सिरसा। पांच दिन ट्रायल के बाद ऑक्सीजन प्लांट में कई तरह की खामियां आनी शुरू हो चुकी है। प्लांट से तैयार होने वाली ऑक्सीजन की शुद्धता अब 90 से घटकर 86 तक पहुंच गई है। जबकि ऑक्सीजन जेनरेट करने वाले बॉक्स में भी लीकेज होनी शुरू हो गई। इसके कारण प्लांट को बंद कर दिया गया है। प्लांट के उपकरणों की जांच के लिए चार इंजीनियर पहुंचेंगे और कारणों का पता लगाएंगे।
बीते सप्ताह नागरिक अस्पताल में बने ऑक्सीजन प्लांट का ट्रायल लिया गया। इसको लगातार पांच दिन चालू स्थिति में रखा गया, लेकिन पांच दिनों के बाद ही ऑक्सीजन प्लांट से तैयार होने वाली ऑक्सीजन की शुद्धता में गिरावट आनी शुरू हो गई। ट्रायल के शुरूआती दौर में ऑक्सीजन की शुद्धता 90 फीसदी थी लेकिन अब शुद्धता कम होकर 86 फीसदी तक पहुंच गई है। शुद्धता में कमी होने के कारण विभाग की ओर से गुरुग्राम की टीम को भी सैंपल के लिए नहीं बुलाया गया। मरीज को 90 फीसदी शुद्धता वाली ऑक्सीजन देना जरूरी होता है, जिसके कारण अब प्लांट को बंद कर दिया गया है।
चार इंजीनियर प्लांट के पार्ट्स की करेंगे जांच
ऑक्सीजन प्लांट पर्यावरण की वायु को सोखकर उसमें गैसें और धूल के कण अलग कर ऑक्सीजन को जेनरेट करता है। ऑक्सीजन की शुद्धता में कमी आने के बाद जांच के लिए अब स्वास्थ्य विभाग ने एनएचएआई कंपनी से बातचीत की है। इसके बाद कंपनी ने प्लांट के ड्रायर, मशीन और लीकेज संबंधित इंजीनियर को भेजने का आश्वासन दिया है। इंजीनियर प्लांट के पार्टों की जांच करेंगे।
चार माह से लटक रहा है प्लांट का प्रोजेक्ट
ऑक्सीजन प्लांट शुरू करने का प्रोजेक्ट बीते चार माह से लटक रहा है। प्लांट का कार्य लटकने के कारण मरीजों को इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही। सरकार की ओर से प्लांट को लगाने के लिए मंजूरी दी गई। इसके तहत सिरसा के नागरिक अस्पताल में लगाए एक हजार लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता वाले प्लांट को मंजूरी मिली थी। डबवाली अस्पताल में 500 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले प्लांट को मंजूरी दी गई थी। दोनों अस्पतालों में प्लांटों को लगाया जा चुका है, लेकिन मशीनों के उपकरणों के खराब होने और शुद्धता में कमी होने के कारण दोनों स्थानों के प्लांट बंद पड़े है। कोरोना की आशंकित तीसरी लहर को देखते हुए इन प्लांटों को जल्द ही लगाने के निर्देश दिए थे लेकिन प्लांट में कई तरह की कमियों के कारण इन्हें शुरू नहीं किया जा सका।
इंजीनियरों को बुलाया
ऑक्सीजन प्लांट की शुद्धता में कमी आने के करण प्लांट के इंजीनियरों को बुलाया गया है। इंजीनियर प्लांट के पार्टों की जांच करेंगे। जिसके बाद प्लांट का दोबारा से ट्रायल लिया जाएगा। इंजीनियरों के जल्द ही पहुंचने की उम्मीद है।
-डॉ. बुधराम, उप सिविल सर्जन, सिरसा
सिरसा। पांच दिन ट्रायल के बाद ऑक्सीजन प्लांट में कई तरह की खामियां आनी शुरू हो चुकी है। प्लांट से तैयार होने वाली ऑक्सीजन की शुद्धता अब 90 से घटकर 86 तक पहुंच गई है। जबकि ऑक्सीजन जेनरेट करने वाले बॉक्स में भी लीकेज होनी शुरू हो गई। इसके कारण प्लांट को बंद कर दिया गया है। प्लांट के उपकरणों की जांच के लिए चार इंजीनियर पहुंचेंगे और कारणों का पता लगाएंगे।
बीते सप्ताह नागरिक अस्पताल में बने ऑक्सीजन प्लांट का ट्रायल लिया गया। इसको लगातार पांच दिन चालू स्थिति में रखा गया, लेकिन पांच दिनों के बाद ही ऑक्सीजन प्लांट से तैयार होने वाली ऑक्सीजन की शुद्धता में गिरावट आनी शुरू हो गई। ट्रायल के शुरूआती दौर में ऑक्सीजन की शुद्धता 90 फीसदी थी लेकिन अब शुद्धता कम होकर 86 फीसदी तक पहुंच गई है। शुद्धता में कमी होने के कारण विभाग की ओर से गुरुग्राम की टीम को भी सैंपल के लिए नहीं बुलाया गया। मरीज को 90 फीसदी शुद्धता वाली ऑक्सीजन देना जरूरी होता है, जिसके कारण अब प्लांट को बंद कर दिया गया है।
चार इंजीनियर प्लांट के पार्ट्स की करेंगे जांच
ऑक्सीजन प्लांट पर्यावरण की वायु को सोखकर उसमें गैसें और धूल के कण अलग कर ऑक्सीजन को जेनरेट करता है। ऑक्सीजन की शुद्धता में कमी आने के बाद जांच के लिए अब स्वास्थ्य विभाग ने एनएचएआई कंपनी से बातचीत की है। इसके बाद कंपनी ने प्लांट के ड्रायर, मशीन और लीकेज संबंधित इंजीनियर को भेजने का आश्वासन दिया है। इंजीनियर प्लांट के पार्टों की जांच करेंगे।
चार माह से लटक रहा है प्लांट का प्रोजेक्ट
ऑक्सीजन प्लांट शुरू करने का प्रोजेक्ट बीते चार माह से लटक रहा है। प्लांट का कार्य लटकने के कारण मरीजों को इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही। सरकार की ओर से प्लांट को लगाने के लिए मंजूरी दी गई। इसके तहत सिरसा के नागरिक अस्पताल में लगाए एक हजार लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता वाले प्लांट को मंजूरी मिली थी। डबवाली अस्पताल में 500 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले प्लांट को मंजूरी दी गई थी। दोनों अस्पतालों में प्लांटों को लगाया जा चुका है, लेकिन मशीनों के उपकरणों के खराब होने और शुद्धता में कमी होने के कारण दोनों स्थानों के प्लांट बंद पड़े है। कोरोना की आशंकित तीसरी लहर को देखते हुए इन प्लांटों को जल्द ही लगाने के निर्देश दिए थे लेकिन प्लांट में कई तरह की कमियों के कारण इन्हें शुरू नहीं किया जा सका।
इंजीनियरों को बुलाया
ऑक्सीजन प्लांट की शुद्धता में कमी आने के करण प्लांट के इंजीनियरों को बुलाया गया है। इंजीनियर प्लांट के पार्टों की जांच करेंगे। जिसके बाद प्लांट का दोबारा से ट्रायल लिया जाएगा। इंजीनियरों के जल्द ही पहुंचने की उम्मीद है।
-डॉ. बुधराम, उप सिविल सर्जन, सिरसा