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रोक के बावजूद बीएससी के पांच पाठ्यक्रमों में छात्रों को दिया प्रवेश, पीटीयू सौंपे जवाब: हाईकोर्ट
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चंडीगढ़। नेशनल कमिशन फॉर अलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की रोक के बावजूद आईके गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी द्वारा बीएससी के पांच पाठ्यक्रमों में छात्रों को प्रवेश देने के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार व पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी से जवाब मांगा है।
याचिका दाखिल करते हुए अमरदीप गुजराल ने एडवोकेट अमित शर्मा के माध्यम से बताया कि नेशनल कमिशन फॉर अलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स ने गत वर्ष आदेश जारी किया था कि इन पाठ्यक्रमों के लिए दिशा निर्देश जारी होने तक कोई नया प्रवेश नहीं लिया जाएगा। इसके बावजूद यूनिवर्सिटी ने इन पांचों पाठ्यक्रमों की 30-30 सीटों पर प्रवेश ले लिए।
याची ने कहा कि एक ओर तो यूनिवर्सिटी ने नेशनल कमिशन के आदेश का उल्लंघन किया है तो वहीं दूसरी ओर छात्रों के भविष्य को संकट में डाल दिया है। याची पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका पर पंजाब सरकार सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।
साथ ही वीसी से पूछा है कि जब प्रवेश देने पर रोक थी तो वह कारण व परिस्थितियां बताई जाएं जिनमें छात्रोंं को प्रवेश दिया गया था। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर यह भी बताने को कहा है कि क्या जिन विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है उन्हें इस रोक के आदेश के बारे में पता है।
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याचिका दाखिल करते हुए अमरदीप गुजराल ने एडवोकेट अमित शर्मा के माध्यम से बताया कि नेशनल कमिशन फॉर अलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स ने गत वर्ष आदेश जारी किया था कि इन पाठ्यक्रमों के लिए दिशा निर्देश जारी होने तक कोई नया प्रवेश नहीं लिया जाएगा। इसके बावजूद यूनिवर्सिटी ने इन पांचों पाठ्यक्रमों की 30-30 सीटों पर प्रवेश ले लिए।
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याची ने कहा कि एक ओर तो यूनिवर्सिटी ने नेशनल कमिशन के आदेश का उल्लंघन किया है तो वहीं दूसरी ओर छात्रों के भविष्य को संकट में डाल दिया है। याची पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका पर पंजाब सरकार सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।
साथ ही वीसी से पूछा है कि जब प्रवेश देने पर रोक थी तो वह कारण व परिस्थितियां बताई जाएं जिनमें छात्रोंं को प्रवेश दिया गया था। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर यह भी बताने को कहा है कि क्या जिन विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है उन्हें इस रोक के आदेश के बारे में पता है।