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Palwal News: सर्दी बढ़ते ही नागरिक अस्पताल में बढ़ी निमोनिया के मरीजों की संख्या
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ओपीडी में रोजाना पहुंच रहे पांच साल से कम उम्र के 20 से अधिक बच्चे
संवाद न्यूज एजेंसी
पलवल। सर्दियों की अभी शुरुआत ही हुई है और जिले में निमोनिया के मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। जिला नागरिक अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 20 से अधिक नए मरीज निमोनिया के आ रहे हैं जिनमें ज्यादातर मरीज पांच साल से कम की उम्र के बच्चे हैं। चिक्तिसकों का कहना है कि ठंडी हवाएं और मौसम में नमी बढ़ने से बच्चों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. वासुदेव ने बताया कि पिछले छह महीनों में हर महीने औसतन 30 से 40 बच्चे निमोनिया के मरीज के रूप में आते थे लेकिन अब ठंड बढ़ने लगी है तो संख्या तीन गुने से भी अधिक हो गई है। अस्पताल की बाल रोग ओपीडी में प्रतिदिन से 20 अधिक बच्चे खांसी, सांस लेने में तकलीफ और तेज बुखार की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। इनमें अधिकांश मामलों में निमोनिया की पुष्टि हो रही है। डॉक्टर ने बताया कि ठंड के मौसम में छोटे बच्चे जल्दी संक्रमण का चपेट में आते हैं। उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। उन्होंने कहा कि अगर बच्चे लगातार खांसी, सांस फूलना या पसलियां चलने जैसी परेशानी हो रही हो, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल जाकर डॉक्टर से जांच कराएं।
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यह बरतें सावधानी, कफ सिरप बिना डॉक्टर की सलाह के न देने की अपील
डॉ. वासुदेव ने अभिभावकों को सलाह दी है कि बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं, सिर और कानों को ढकें, हाथों में ग्लव्स और पैरों में मोजे जरूर पहनाएं। सुबह और शाम के समय ठंडी हवा में बच्चों को न घुमाएं। इसके साथ ही ठंडे पेय पदार्थ या आइसक्रीम जैसी चीजों से परहेज करने की हिदायत दी है। साथ ही अपील की है कि बिना डॉक्टर की सलाह के मेडिकल स्टोर से दवा न लें और खासतौर पर एक साल या उससे कम उम्र के बच्चों को खांसी की स्थिति में कफ सिरप बिल्कुल न दें।
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संवाद न्यूज एजेंसी
पलवल। सर्दियों की अभी शुरुआत ही हुई है और जिले में निमोनिया के मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। जिला नागरिक अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 20 से अधिक नए मरीज निमोनिया के आ रहे हैं जिनमें ज्यादातर मरीज पांच साल से कम की उम्र के बच्चे हैं। चिक्तिसकों का कहना है कि ठंडी हवाएं और मौसम में नमी बढ़ने से बच्चों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. वासुदेव ने बताया कि पिछले छह महीनों में हर महीने औसतन 30 से 40 बच्चे निमोनिया के मरीज के रूप में आते थे लेकिन अब ठंड बढ़ने लगी है तो संख्या तीन गुने से भी अधिक हो गई है। अस्पताल की बाल रोग ओपीडी में प्रतिदिन से 20 अधिक बच्चे खांसी, सांस लेने में तकलीफ और तेज बुखार की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। इनमें अधिकांश मामलों में निमोनिया की पुष्टि हो रही है। डॉक्टर ने बताया कि ठंड के मौसम में छोटे बच्चे जल्दी संक्रमण का चपेट में आते हैं। उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। उन्होंने कहा कि अगर बच्चे लगातार खांसी, सांस फूलना या पसलियां चलने जैसी परेशानी हो रही हो, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल जाकर डॉक्टर से जांच कराएं।
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यह बरतें सावधानी, कफ सिरप बिना डॉक्टर की सलाह के न देने की अपील
डॉ. वासुदेव ने अभिभावकों को सलाह दी है कि बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं, सिर और कानों को ढकें, हाथों में ग्लव्स और पैरों में मोजे जरूर पहनाएं। सुबह और शाम के समय ठंडी हवा में बच्चों को न घुमाएं। इसके साथ ही ठंडे पेय पदार्थ या आइसक्रीम जैसी चीजों से परहेज करने की हिदायत दी है। साथ ही अपील की है कि बिना डॉक्टर की सलाह के मेडिकल स्टोर से दवा न लें और खासतौर पर एक साल या उससे कम उम्र के बच्चों को खांसी की स्थिति में कफ सिरप बिल्कुल न दें।