हरियाणा के रोहतक जिले के गांव खेड़ी साध में आईएमटी चौक पर चल रहे धरने में धरनास्थल पर सोमवार सुबह एक बुजुर्ग की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मृतक की पहचान 55 साल के रामबीर पुत्र जयलाल निवासी खेड़ी साध के रूप में हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शुक्रवार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी, लेकिन किसान लंबित मांगों को लेकर अभी भी धरने पर डटे हुए हैं। आंदोलन के दौरान 700 से ज्यादा किसानों की जान जा चुकी है। सोमवार सुबह इन मृतकों की सूची में एक किसान का और नाम जुड़ गया है।
बताया जा रहा है कि आईएमटी चौक पर किसान धरना स्थल पर रामबीर पुत्र जय लाल चाय बनाता था। वह किसान आंदोलन में 9 माह से सक्रिय था। जिसकी सोमवार अलसुबह हार्ट अटैक से मौत हो गई।
सुबह रामबीर को अचेत अवस्था में देख किसान उसे पीजीआई लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने रामबीर को मृत घोषित कर दिया। उसके बाद किसान शव को धरनास्थल पर ही ले आए।
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साथी किसानों ने बताया कि रामबीर आंदोलन में करीब 9 माह से सक्रिय था। वह रात को धरनास्थल पर ही सोता था। रामबीर तीन बेटियों व एक बेटे का पिता था। कुछ दिन पहले उसके बेटे की शादी थी, जिसमें भी वह मेहमानों की तरह ही गया था।
शादी का कार्यक्रम खत्म होने के बाद वह फिर से आंदोलन में सक्रिय हो गया। किसानों ने रामबीर की मौत के बाद अन्य किसानों व किसान संगठनों से रामबीर के परिवार की मदद की गुहार लगाई है। किसानों ने कहा कि रामबीर बहुत गरीब था। उसके परिवार के पालन-पोषण के लिए सभी को परिवार की मदद करनी चाहिए।
विस्तार
हरियाणा के रोहतक जिले के गांव खेड़ी साध में आईएमटी चौक पर चल रहे धरने में धरनास्थल पर सोमवार सुबह एक बुजुर्ग की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मृतक की पहचान 55 साल के रामबीर पुत्र जयलाल निवासी खेड़ी साध के रूप में हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शुक्रवार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी, लेकिन किसान लंबित मांगों को लेकर अभी भी धरने पर डटे हुए हैं। आंदोलन के दौरान 700 से ज्यादा किसानों की जान जा चुकी है। सोमवार सुबह इन मृतकों की सूची में एक किसान का और नाम जुड़ गया है।
बताया जा रहा है कि आईएमटी चौक पर किसान धरना स्थल पर रामबीर पुत्र जय लाल चाय बनाता था। वह किसान आंदोलन में 9 माह से सक्रिय था। जिसकी सोमवार अलसुबह हार्ट अटैक से मौत हो गई।
सुबह रामबीर को अचेत अवस्था में देख किसान उसे पीजीआई लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने रामबीर को मृत घोषित कर दिया। उसके बाद किसान शव को धरनास्थल पर ही ले आए।
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साथी किसानों ने बताया कि रामबीर आंदोलन में करीब 9 माह से सक्रिय था। वह रात को धरनास्थल पर ही सोता था। रामबीर तीन बेटियों व एक बेटे का पिता था। कुछ दिन पहले उसके बेटे की शादी थी, जिसमें भी वह मेहमानों की तरह ही गया था।
शादी का कार्यक्रम खत्म होने के बाद वह फिर से आंदोलन में सक्रिय हो गया। किसानों ने रामबीर की मौत के बाद अन्य किसानों व किसान संगठनों से रामबीर के परिवार की मदद की गुहार लगाई है। किसानों ने कहा कि रामबीर बहुत गरीब था। उसके परिवार के पालन-पोषण के लिए सभी को परिवार की मदद करनी चाहिए।