{"_id":"6914d28b45918de6a308c3ab","slug":"rajasthan-police-arrested-three-members-of-the-slingshot-gang-narnol-news-c-203-1-sroh1010-121614-2025-11-13","type":"story","status":"publish","title_hn":"Mahendragarh-Narnaul News: राजस्थान पुलिस ने गुलेल गैंग के तीन सदस्यों को किया गिरफ्तार","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Mahendragarh-Narnaul News: राजस्थान पुलिस ने गुलेल गैंग के तीन सदस्यों को किया गिरफ्तार
संवाद न्यूज एजेंसी, महेंद्रगढ़/नारनौल
Updated Thu, 13 Nov 2025 12:01 AM IST
विज्ञापन
फोटो संख्या:72-राजस्थान पुलिस की गिरफ्त में आरोपी--स्रोत- पुलिस
विज्ञापन
महेंद्रगढ़। अंतरराज्यीय काली बावरिया गुलेल गैंग के तीन सदस्यों को महेंद्रगढ़ सीआईए पुलिस की मदद से राजस्थान पुलिस ने मंगलवार देर शाम को गिरफ्तार किया है।
इन आरोपियों की गिरफ्तारियों से राजस्थान और हरियाणा समेत कई राज्यों में हुई चोरी की बड़ी वारदात का खुलासा हुआ है। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के पल्लू क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध मा ब्राह्मणी मंदिर में बीस अक्टूबर की रात हुई बड़ी चोरी के मामले का भी पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है।
चोरी की जांच के दौरान राजस्थान पुलिस ने हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के विभिन्न इलाकों में लगातार छापेमारी की। तकनीकी विश्लेषण और जांच के बाद अंतरराज्यीय काली बावरिया गुलेल गैंग के तीन सक्रिय सदस्य जगत सिंह उर्फ दीपक, सविता पत्नी जगत, निवासी नेहरूगढ़ (गामड़ी) तहसील कोसली, जिला रेवाड़ी और पूजा पुत्री सत्यवीर निवासी रामबास, पुलिस थाना तिजारा, जिला कोटपूतली-बहरोड़, हाल आबाद गांव पड़तल निवासी, पुलिस थाना कनीना सदर, जिला महेंद्रगढ़ को गिरफ्तार किया गया।
हनुमानगढ़ जिले के थाना पल्लू के प्रभारी विजेंद्र शर्मा के नेतृत्व में गठित टीम ने 23 दिनों के बाद चोरी का खुलासा किया। थाना प्रभारी विजेंद्र शर्मा ने बताया कि मंदिर से मिले सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करते हुए टीम ने मुख्य मार्गों और साधनों का पीछा करते हुए चोरों का सुराग महेंद्रगढ़ जिले के गांव पड़तल, थाना कनीना सदर तक लगाया। यहां सीआईए स्टाफ महेंद्रगढ़ की सहायता से टीम ने गैंग की सरगना काली बावरिया तक पहुंच बनाई।
पुलिस ने इस मामले में कुल सात लोगों को नामजद किया है। तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि चार लोग, जिनमें गैंग की सरगना काली पुत्री धनपत निवासी पड़तल थाना कनीना, अजीत पुत्र ओमप्रकाश निवासी बवानियां हाल निवासी पड़तल, विजय उर्फ विजया पुत्र सत्यवीर, पिंकी पुत्री सत्यवीर और सिया पत्नी विजय उर्फ विजया फरार हैं।
पुलिस जांच में सामने आया है कि यह गैंग रात के समय मंदिरों, खेतों और घरों को निशाना बनाकर चोरी की वारदातों को अंजाम देती थी। वारदात के बाद ये बार-बार ठिकाना बदलते रहते थे ताकि पुलिस की पकड़ से बच सकें। अब तक की जांच में बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़ और महेंद्रगढ़ सहित कई जिलों में इन आरोपियों के शामिल होने की पुष्टि हुई है।
महेंद्रगढ़ थाने में एफआईआर नंबर 282 दर्ज है जो गांव झगड़ोली से बाइक चोरी की है। इस गैंग की सरगना काली बावरिया के खिलाफ हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और अन्य राज्यों में करीब 60 मुकदमे, अजीत के खिलाफ 40 मुकदमे और विजय उर्फ विजया के खिलाफ 10 मुकदमे दर्ज हैं। मां ब्राह्मणी मंदिर में दीपावली की रात हुई चोरी से ग्रामीणों और श्रद्धालुओं में गहरी नाराजगी रही थी। लोगों ने थाने पर प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग की थी। चोर मंदिर से लगभग आठ किलो चांदी के आभूषण, मूर्तियां, मुकुट और छत्र सहित कई कीमती सामान चोरी कर ले गए थे।
-- -- -- -- -- -- --
- गुलेल को हथियार के तौर पर करते थे प्रयोग
राजस्थान पुलिस के अनुसार पकड़े गए तीनों आरोपी गुलेल गैंग से जुड़े हैं। इस गैंग का नाम इसलिए पड़ा क्योंकि ये वारदात के दौरान हथियार के तौर पर गुलेल का इस्तेमाल करते हैं। सामने आने पर पत्थर मारकर आसानी से फरार हो जाते हैं। कार्रवाई में विशेष भूमिका निभाने वाले हेड कांस्टेबल मनीष बिश्नोई ने बताया कि आरोपियों के पास से एक गुलेल बरामद की गई है। आरोपी इतने शातिर हैं कि इसी गुलेल का प्रयोग कर ताले तक तोड़ देते हैं। काली बावरिया (गुलेल गैंग) अपनी जाति के गरीब व्यक्तियों के आपसी घरेलू झगड़ों में राजीनामा करवाने और तीर्थ स्थानों पर घुमाने के बहाने अपने साधनों से मंदिरों में जाकर पहले वहां की निगरानी करती है। इसके बाद गुप्त जानकारी अपने पति अजित और पुत्र विजय उर्फ विजया को देती है। मौका पाकर यह गैंग रात के समय मंदिरों और घरों में चोरी की वारदातों को अंजाम देता है। घटना से पहले यह लोग घुमंतु परिवार बनकर गांव या कस्बे के बाहर ठहरते हैं और घटना के बाद तुरंत अपना स्थान बदल लेते हैं।
