निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण लागू हो गया और इसके साथ ही उद्योगपतियों एवं मौजूदा श्रमिकों की पेशानी पर बल पड़ गए हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के रहने वालों श्रमिकों की चिंता यह है कि नौकरी गई तो उनका घर कैसे चलेगा, जबकि उद्यमियों की चिंता है कि उन्हें कौशल युक्त श्रमिक कैसे मिलेंगे। ऐसे में उद्योपतियों ने रोजगार अधिनियम के खिलाफ हाई कोर्ट में गुहार लगाने की भी ठानी है।
हरियाणा के युवाओं को 15 जनवरी से 30 हजार रुपये तक की निजी नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण मिलना शुरू हो जाएगा। सरकार ने हरियाणा राज्य स्थानीय व्यक्ति रोजगार अधिनियम, 2020 लागू करने के लिए अधिसूचना 2021 में ही जारी कर दी थी, जो कि शनिवार से पूरे प्रदेश में प्रभावी हो गई है। जिसका सबसे ज्यादा असर पानीपत की इंडस्ट्री को पर पड़ेगा।
पानीपत में एक लाख से ज्यादा श्रमिक यूपी, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश से हैं। रोजगार अधिनियम के अनुसार फैक्टरियों में 75 प्रतिशत जिले के युवाओं को रोजगार देना होगा। रोजगार अधिनियम को लेकर फैक्टरी मालिक और श्रमिकों में चिंता बढ़ गई है। वहीं दूसरी ओर जिले के युवाओं में खुशी का माहौल है कि उन्हें जिले में ही रोजगार मिलेगा। नियम के अनुसार पानीपत के करीब दो लाख युवाओं को जिले में ही रोजगार मिल सकेगा।
युवाओं में खुशी
रोजगार अधिनियम से मिलेगी नौकरी
नौकरी मिलने से अपराध भी कम होंगे
स्थानीय लोगों का भी स्वागत है, लेकिन कौशल होना चाहिए
मजदूर का काम नहीं कर सकते जिले के युवा
श्रमिकों को चिंता, अब आगे कहां मिलेगा रोजगार
अब कहां मिलेगा हमें रोजगार
पहले महामारी की मार अब रोजगारी की पड़ेगी मार
विस्तार
निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण लागू हो गया और इसके साथ ही उद्योगपतियों एवं मौजूदा श्रमिकों की पेशानी पर बल पड़ गए हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के रहने वालों श्रमिकों की चिंता यह है कि नौकरी गई तो उनका घर कैसे चलेगा, जबकि उद्यमियों की चिंता है कि उन्हें कौशल युक्त श्रमिक कैसे मिलेंगे। ऐसे में उद्योपतियों ने रोजगार अधिनियम के खिलाफ हाई कोर्ट में गुहार लगाने की भी ठानी है।
हरियाणा के युवाओं को 15 जनवरी से 30 हजार रुपये तक की निजी नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण मिलना शुरू हो जाएगा। सरकार ने हरियाणा राज्य स्थानीय व्यक्ति रोजगार अधिनियम, 2020 लागू करने के लिए अधिसूचना 2021 में ही जारी कर दी थी, जो कि शनिवार से पूरे प्रदेश में प्रभावी हो गई है। जिसका सबसे ज्यादा असर पानीपत की इंडस्ट्री को पर पड़ेगा।
पानीपत में एक लाख से ज्यादा श्रमिक यूपी, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश से हैं। रोजगार अधिनियम के अनुसार फैक्टरियों में 75 प्रतिशत जिले के युवाओं को रोजगार देना होगा। रोजगार अधिनियम को लेकर फैक्टरी मालिक और श्रमिकों में चिंता बढ़ गई है। वहीं दूसरी ओर जिले के युवाओं में खुशी का माहौल है कि उन्हें जिले में ही रोजगार मिलेगा। नियम के अनुसार पानीपत के करीब दो लाख युवाओं को जिले में ही रोजगार मिल सकेगा।
युवाओं में खुशी
रोजगार अधिनियम से मिलेगी नौकरी
रोजगार अधिनियम से हमें पानीपत में ही नौकरी मिल सकेगी। पहले हम यदि फैक्टरी और निजी कंपनी में जाते थे तो वहां पर वैकेंसी फुल होती थी। अधिनियम के अनुसार अब आगे हम युवाओं को ही कंपनी और फैक्टरी में रोजगार देना होगा। - मोनू कुमार, युवा
नौकरी मिलने से अपराध भी कम होंगे
जिले के युवाओं को जिले में रोजगार मिलने से ही वह अपने काम में व्यस्त रहेंगे। इससे अपराध भी कम हो जाएगा। हरियाणा में अभी भी सबसे ज्यादा लोग बेरोजगार है क्योंकि यहां की फैक्टरियों और कंपनियों में यूपी बिहार व अन्य राज्य से आकर लोग काम करते हैं। - रिंकू पांचाल, युवा
स्थानीय लोगों का भी स्वागत है, लेकिन कौशल होना चाहिए
स्थानीय लोगों का भी फैक्टरियों में स्वागत है, लेकिन स्थानीय युवाओं में काम के अनुसार योग्यता होनी चाहिए। हमें युवाओं को रखने में कोई परेशानी है। हरियाणा के लोगों को फैक्टरी में काम करने के लिए योग्यता सीखनी होगी नहीं तो हम उद्योगपतियों को फैक्टरी चलाने में दिक्कत होगी। रोजगार अधिनियम को लेकर गुरुग्राम में एनसीआर के उद्योगपतियों ने बैठक की थी जिसमें चिंता जताई गई। इस अधिनियम को लेकर पानीपत के उद्योगपति भी हाई कोर्ट में केस लड़ने के लिए तैयार हैं। - भीम राणा, डायर एसोसिएशन प्रधान
मजदूर का काम नहीं कर सकते जिले के युवा
जिले के युवा फिटर और इलेक्ट्रीशियन का तो काम कर लेते हैं पर मजदूरी और वजन ढोने का काम नहीं कर सकते हैं, जो चिंता की बात है। हम स्थानीय लोगों को भी रखने के लिए तैयार हैं। हम सरकार को पहले जानकारी देंगे कि हमें इस काम के लिए युवा की जरूरत है यदि सरकार उपलब्ध नहीं करवा सकेगी तो हमें अपने श्रमिक रखने होंगे। हम अचानक श्रमिकों को फैक्टरी से हटा नहीं सकते है, नहीं तो हमें करोड़ों का नुकसान हो जाएगा। - प्रीतम सचदेवा, उद्योगपति
श्रमिकों को चिंता, अब आगे कहां मिलेगा रोजगार
अब कहां मिलेगा हमें रोजगार
हरियाणा के अलग-अलग जिलों की फैक्टरियों में जाकर हम काम करते थे और अपने-अपने घर पर खर्च भेजकर परिवार का पेट भरते हैं। यदि रोजगार ही चला जाएगा तो हम भूखे मर जाएंगे। अब यह नहीं पता कि हमें कब फैक्टरी से निकाल दें। - नितेश कुमार,श्रमिक
पहले महामारी की मार अब रोजगारी की पड़ेगी मार
पहले हम श्रमिकों को महामारी की मार पड़ी थी अब हम श्रमिकों को रोजगारी की भी मार पड़ने वाली है। सरकार के नए अधिनियम के अनुसार हमें काम नहीं करने दिया जाएगा और केवल स्थानीय लोग ही रोजगार कर सकेंगे। पहले रोजगार करने के लिए हम हरियाणा की ओर चल देते थे अब यहां के भी रास्ते बंद हो गए। -रितेश सिंह, श्रमिक