{"_id":"692e0096a56c1f3e8007b3f0","slug":"heart-attack-risk-rises-as-mercury-drops-women-should-be-more-cautious-karnal-news-c-18-knl1018-791892-2025-12-02","type":"story","status":"publish","title_hn":"Karnal News: पारा गिरने के साथ बढ़ा हृदयाघात का खतरा, महिलाएं रहें अधिक सावधान","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Karnal News: पारा गिरने के साथ बढ़ा हृदयाघात का खतरा, महिलाएं रहें अधिक सावधान
संवाद न्यूज एजेंसी, करनाल
Updated Tue, 02 Dec 2025 02:24 AM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
संवाद न्यूज एजेंसी
करनाल।
तापमान गिरने के साथ दिल के रोगियों के लिए मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। जिला नागरिक अस्पताल के हृदय रोग विभाग में रोजाना सात से आठ मरीज हृदय से जुड़ी शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। उच्च रक्तचाप और मधुमेह के मरीज भी इनमें शामिल हैं। चिकित्सकों के अनुसार सर्दियों में अधिक ध्यान रखने की जरूरत है। उच्च रक्तचाप और मधुमेह के मरीजों में हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। जुलाई की तुलना में पिछले डेढ़ महीने में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। चिकित्सकों के अनुसार महिलाओं को अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता है।
हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ. बीरेंद्र ने बताया कि ठंड के मौसम में शरीर की नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ता है और दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। यह स्थिति खासकर उन लोगों के लिए खतरनाक हो जाती है जिनको पहले से उच्च रक्तचाप और मधुमेह की समस्या है। मधुमेह और रक्तचाप के असंतुलित रहने पर दिल की धमनियों में रुकावट बढ़ जाती है, जिससे अचानक हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। पिछले कुछ सालों में हृदय रोगियों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी गई है। जुलाई तक उच्च रक्तचाप के 196 मरीज ओपीडी में आए थे। नवंबर में ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या 260 तक पहुंच गई है। इनमें 70 फीसदी तक महिलाएं हैं। तेजी से बदलती जीवनशैली और तनाव मुख्य कारण है।
शारीरिक गतिविधि की कमी कर रही बीमार
30 से 60 वर्ष की आयु के लोगों में हृदय से जुड़ी शिकायतें सबसे अधिक देखी जा रही हैं। अधिक तनाव और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण युवाओं को दिल की बीमारी घेर रही हैं। सीने में दर्द, सांस फूलने, कमजोरी और बेचैनी जैसी शिकायत लेकर आने वालों में युवाओं की संख्या अधिक है।
लक्षण दिखें तो अस्पताल जाएं
डाॅ. बीरेंद्र ने बताया कि ठंड में तापमान गिरने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का खतरा बढ़ने लगता है। उक्त रक्तचाप और मधुमेह के मरीजों को सतर्क रहने की जरूरत है। अगर सीने में दर्द, जबड़े या कंधे में भारीपन, पसीना या अचानक थकान महसूस हो तो तुरंत अस्पताल आएं, लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। लोग छोटी-छोटी बातों को लेकर अधिक सोचने लगे हैं, जो कि अपने आप में हृदय रोग को न्योता देना है। जरूरी है कि स्वयं को सकारात्मक रखें।
महीना उच्च रक्तचाप के मरीज शुगर के मरीज
जुलाई 196 250
अगस्त 196 221
सितंबर 209 356
अक्तूबर 215 321
नवंबर (लगभग) 260 300
--
-महिलाओं में उच्च रक्तचाप
जून 128
जुलाई 113
अगस्त 92
सितंबर 99
अक्तूबर 145
नवंबर 150
-- -- -- -- -- --
-ध्यान रखें : हल्की कसरत भी जरूरी
रक्तचाप और मधुमेह की नियमित जांच करें
बहुत ठंड में बाहर जाने से बचें, गर्म कपड़े पहनें
रोजाना हल्की कसरत करें, टहलें। अत्यधिक मेहनत न करें
सुबह-सुबह ठंड में नहाने से बचें, गुनगुने पानी का प्रयोग करें
तली-भुनी और ज्यादा नमक वाली चीजों से परहेज करें
-लक्षण : शरीर देता है ये संकेत
-सीने में दबाव, जकड़न या तेज दर्द महसूस होना
