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Kaithal News: अस्पताल में बढ़े वायरल के मरीज
संवाद न्यूज एजेंसी, कैथल
Updated Tue, 02 Dec 2025 01:13 AM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
कैथल। जैसे-जैसे मौसम में ठंडक बढ़ रही है, वैसे-वैसे वायरल बुखार, खांसी और जुकाम के मरीजों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार एक माह पहले तक नागरिक अस्पताल में इन समस्याओं से ग्रसित केवल 15–20 मरीज ही प्रतिदिन पहुंच रहे थे, जबकि अब यह संख्या बढ़कर 80 से 95 तक पहुंच गई है।
बढ़ती भीड़ को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है और चिकित्सक लोगों को बचाव के प्रति जागरूक कर रहे हैं। सुबह से ही अस्पताल की ओपीडी में वायरल से पीड़ित मरीजों की कतारें लगी रहती हैं, जिनमें छोटे बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और युवा बड़ी संख्या में शामिल हैं। चिकित्सकों का कहना है कि मौसम में अचानक हुए बदलाव और सुबह-शाम तापमान में गिरावट के कारण संक्रमण का प्रकोप बढ़ा है।
खासतौर पर वे लोग जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है या जो ठंड से पर्याप्त बचाव नहीं कर पा रहे, वे जल्दी इसकी चपेट में आ रहे हैं।
डॉ. विकास गुप्ता ने बताया कि इन दिनों वायरल बुखार के साथ खांसी-जुकाम की शिकायतें सबसे अधिक मिल रही हैं। कई मरीजों में गले में खराश,
शरीर दर्द, कमजोरी और हल्का बुखार भी देखा जा रहा है। अधिकांश मामलों में स्थिति गंभीर नहीं होती, लेकिन इलाज में देरी या अनदेखी करने पर जटिलताएं बढ़ सकती हैं।
उन्होंने कहा कि बच्चे और बुजुर्ग सबसे संवेदनशील वर्ग हैं—बच्चों में मौसमी बदलाव का असर तुरंत दिखता है, जबकि बुजुर्गों में दमा, श्वास संबंधी समस्याएं या हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों के कारण वायरल संक्रमण अधिक परेशानी पैदा करता है। इसलिए डॉक्टर इस वर्ग को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। सफाई पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
शरीर को गर्म रखें, गरम पानी पिएं, संतुलित आहार लें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। सांस के मरीज मास्क पहने तो बेहतर रहेगा। संक्रमण सए बचने के लिए हाथों की नियमित सफाई भी जरूरी है। -रेनू चावला, सीएमओ
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कैथल। जैसे-जैसे मौसम में ठंडक बढ़ रही है, वैसे-वैसे वायरल बुखार, खांसी और जुकाम के मरीजों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार एक माह पहले तक नागरिक अस्पताल में इन समस्याओं से ग्रसित केवल 15–20 मरीज ही प्रतिदिन पहुंच रहे थे, जबकि अब यह संख्या बढ़कर 80 से 95 तक पहुंच गई है।
बढ़ती भीड़ को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है और चिकित्सक लोगों को बचाव के प्रति जागरूक कर रहे हैं। सुबह से ही अस्पताल की ओपीडी में वायरल से पीड़ित मरीजों की कतारें लगी रहती हैं, जिनमें छोटे बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और युवा बड़ी संख्या में शामिल हैं। चिकित्सकों का कहना है कि मौसम में अचानक हुए बदलाव और सुबह-शाम तापमान में गिरावट के कारण संक्रमण का प्रकोप बढ़ा है।
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खासतौर पर वे लोग जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है या जो ठंड से पर्याप्त बचाव नहीं कर पा रहे, वे जल्दी इसकी चपेट में आ रहे हैं।
डॉ. विकास गुप्ता ने बताया कि इन दिनों वायरल बुखार के साथ खांसी-जुकाम की शिकायतें सबसे अधिक मिल रही हैं। कई मरीजों में गले में खराश,
शरीर दर्द, कमजोरी और हल्का बुखार भी देखा जा रहा है। अधिकांश मामलों में स्थिति गंभीर नहीं होती, लेकिन इलाज में देरी या अनदेखी करने पर जटिलताएं बढ़ सकती हैं।
उन्होंने कहा कि बच्चे और बुजुर्ग सबसे संवेदनशील वर्ग हैं—बच्चों में मौसमी बदलाव का असर तुरंत दिखता है, जबकि बुजुर्गों में दमा, श्वास संबंधी समस्याएं या हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों के कारण वायरल संक्रमण अधिक परेशानी पैदा करता है। इसलिए डॉक्टर इस वर्ग को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। सफाई पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
शरीर को गर्म रखें, गरम पानी पिएं, संतुलित आहार लें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। सांस के मरीज मास्क पहने तो बेहतर रहेगा। संक्रमण सए बचने के लिए हाथों की नियमित सफाई भी जरूरी है। -रेनू चावला, सीएमओ