कार्यस्थल की जानकारी रखना भी अनिवार्य है।