चंडीगढ़। पंजाब में कृषि विविधता को बढ़ावा देने और बहुमूल्य भूजल को बचाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में मूंगी की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने का एलान किया है।
मूंगी बीजने वाले किसानों को भरोसा दिलाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मूंगी की फसल का एक-एक दाना समर्थन मूल्य पर खरीदेगी लेकिन किसानों के लिए यह शर्त होगी कि उन्हें मूंगी की फसल काटने के बाद उसी खेत में धान की किस्म 126 या बासमती की फसल लगानी होगी। ये दोनों फसलें पानी का कम उपभोग और थोड़े समय में तैयार होने वाली हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी एलान किया कि राज्य सरकार लाभदायक भाव पर बासमती की खरीद करेगी ताकि किसानों को किसी घाटे से बचाने के लिए मार्केट की कीमतों में स्थिरता को यकीनी बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि कोई सरकार किसानों को मूंगी की पैदावार समर्थन मूल्य पर खरीदने का पक्का भरोसा दे रही हो। इससे किसानों को गेहूं और धान के बीच एक अन्य फसल बीजने का मौका मिलेगा, जिससे उन्हें आर्थिक तौर पर भी लाभ होगा।
उल्लेखनीय है कि मूंगी का एमएसपी 7275 रुपये प्रति क्विंटल है और पंजाब में मौजूदा साल में अब तक लगभग 77,000 एकड़ रकबा मूंगी की काश्त के तहत आ चुका है जबकि बीते वर्ष लगभग 50,000 एकड़ क्षेत्रफल इसकी काश्त के अधीन था। उन्होंने कहा कि मूंगी की फसल 55 दिन में तैयार हो जाती है। ऐसे में गेहूं की कटाई के बाद धान की बुआई के बीच किसानों के पास मूंगी की एक फसल हासिल कर लेने के लिए पर्याप्त समय है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने धान की सीधी बुआई के रुझान को प्रफुल्लित करने के लिए सीधी बुवाई की तकनीक अपनाने वाले किसानों के लिए प्रति एकड़ 1500 रुपये की वित्तीय सहायता देने का एलान किया था ताकि भूजल के तेजी से गिर रहे स्तर को रोका जा सके।
चंडीगढ़। पंजाब में कृषि विविधता को बढ़ावा देने और बहुमूल्य भूजल को बचाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में मूंगी की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने का एलान किया है।
मूंगी बीजने वाले किसानों को भरोसा दिलाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मूंगी की फसल का एक-एक दाना समर्थन मूल्य पर खरीदेगी लेकिन किसानों के लिए यह शर्त होगी कि उन्हें मूंगी की फसल काटने के बाद उसी खेत में धान की किस्म 126 या बासमती की फसल लगानी होगी। ये दोनों फसलें पानी का कम उपभोग और थोड़े समय में तैयार होने वाली हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी एलान किया कि राज्य सरकार लाभदायक भाव पर बासमती की खरीद करेगी ताकि किसानों को किसी घाटे से बचाने के लिए मार्केट की कीमतों में स्थिरता को यकीनी बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि कोई सरकार किसानों को मूंगी की पैदावार समर्थन मूल्य पर खरीदने का पक्का भरोसा दे रही हो। इससे किसानों को गेहूं और धान के बीच एक अन्य फसल बीजने का मौका मिलेगा, जिससे उन्हें आर्थिक तौर पर भी लाभ होगा।
उल्लेखनीय है कि मूंगी का एमएसपी 7275 रुपये प्रति क्विंटल है और पंजाब में मौजूदा साल में अब तक लगभग 77,000 एकड़ रकबा मूंगी की काश्त के तहत आ चुका है जबकि बीते वर्ष लगभग 50,000 एकड़ क्षेत्रफल इसकी काश्त के अधीन था। उन्होंने कहा कि मूंगी की फसल 55 दिन में तैयार हो जाती है। ऐसे में गेहूं की कटाई के बाद धान की बुआई के बीच किसानों के पास मूंगी की एक फसल हासिल कर लेने के लिए पर्याप्त समय है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने धान की सीधी बुआई के रुझान को प्रफुल्लित करने के लिए सीधी बुवाई की तकनीक अपनाने वाले किसानों के लिए प्रति एकड़ 1500 रुपये की वित्तीय सहायता देने का एलान किया था ताकि भूजल के तेजी से गिर रहे स्तर को रोका जा सके।