यूरिया खाद की किल्लत के चलते क्षेत्र के किसानों को कड़ाके की ठंड में सुबह 4 बजे से ही खाद लेने के लिए लाइन में लगने को मजबूर होना पड़ रहा है। किसानों को जैसे ही निजी व सहकारी समिति रामसरन माजरा में खाद आने की भनक लगी तो वे लोग सुबह 4 बजे से ही लाइन में लगकर खाद आने का इंतजार करने लगे। सुबह 10 बजे खाद आने पर किसान खाद लेने के लिए मारामारी करते नजर आए, जिससे खाद विक्रेताओं को खाद बांटने में काफी परेशानी हुई।
किसान महेंद्र सिंह व गुलजार सिंह का कहना है कि गेहूं की फसल की बिजाई किए हुए दो महीने हो चुके हैं, लेकिन फसल में डालने के लिए यूरिया नहीं मिल रहा है। दिनभर लाइन में लगने के बावजूद उन्हें केवल पांच-पांच कट्टे ही खाद के मिले थे। किसानों का कहना है कि जब सरकार को पता है कि गेहूं की फसल के लिए यूरिया खाद की जरूरत है, मगर सरकार समय पर किसानों को यूरिया खाद न देकर किसानों को जानबूझकर परेशान कर रही है। मांग है कि सरकार खाद की किल्लत को दूर करें और समय पर किसानों को खाद उपलब्ध कराए।
यूरिया खाद की किल्लत के चलते क्षेत्र के किसानों को कड़ाके की ठंड में सुबह 4 बजे से ही खाद लेने के लिए लाइन में लगने को मजबूर होना पड़ रहा है। किसानों को जैसे ही निजी व सहकारी समिति रामसरन माजरा में खाद आने की भनक लगी तो वे लोग सुबह 4 बजे से ही लाइन में लगकर खाद आने का इंतजार करने लगे। सुबह 10 बजे खाद आने पर किसान खाद लेने के लिए मारामारी करते नजर आए, जिससे खाद विक्रेताओं को खाद बांटने में काफी परेशानी हुई।
किसान महेंद्र सिंह व गुलजार सिंह का कहना है कि गेहूं की फसल की बिजाई किए हुए दो महीने हो चुके हैं, लेकिन फसल में डालने के लिए यूरिया नहीं मिल रहा है। दिनभर लाइन में लगने के बावजूद उन्हें केवल पांच-पांच कट्टे ही खाद के मिले थे। किसानों का कहना है कि जब सरकार को पता है कि गेहूं की फसल के लिए यूरिया खाद की जरूरत है, मगर सरकार समय पर किसानों को यूरिया खाद न देकर किसानों को जानबूझकर परेशान कर रही है। मांग है कि सरकार खाद की किल्लत को दूर करें और समय पर किसानों को खाद उपलब्ध कराए।