हरियाणा के डीजीपी डॉ. केपी सिंह ने कहा कि समाज के सभी तबकों को मिलकर बेटियों के प्रति अपनी दोहरी मानसिकता हो बदलना होगा। उन्हें बचपन की तरह ही जवानी और बुढ़ापे में भी महिलाओं को वही प्यार व सम्मान देना होगा जैसा की दुर्गाष्टमी के मौके पर देते हैं। डॉ. केपी सिंह हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन की रंगशाला में दुर्गाष्टमी के अवसर पर आयोजित विशेष कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
डॉ. केपी सिंह ने शुरुआत दुर्गाष्टमी पर होने वाली कंजकों की सेवा व सम्मान के अनुभव के साथ की। उन्होंने कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न कानून और वरिष्ठ नागरिकों के संरक्षण में पुलिस की भूमिका को लेकर 1900 पुलिसकर्मियों का मार्गदर्शन किया। डॉ. केपी सिंह ने कहा कि एक सर्वेक्षण के दौरान सामने आया कि 70 प्रतिशत महिलाओं ने कार्यस्थल पर लैंगिक हिंसा का सामना किया है। इस कानून में सभी महिलाओं को संरक्षण प्रदान किया गया है। स्थानीय शिकायत समिति में व्यथित महिला अपनी शिकायत घटना के 90 दिन के अंदर अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं।
उन्होंने कहा कि जो बच्चे या रिश्तेदार अपने माता-पिता को लावारिस छोड़ देते हैं या उनकी देखभाल नहीं करते उनके खिलाफ पुलिस केस दर्ज कर कार्यवाही करने का प्रावधान कानून में दिया गया है।
कार्यक्रम में अकादमी के निदेशक केके सिंधु, डीजी एवं निदेशक हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन ने डॉ. सिंह व अन्य अधिकारियों का स्वागत किया तथा अकादमी के सहायक निदेशक विधी शशिकांत शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर हरियाणा सशस्त्र पुलिस के उप महानिरीक्षक शिबास कविराज, करनाल के पुलिस अधीक्षक पंकज नैन व अकादमी के डीएसपी महेंद्रपाल व ओमप्रकाश भी उपस्थित रहे।
हरियाणा के डीजीपी डॉ. केपी सिंह ने कहा कि समाज के सभी तबकों को मिलकर बेटियों के प्रति अपनी दोहरी मानसिकता हो बदलना होगा। उन्हें बचपन की तरह ही जवानी और बुढ़ापे में भी महिलाओं को वही प्यार व सम्मान देना होगा जैसा की दुर्गाष्टमी के मौके पर देते हैं। डॉ. केपी सिंह हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन की रंगशाला में दुर्गाष्टमी के अवसर पर आयोजित विशेष कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
डॉ. केपी सिंह ने शुरुआत दुर्गाष्टमी पर होने वाली कंजकों की सेवा व सम्मान के अनुभव के साथ की। उन्होंने कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न कानून और वरिष्ठ नागरिकों के संरक्षण में पुलिस की भूमिका को लेकर 1900 पुलिसकर्मियों का मार्गदर्शन किया। डॉ. केपी सिंह ने कहा कि एक सर्वेक्षण के दौरान सामने आया कि 70 प्रतिशत महिलाओं ने कार्यस्थल पर लैंगिक हिंसा का सामना किया है। इस कानून में सभी महिलाओं को संरक्षण प्रदान किया गया है। स्थानीय शिकायत समिति में व्यथित महिला अपनी शिकायत घटना के 90 दिन के अंदर अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं।
उन्होंने कहा कि जो बच्चे या रिश्तेदार अपने माता-पिता को लावारिस छोड़ देते हैं या उनकी देखभाल नहीं करते उनके खिलाफ पुलिस केस दर्ज कर कार्यवाही करने का प्रावधान कानून में दिया गया है।
कार्यक्रम में अकादमी के निदेशक केके सिंधु, डीजी एवं निदेशक हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन ने डॉ. सिंह व अन्य अधिकारियों का स्वागत किया तथा अकादमी के सहायक निदेशक विधी शशिकांत शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर हरियाणा सशस्त्र पुलिस के उप महानिरीक्षक शिबास कविराज, करनाल के पुलिस अधीक्षक पंकज नैन व अकादमी के डीएसपी महेंद्रपाल व ओमप्रकाश भी उपस्थित रहे।