हरियाणा में सवा तीन महीनों में रजिस्ट्रियों कराने को लेकर हुआ भ्रष्टाचार पकड़ने को सीधे सीएम उड़नदस्ते ने मोर्चा संभाल लिया है। सोमवार को प्रदेश की अनेक तहसीलों में उड़नदस्ते ने छापेमारी की। रजिस्ट्रियों में हुई गड़बड़ियों को लेकर डीसी व तहसीलदारों के बीच गठजोड़ के भी आरोप लग रहे हैं।
32 शहरों में नियंत्रित क्षेत्र में हुई गलत रजिस्ट्रियों की जांच डीसी तो कर ही रहे हैं, लेकिन सीएम उड़नदस्ता अलग से भ्रष्ट अफसरों की कुंडली खंगालने में जुट गया है। सीआईडी प्रमुख अनिल कुमार राव भले ही छापे को रूटीन कार्रवाई बताएं, लेकिन सरकार दलालों व अफसरों के फर्जीवाड़े की तह तक पहुंचने में लगी हुई है।
कोरोना बंद के बीच 22 अप्रैल के बाद जिला नगर योजनाकार और शहरी निकायों की एनओसी के बिना गलत रजिस्ट्रियां हुई हैं। 2016 की नीति अनुसार प्राइम लोकेशन के बड़े प्लाटों का बंटवारा नहीं किया जा सकता, मगर भू माफिया ने इन बड़े प्लाटों को छोटे बनाकर बिना एनओसी के रजिस्ट्रियां करा लीं।
यदि 1200 गज या इससे अधिक का प्लाट है तो उसकी रजिस्ट्री बिना एनओसी आसानी से हो सकती है, लेकिन छोटे प्लाट व मकानधारकों के लिए यह सुविधा नहीं है। सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, झज्जर, रोहतक, हिसार, बहादुरगढ़, अंबाला व पंचकूला जिले में हुआ है।
सीएम फ्लाइंग की टीम ने बहादुरगढ़, झज्जर, रोहतक, सांपला, कलानौर, महम, गोहाना, सोनीपत, भिवानी और चरखी दादरी तहसीलों में जांच की। इनमें 22 अप्रैल से 30 जून तक बहादुरगढ़ तहसील में कुल 1366, झज्जर में 998, कलानौर में 454, गोहाना में 950, भिवानी में 922 में चरखी दादरी 113 रजिस्ट्रियां हुई हैं।
इन टीमों ने रजिस्ट्रियों के दस्तावेज जुटाए हैं। जींद में सीएम फ्लाइंग ने तहसील कार्यालय से रजिस्ट्रियों का रिकॉर्ड मांगा है। कितनी रजिस्ट्री एनओसी के साथ हुई और कितनी बगैर एनओसी के। तहसीलदार ने सीएम फ्लाइंग को सारा रिकॉर्ड दे दिया गया है।
फतेहाबाद तक पहुंची आंच
रजिस्ट्री घोटाले की आंच फतेहाबाद तक भी पहुंच र्गई है। सोमवार को सीएम फ्लाइंग ने फतेहाबाद में तहसील कार्यालय में दबिश दी और रिकॉर्ड खंगाला। टीम अब रिकॉर्ड की पूरी गहनता से जांच करेगी। लगभग 100 के आसपास रजिस्ट्री का रिकार्ड लिया गया है।
फरीदाबाद जिले में हज़ारों रजिस्ट्रियां
लॉकडाउन में हुई रजिस्ट्रियों की जांच के लिए सीएम फ्लाइंग ने सोमवार को फरीदाबाद, बड़खल और बल्लभगढ़ की तहसीलों में जांच की। प्रत्येक तहसील में दो सदस्यीय टीम ने लॉकडाउन में हुई रजिस्ट्री के रिकार्ड जुटाए। जरूरी रिकार्ड की फोटो कापी कराकर टीम अपने साथ लेकर गई। सीएम फ्लाइंग के पहुंचने की सूचना से तहसीलों में हड़कंप मचा रहा।
टीमें शाम पांच बजे तक रिकार्ड जुटाने में लगी रहीं। 22 अप्रैल से 22 जुलाई तक तीनों तहसीलों में लगभग 6000 रजिस्ट्री हुई हैं। सीएम फ्लाइंग सोमवार को गुरुग्राम जिले की किसी तहसील में नहीं पहुंची। गुरुग्राम में रजिस्ट्रियों में सबसे ज्यादा घपला होने की खबरे हैं। सूत्रों के अनुसार तहसील के अफसर रिकार्ड दुरुस्त करने में लगे हैं।
हरियाणा में सवा तीन महीनों में रजिस्ट्रियों कराने को लेकर हुआ भ्रष्टाचार पकड़ने को सीधे सीएम उड़नदस्ते ने मोर्चा संभाल लिया है। सोमवार को प्रदेश की अनेक तहसीलों में उड़नदस्ते ने छापेमारी की। रजिस्ट्रियों में हुई गड़बड़ियों को लेकर डीसी व तहसीलदारों के बीच गठजोड़ के भी आरोप लग रहे हैं।
32 शहरों में नियंत्रित क्षेत्र में हुई गलत रजिस्ट्रियों की जांच डीसी तो कर ही रहे हैं, लेकिन सीएम उड़नदस्ता अलग से भ्रष्ट अफसरों की कुंडली खंगालने में जुट गया है। सीआईडी प्रमुख अनिल कुमार राव भले ही छापे को रूटीन कार्रवाई बताएं, लेकिन सरकार दलालों व अफसरों के फर्जीवाड़े की तह तक पहुंचने में लगी हुई है।
कोरोना बंद के बीच 22 अप्रैल के बाद जिला नगर योजनाकार और शहरी निकायों की एनओसी के बिना गलत रजिस्ट्रियां हुई हैं। 2016 की नीति अनुसार प्राइम लोकेशन के बड़े प्लाटों का बंटवारा नहीं किया जा सकता, मगर भू माफिया ने इन बड़े प्लाटों को छोटे बनाकर बिना एनओसी के रजिस्ट्रियां करा लीं।
यदि 1200 गज या इससे अधिक का प्लाट है तो उसकी रजिस्ट्री बिना एनओसी आसानी से हो सकती है, लेकिन छोटे प्लाट व मकानधारकों के लिए यह सुविधा नहीं है। सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, झज्जर, रोहतक, हिसार, बहादुरगढ़, अंबाला व पंचकूला जिले में हुआ है।