-दर्द का कंधे, हाथ, गर्दन, पीठ या जबड़े तक फैल जाना
-अचानक पसीना आना या चक्कर महसूस होना
-सांस फूलना या धड़कन का तेज होना
-उलझन, घबराहट या बेचैनी बढ़ जाना
-पेट में जलन, भारीपन या उल्टी जैसा महसूस होना
-अचानक अत्यधिक थकान या कमजोरी होना
-पैरों में सूजन होने पर डॉक्टर की सलाह लें
Trending Videos
करनाल।
तापमान गिरने के साथ दिल के रोगियों के लिए मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। जिला नागरिक अस्पताल के हृदय रोग विभाग में रोजाना सात से आठ मरीज हृदय से जुड़ी शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। उच्च रक्तचाप और मधुमेह के मरीज भी इनमें शामिल हैं। चिकित्सकों के अनुसार सर्दियों में अधिक ध्यान रखने की जरूरत है। उच्च रक्तचाप और मधुमेह के मरीजों में हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। जुलाई की तुलना में पिछले डेढ़ महीने में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। चिकित्सकों के अनुसार महिलाओं को अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता है।
हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ. बीरेंद्र ने बताया कि ठंड के मौसम में शरीर की नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ता है और दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। यह स्थिति खासकर उन लोगों के लिए खतरनाक हो जाती है जिनको पहले से उच्च रक्तचाप और मधुमेह की समस्या है। मधुमेह और रक्तचाप के असंतुलित रहने पर दिल की धमनियों में रुकावट बढ़ जाती है, जिससे अचानक हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। पिछले कुछ सालों में हृदय रोगियों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी गई है। जुलाई तक उच्च रक्तचाप के 196 मरीज ओपीडी में आए थे। नवंबर में ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या 260 तक पहुंच गई है। इनमें 70 फीसदी तक महिलाएं हैं। तेजी से बदलती जीवनशैली और तनाव मुख्य कारण है।
विज्ञापन
विज्ञापन
शारीरिक गतिविधि की कमी कर रही बीमार
30 से 60 वर्ष की आयु के लोगों में हृदय से जुड़ी शिकायतें सबसे अधिक देखी जा रही हैं। अधिक तनाव और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण युवाओं को दिल की बीमारी घेर रही हैं। सीने में दर्द, सांस फूलने, कमजोरी और बेचैनी जैसी शिकायत लेकर आने वालों में युवाओं की संख्या अधिक है।
लक्षण दिखें तो अस्पताल जाएं
डाॅ. बीरेंद्र ने बताया कि ठंड में तापमान गिरने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का खतरा बढ़ने लगता है। उक्त रक्तचाप और मधुमेह के मरीजों को सतर्क रहने की जरूरत है। अगर सीने में दर्द, जबड़े या कंधे में भारीपन, पसीना या अचानक थकान महसूस हो तो तुरंत अस्पताल आएं, लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। लोग छोटी-छोटी बातों को लेकर अधिक सोचने लगे हैं, जो कि अपने आप में हृदय रोग को न्योता देना है। जरूरी है कि स्वयं को सकारात्मक रखें।
महीना उच्च रक्तचाप के मरीज शुगर के मरीज
जुलाई 196 250
अगस्त 196 221
सितंबर 209 356
अक्तूबर 215 321
नवंबर (लगभग) 260 300
-महिलाओं में उच्च रक्तचाप
जून 128
जुलाई 113
अगस्त 92
सितंबर 99
अक्तूबर 145
नवंबर 150
-ध्यान रखें : हल्की कसरत भी जरूरी
रक्तचाप और मधुमेह की नियमित जांच करें
बहुत ठंड में बाहर जाने से बचें, गर्म कपड़े पहनें
रोजाना हल्की कसरत करें, टहलें। अत्यधिक मेहनत न करें
सुबह-सुबह ठंड में नहाने से बचें, गुनगुने पानी का प्रयोग करें
तली-भुनी और ज्यादा नमक वाली चीजों से परहेज करें
-लक्षण : शरीर देता है ये संकेत
-सीने में दबाव, जकड़न या तेज दर्द महसूस होना
-दर्द का कंधे, हाथ, गर्दन, पीठ या जबड़े तक फैल जाना
-अचानक पसीना आना या चक्कर महसूस होना
-सांस फूलना या धड़कन का तेज होना
-उलझन, घबराहट या बेचैनी बढ़ जाना
-पेट में जलन, भारीपन या उल्टी जैसा महसूस होना
-अचानक अत्यधिक थकान या कमजोरी होना
-पैरों में सूजन होने पर डॉक्टर की सलाह लें