करनाल। हरियाणा की पहचान आलू बीज उत्पादक राज्य के रूप में होगी। यहां की पर्यावरणीय परिस्थितियों की अनुकूलता, उद्यान विभाग के प्रयास व किसानों की मेहनत रंग लाएगी। उद्यान विभाग ने इस दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। शामगढ़ गांव स्थित आलू प्रौद्योगिकी केंद्र की ओर से आलू बीज उत्पादक किसानों को जोड़ा जा रहा है। इसके तहत उन्हें जहां तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है वहीं उनके खेतों में बीज की निगरानी भी की जाएगी।
अप्रैल 2021 तक प्रदेश के 100 किसानों को इसके लिए चिन्हित किया जा चुका है। 20 किसानों का राज्य प्रमाणीकरण संस्था से पंजीकरण भी हो चुका है। बीज उत्पादक किसानों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
केंद्र के प्रभारी एवं उपनिदेशक उद्यान विभाग डॉ. प्रेम सिंह सिंधू ने बताया कि पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, गुजरात, बिहार, हरियाणा, उत्तरप्रदेश व पंजाब मुख्य आलू उत्पादक राज्य हैं। कुल उत्पादन का 90 प्रतिशत उत्पादन इन राज्यों में होता है। पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश व गुजरात में आलू का बीज नहीं बन सकता। जहां ठंड नहीं पड़ती वहां यह बीज नहीं बन सकता। हरियाणा में बीज बनाने के लिए 15 नवंबर से 15 जनवरी के बीच का समय महत्वपूर्ण है। केंद्र की ओर से आलू बीज उत्पादक तैयार करने के लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और उनके खेतों की निगरानी भी की जाएगी। संवाद
- देश में आलू का क्षेत्रफल करीब 53.55 लाख एकड़
- इस क्षेत्रफल में से 25 प्रतिशत क्षेत्र के लिए हर साल नया बीज दें तो 16 लाख मीट्रिक टन बीज की मांग।
- देश में सरकारी क्षेत्र में कुल बीज उपलब्धता चार लाख मीट्रिक टन।
- निजी क्षेत्र में बीज की उपलब्धता एक लाख मीट्रिक टन।
- हर साल 11 लाख मीट्रिक टन बीज की कमी।
- हरियाणा में आलू का क्षेत्रफल करीब 32 हजार हेक्टेयर
- उत्पादन करीब आठ लाख टन।
- हरियाणा में सरकारी क्षेत्र में आलू बीज उत्पादन 500 मीट्रिक टन।
- निजी क्षेत्र में बीज उत्पदन करीब 9500 मीट्रिक टन।
- हरियाणा में कुल क्षेत्रफल में से 25 प्रतिशत क्षेत्र के लिए नया बीज दें तो 30 हजार मीट्रिक टन बीज की जरूरत।
- उपलब्धता केवल दस हजार मीट्रिक टन।
हरियाणा को आलू बीज उत्पादन का हब बनाएंगे। आलू बीज उत्पादन की आधुनिक तकनीक एयरोपोनिक्स इकाई बनाने पर प्रदेश सरकार 35 प्रतिशत तक अनुदान देगी। इसके अलावा सब्जी उत्पादन के लिए हाइड्रोपोनिक्स व सब्जी की पौध बनाने के लिए सीडलिंग प्रोडक्शन इकाई स्थापित करने पर सरकार ने अनुदान का प्रावधान किया है। यदि इकाई पर एक करोड़ की लागत आती है तो सरकार 35 लाख रुपये अनुदान देगी।
- डॉ. अर्जुन सिंह सैनी, महानिदेशक, उद्यान विभाग हरियाणा
करनाल। हरियाणा की पहचान आलू बीज उत्पादक राज्य के रूप में होगी। यहां की पर्यावरणीय परिस्थितियों की अनुकूलता, उद्यान विभाग के प्रयास व किसानों की मेहनत रंग लाएगी। उद्यान विभाग ने इस दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। शामगढ़ गांव स्थित आलू प्रौद्योगिकी केंद्र की ओर से आलू बीज उत्पादक किसानों को जोड़ा जा रहा है। इसके तहत उन्हें जहां तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है वहीं उनके खेतों में बीज की निगरानी भी की जाएगी।
अप्रैल 2021 तक प्रदेश के 100 किसानों को इसके लिए चिन्हित किया जा चुका है। 20 किसानों का राज्य प्रमाणीकरण संस्था से पंजीकरण भी हो चुका है। बीज उत्पादक किसानों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
केंद्र के प्रभारी एवं उपनिदेशक उद्यान विभाग डॉ. प्रेम सिंह सिंधू ने बताया कि पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, गुजरात, बिहार, हरियाणा, उत्तरप्रदेश व पंजाब मुख्य आलू उत्पादक राज्य हैं। कुल उत्पादन का 90 प्रतिशत उत्पादन इन राज्यों में होता है। पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश व गुजरात में आलू का बीज नहीं बन सकता। जहां ठंड नहीं पड़ती वहां यह बीज नहीं बन सकता। हरियाणा में बीज बनाने के लिए 15 नवंबर से 15 जनवरी के बीच का समय महत्वपूर्ण है। केंद्र की ओर से आलू बीज उत्पादक तैयार करने के लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और उनके खेतों की निगरानी भी की जाएगी। संवाद
- देश में आलू का क्षेत्रफल करीब 53.55 लाख एकड़
- इस क्षेत्रफल में से 25 प्रतिशत क्षेत्र के लिए हर साल नया बीज दें तो 16 लाख मीट्रिक टन बीज की मांग।
- देश में सरकारी क्षेत्र में कुल बीज उपलब्धता चार लाख मीट्रिक टन।
- निजी क्षेत्र में बीज की उपलब्धता एक लाख मीट्रिक टन।
- हर साल 11 लाख मीट्रिक टन बीज की कमी।
- हरियाणा में आलू का क्षेत्रफल करीब 32 हजार हेक्टेयर
- उत्पादन करीब आठ लाख टन।
- हरियाणा में सरकारी क्षेत्र में आलू बीज उत्पादन 500 मीट्रिक टन।
- निजी क्षेत्र में बीज उत्पदन करीब 9500 मीट्रिक टन।
- हरियाणा में कुल क्षेत्रफल में से 25 प्रतिशत क्षेत्र के लिए नया बीज दें तो 30 हजार मीट्रिक टन बीज की जरूरत।
- उपलब्धता केवल दस हजार मीट्रिक टन।
हरियाणा को आलू बीज उत्पादन का हब बनाएंगे। आलू बीज उत्पादन की आधुनिक तकनीक एयरोपोनिक्स इकाई बनाने पर प्रदेश सरकार 35 प्रतिशत तक अनुदान देगी। इसके अलावा सब्जी उत्पादन के लिए हाइड्रोपोनिक्स व सब्जी की पौध बनाने के लिए सीडलिंग प्रोडक्शन इकाई स्थापित करने पर सरकार ने अनुदान का प्रावधान किया है। यदि इकाई पर एक करोड़ की लागत आती है तो सरकार 35 लाख रुपये अनुदान देगी।
- डॉ. अर्जुन सिंह सैनी, महानिदेशक, उद्यान विभाग हरियाणा