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Karnal News: अब एचएसवीपी, आवास बोर्ड क्षेत्र की रजिस्ट्री में खेवट-खतौनी, पुराने शहरों में खसरा नंबर की जरूरत नहीं

Amar Ujala Bureau अमर उजाला ब्यूरो
Updated Fri, 14 Nov 2025 12:27 AM IST
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Now Khewat-Khatauni is not required in the registry of HSVP, Housing Board area, Khasra number is not required in old cities.
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गगन तलवार
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करनाल। अब प्रदेश में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (सेक्टर) और आवास बोर्ड क्षेत्र के प्लॉट, मकान व जमीन की रजिस्ट्री के लिए खेवट और खतौनी नंबर व पुराने शहरी क्षेत्र की रजिस्ट्री में खसरा नंबर की जरूरत नहीं पड़ेगी। इन जगहों की रजिस्ट्री के लिए नगर निकायों की ओर से जारी संपत्ति आईडी नंबर को ही इस्तेमाल किया जाएगा। कागज रहित रजिस्ट्री प्रणाली में दिक्कतें सामने आने के बाद राजस्व विभाग की ओर से पोर्टल की व्यवस्था में बदलाव किया गया है।
उपायुक्त उत्तम सिंह के अनुसार, पोर्टल के पंजीकरण प्रारूप में सुधार करते हुए खेवट, खतौनी और खसरा नंबर हटाया गया है। इसकी जगह संपत्ति आईडी नंबर से ही पंजीकरण हो सकेगा। वहीं नगर निकायों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में एनओसी आवश्यकताओं में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह पहले की तरह लागू रहेगा। नगर निकाय सहित अन्य जरूरी एनओसी रजिस्ट्री के लिए पहले की तरह जरूरी एवं मान्य रहेंगी। इसके अलावा लाइसेंस प्राप्त कॉलोनियों के डाटा को भी व्यवस्थित किया गया है। अब यह शहरी और अर्ध शहरी क्षेत्रों के अनुसार होगा। लाइसेंस प्राप्त सभी कॉलोनियों के रिकॉर्ड को शहरी स्थानीय निकायों से जोड़ा गया है। जबकि ग्रामीण कॉलोनियों की रजिस्ट्री के लिए रिव्यू नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के परामर्श से ही होगा। इसके संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे।
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12 दिनों में अटकीं 66.6 प्रतिशत रजिस्ट्री
पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली शुरू होने के बाद से 12 नवंबर तक 2778 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 66.6 प्रतिशत रजिस्ट्री अब भी अटकी हैं। 33.4 यानी 927 दस्तावेजों का सफलतापूर्वक पंजीकरण हो पाया है। 495 आवेदनों को पंजीकरण के लिए विशिष्ट नियुक्ति तिथियां दी गई हैं, जिसका निष्पादन निर्धारित समय-सीमा के अनुसार पूरा किया जाना है। 327 आवेदन अपूर्ण या गलत दस्तावेजों के कारण अस्वीकृत किए गए। शेष आवेदन वर्तमान में विभिन्न कार्यालयों में सत्यापन के अधीन हैं और 5 दिनों की समय-सीमा के भीतर सत्यापन पूरा होने के बाद उनके पंजीकरण को तुरंत अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

यह संशोधन भी किए
- साझेदारी या सहयोग विलेखों के लिए वर्ण सीमा 500 से बढ़ाकर 10 हजार वर्ण कर दी गई है, जिससे नियम और शर्तों को पूरी तरह से दर्ज किया जा सकेगा।
- उपयोगकर्ता की सुविधा के लिए पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने की सीमा 10 एमबी से बढ़ाकर 40 एमबी कर दी गई है।
- नामों में मामूली विसंगतियों के कारण आवेदन अस्वीकार नहीं किए जाएंगे।
- जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी विकल्प अब भी उपलब्ध है और इसे और सरल बनाया गया है। अधिकृत व्यक्ति की उपस्थिति विलेख में दर्ज होगी।

राजस्व विभाग ने जनता की प्रतिक्रिया और अधिकारियों व नागरिकों के सुझावों के आधार पर कई महत्वपूर्ण सुधार लागू किए हैं। कुछ गांवों के भूमि डाटा में त्रुटियों को ठीक करते हुए डुप्लिकेट एंट्री को दुरुस्त किया गया है। लाइसेंस प्राप्त कॉलोनियों के डाटा को शहरी स्थानीय निकायों से जोड़ने से समन्वय आसान और अनुमोदन तेज हो जाएगा।
- उत्तम सिंह, उपायुक्त
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