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Karnal News: रामकुमार के शरीर पर किया जा सकेगा शोध, किया दान
संवाद न्यूज एजेंसी, करनाल
Updated Thu, 13 Nov 2025 12:15 AM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
कुरुक्षेत्र। गांव रावगढ़ निवासी 65 वर्षीय रामकुमार का निधन हो गया है, जिनके शव पर अब शोध किया जा सकेगा। उनकी मंगलवार को मृत्यु हो गई थी। उनकी इच्छा थी कि मरणोपरांत उनके शरीर का दान किया जाए। इसके लिए रामकुमार इन्सां ने डेरा सच्चा सौदा में देहदान का फार्म भी भरा हुआ था। उनकी इच्छा के अनुसार परिवार के लोगों ने मुत्यु के बाद उनके शरीर का दान हिसार के बरवाला स्थित नेशनल कॉलेज ऑफ आयुर्वेदा एंड हॉस्पिटल में किया। उनका शव एंबुलेंस के माध्यम से ले जाया गया तो नारों से आसमान गुंजायमान हो गया। इस मौके पर सरपंच नारंग, प्रवीण कडामी, कृष्ण, सलिंद्र पाल, दिनेश, तरसेम, बृजभूषण सहित सैंकड़ों लोग मौजूद थे।
रामकुमार इन्सां के पुत्र रोडवेज विभाग में कार्यरत रोशन लाल ने बताया कि तीन चार दिन की बीमारी के बाद उसके पिता की मृत्यु हो गई। पिता नहर विभाग से बेलदार सेवानिवृत्त थे। वे अपने पीछे पत्नी कृष्णा देवी, भाई बीरबल सिंह, भाभी राजरानी, दो पुत्रों रोशन लाल व सोहनलाल, पुत्री सुनीता देवी, पुत्रवधू रूबि व प्रवीण कुमारी, पौत्र गुरजंट गुरजीत व गुरवीर व पौत्री गुरजोत को छोड़ गए हैं।
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कुरुक्षेत्र। गांव रावगढ़ निवासी 65 वर्षीय रामकुमार का निधन हो गया है, जिनके शव पर अब शोध किया जा सकेगा। उनकी मंगलवार को मृत्यु हो गई थी। उनकी इच्छा थी कि मरणोपरांत उनके शरीर का दान किया जाए। इसके लिए रामकुमार इन्सां ने डेरा सच्चा सौदा में देहदान का फार्म भी भरा हुआ था। उनकी इच्छा के अनुसार परिवार के लोगों ने मुत्यु के बाद उनके शरीर का दान हिसार के बरवाला स्थित नेशनल कॉलेज ऑफ आयुर्वेदा एंड हॉस्पिटल में किया। उनका शव एंबुलेंस के माध्यम से ले जाया गया तो नारों से आसमान गुंजायमान हो गया। इस मौके पर सरपंच नारंग, प्रवीण कडामी, कृष्ण, सलिंद्र पाल, दिनेश, तरसेम, बृजभूषण सहित सैंकड़ों लोग मौजूद थे।
रामकुमार इन्सां के पुत्र रोडवेज विभाग में कार्यरत रोशन लाल ने बताया कि तीन चार दिन की बीमारी के बाद उसके पिता की मृत्यु हो गई। पिता नहर विभाग से बेलदार सेवानिवृत्त थे। वे अपने पीछे पत्नी कृष्णा देवी, भाई बीरबल सिंह, भाभी राजरानी, दो पुत्रों रोशन लाल व सोहनलाल, पुत्री सुनीता देवी, पुत्रवधू रूबि व प्रवीण कुमारी, पौत्र गुरजंट गुरजीत व गुरवीर व पौत्री गुरजोत को छोड़ गए हैं।
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