{"_id":"691640897d7373f67701094f","slug":"parents-themselves-neither-talk-to-anyone-nor-allow-them-to-be-friends-with-anyone-hence-the-hatred-towards-humans-panipat-news-c-18-1-knl1009-780331-2025-11-14","type":"story","status":"publish","title_hn":"Panipat News: माता-पिता खुद बात करते हैं न किसी से दोस्ती करने देते, इसलिए इंसानों से नफरत","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Panipat News: माता-पिता खुद बात करते हैं न किसी से दोस्ती करने देते, इसलिए इंसानों से नफरत
विज्ञापन
विज्ञापन
माई सिटी रिपोर्टर
अंबाला। कैंट की एक काॅलोनी में मोबाइल फोन के आदी बताए गए 11वीं के छात्र से वीरवार को संस्था वंदे मातरम् दल के पदाधिकारियों ने लंबी बात की। छात्र ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा, मुझे मोबाइल की लत नहीं है।
दिन में सिर्फ दो घंटे ही मोबाइल देखता हूं। इतना समय भी अपना अकेलापन दूर करने के लिए देता हूं। वह माता-पिता की इकलौती संतान है। इसके बावजूद वे मुझे समय नहीं देते और न ही किसी से दोस्ती करने देते हैं। जिन माता-पिता ने मुझे अकेला कर दिया, वे अब जरा भी अच्छे नहीं लगते। जो मोबाइल इस अकेलेपन को दूर करता है, वह पसंद आता है।
संस्था के संस्थापक भरत ने बताया कि छात्र से बात करने के बाद इस केस में उनका नजरिया काफी हद तक बदल गया है। पहले लगा था कि सारी गलती छात्र की है। उसके माता-पिता ने बताया कि वह इंसानों से नफरत करता है और खुद को कमरे में बंद करके मोबाइल में ही व्यस्त रहता है। कोई नजदीक जाए तो हमला कर देता है।
मां से मिली शिकायत पर बुधवार को जब संस्था की टीम उससे बात करने पहुंची तो उसने खुद को बाथरूम में बंद कर लिया था। टीम के एक सदस्य के हाथ में काट भी लिया था। वीरवार को टीम फिर से गई। इस बार उसने बात की। उसने कहा, स्कूल से टूर गया था। उसमें 30 बच्चों को जाना था लेकिन 29 गए। सिर्फ वह नहीं गया क्योंकि माता-पिता ने इजाजत नहीं दी। घर में एक पेड़ था। उस पर पक्षी आते थे। उसे वे अच्छे लगते थे, लेकिन यह मां को अच्छा नहीं लगा। मां ने पेड़ कटवा दिया। उसने कई पक्षी और जानवरों का रेस्क्यू किया है। इनके साथ उसने फोटो खिंचवा रखी है। ये फोटो उसके कमरे में लगी हैं।
ये भी माता-पिता को पसंद नहीं। इन सब कारणों से ही उसने माता-पिता से दूरी बना ली। उसे लगने लगा कि इंसान ऐसे ही होते हैं। किसी की पीड़ा नहीं समझते। इसलिए, इंसानों से नफरत हो गई। वह माता-पिता पर हमला भी कर चुका है। दूसरी ओर, उसके माता-पिता का कहना था कि वह उनके साथ जाना नहीं चाहता। जब भी साथ ले जाने का प्रयास किया, उसने इन्कार कर दिया। एक-दो बार तो हमला भी कर चुका है। इसलिए, अब साथ नहीं ले जाते।
Trending Videos
अंबाला। कैंट की एक काॅलोनी में मोबाइल फोन के आदी बताए गए 11वीं के छात्र से वीरवार को संस्था वंदे मातरम् दल के पदाधिकारियों ने लंबी बात की। छात्र ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा, मुझे मोबाइल की लत नहीं है।
दिन में सिर्फ दो घंटे ही मोबाइल देखता हूं। इतना समय भी अपना अकेलापन दूर करने के लिए देता हूं। वह माता-पिता की इकलौती संतान है। इसके बावजूद वे मुझे समय नहीं देते और न ही किसी से दोस्ती करने देते हैं। जिन माता-पिता ने मुझे अकेला कर दिया, वे अब जरा भी अच्छे नहीं लगते। जो मोबाइल इस अकेलेपन को दूर करता है, वह पसंद आता है।
विज्ञापन
विज्ञापन
संस्था के संस्थापक भरत ने बताया कि छात्र से बात करने के बाद इस केस में उनका नजरिया काफी हद तक बदल गया है। पहले लगा था कि सारी गलती छात्र की है। उसके माता-पिता ने बताया कि वह इंसानों से नफरत करता है और खुद को कमरे में बंद करके मोबाइल में ही व्यस्त रहता है। कोई नजदीक जाए तो हमला कर देता है।
मां से मिली शिकायत पर बुधवार को जब संस्था की टीम उससे बात करने पहुंची तो उसने खुद को बाथरूम में बंद कर लिया था। टीम के एक सदस्य के हाथ में काट भी लिया था। वीरवार को टीम फिर से गई। इस बार उसने बात की। उसने कहा, स्कूल से टूर गया था। उसमें 30 बच्चों को जाना था लेकिन 29 गए। सिर्फ वह नहीं गया क्योंकि माता-पिता ने इजाजत नहीं दी। घर में एक पेड़ था। उस पर पक्षी आते थे। उसे वे अच्छे लगते थे, लेकिन यह मां को अच्छा नहीं लगा। मां ने पेड़ कटवा दिया। उसने कई पक्षी और जानवरों का रेस्क्यू किया है। इनके साथ उसने फोटो खिंचवा रखी है। ये फोटो उसके कमरे में लगी हैं।
ये भी माता-पिता को पसंद नहीं। इन सब कारणों से ही उसने माता-पिता से दूरी बना ली। उसे लगने लगा कि इंसान ऐसे ही होते हैं। किसी की पीड़ा नहीं समझते। इसलिए, इंसानों से नफरत हो गई। वह माता-पिता पर हमला भी कर चुका है। दूसरी ओर, उसके माता-पिता का कहना था कि वह उनके साथ जाना नहीं चाहता। जब भी साथ ले जाने का प्रयास किया, उसने इन्कार कर दिया। एक-दो बार तो हमला भी कर चुका है। इसलिए, अब साथ नहीं ले जाते।