Trending Videos
इन आरोपियों की गिरफ्तारियों से राजस्थान और हरियाणा समेत कई राज्यों में हुई चोरी की बड़ी वारदात का खुलासा हुआ है। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के पल्लू क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध मा ब्राह्मणी मंदिर में बीस अक्टूबर की रात हुई बड़ी चोरी के मामले का भी पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है।
विज्ञापन
विज्ञापन
चोरी की जांच के दौरान राजस्थान पुलिस ने हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के विभिन्न इलाकों में लगातार छापेमारी की। तकनीकी विश्लेषण और जांच के बाद अंतरराज्यीय काली बावरिया गुलेल गैंग के तीन सक्रिय सदस्य जगत सिंह उर्फ दीपक, सविता पत्नी जगत, निवासी नेहरूगढ़ (गामड़ी) तहसील कोसली, जिला रेवाड़ी और पूजा पुत्री सत्यवीर निवासी रामबास, पुलिस थाना तिजारा, जिला कोटपूतली-बहरोड़, हाल आबाद गांव पड़तल निवासी, पुलिस थाना कनीना सदर, जिला महेंद्रगढ़ को गिरफ्तार किया गया।
हनुमानगढ़ जिले के थाना पल्लू के प्रभारी विजेंद्र शर्मा के नेतृत्व में गठित टीम ने 23 दिनों के बाद चोरी का खुलासा किया। थाना प्रभारी विजेंद्र शर्मा ने बताया कि मंदिर से मिले सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करते हुए टीम ने मुख्य मार्गों और साधनों का पीछा करते हुए चोरों का सुराग महेंद्रगढ़ जिले के गांव पड़तल, थाना कनीना सदर तक लगाया। यहां सीआईए स्टाफ महेंद्रगढ़ की सहायता से टीम ने गैंग की सरगना काली बावरिया तक पहुंच बनाई।
पुलिस ने इस मामले में कुल सात लोगों को नामजद किया है। तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि चार लोग, जिनमें गैंग की सरगना काली पुत्री धनपत निवासी पड़तल थाना कनीना, अजीत पुत्र ओमप्रकाश निवासी बवानियां हाल निवासी पड़तल, विजय उर्फ विजया पुत्र सत्यवीर, पिंकी पुत्री सत्यवीर और सिया पत्नी विजय उर्फ विजया फरार हैं।
पुलिस जांच में सामने आया है कि यह गैंग रात के समय मंदिरों, खेतों और घरों को निशाना बनाकर चोरी की वारदातों को अंजाम देती थी। वारदात के बाद ये बार-बार ठिकाना बदलते रहते थे ताकि पुलिस की पकड़ से बच सकें। अब तक की जांच में बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़ और महेंद्रगढ़ सहित कई जिलों में इन आरोपियों के शामिल होने की पुष्टि हुई है।
महेंद्रगढ़ थाने में एफआईआर नंबर 282 दर्ज है जो गांव झगड़ोली से बाइक चोरी की है। इस गैंग की सरगना काली बावरिया के खिलाफ हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और अन्य राज्यों में करीब 60 मुकदमे, अजीत के खिलाफ 40 मुकदमे और विजय उर्फ विजया के खिलाफ 10 मुकदमे दर्ज हैं। मां ब्राह्मणी मंदिर में दीपावली की रात हुई चोरी से ग्रामीणों और श्रद्धालुओं में गहरी नाराजगी रही थी। लोगों ने थाने पर प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग की थी। चोर मंदिर से लगभग आठ किलो चांदी के आभूषण, मूर्तियां, मुकुट और छत्र सहित कई कीमती सामान चोरी कर ले गए थे।
- गुलेल को हथियार के तौर पर करते थे प्रयोग
राजस्थान पुलिस के अनुसार पकड़े गए तीनों आरोपी गुलेल गैंग से जुड़े हैं। इस गैंग का नाम इसलिए पड़ा क्योंकि ये वारदात के दौरान हथियार के तौर पर गुलेल का इस्तेमाल करते हैं। सामने आने पर पत्थर मारकर आसानी से फरार हो जाते हैं। कार्रवाई में विशेष भूमिका निभाने वाले हेड कांस्टेबल मनीष बिश्नोई ने बताया कि आरोपियों के पास से एक गुलेल बरामद की गई है। आरोपी इतने शातिर हैं कि इसी गुलेल का प्रयोग कर ताले तक तोड़ देते हैं। काली बावरिया (गुलेल गैंग) अपनी जाति के गरीब व्यक्तियों के आपसी घरेलू झगड़ों में राजीनामा करवाने और तीर्थ स्थानों पर घुमाने के बहाने अपने साधनों से मंदिरों में जाकर पहले वहां की निगरानी करती है। इसके बाद गुप्त जानकारी अपने पति अजित और पुत्र विजय उर्फ विजया को देती है। मौका पाकर यह गैंग रात के समय मंदिरों और घरों में चोरी की वारदातों को अंजाम देता है। घटना से पहले यह लोग घुमंतु परिवार बनकर गांव या कस्बे के बाहर ठहरते हैं और घटना के बाद तुरंत अपना स्थान बदल लेते हैं।