{"_id":"69161965b6ace55f3e012a45","slug":"more-than-30000-students-will-be-examined-in-323-government-primary-schools-in-the-district-sirsa-news-c-128-1-sir1002-147625-2025-11-13","type":"story","status":"publish","title_hn":"Sirsa News: जिले में 323 राजकीय प्राइमरी विद्यालयों में 30 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों की होगी जांच","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Sirsa News: जिले में 323 राजकीय प्राइमरी विद्यालयों में 30 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों की होगी जांच
विज्ञापन
विज्ञापन
सिरसा। शिक्षा विभाग हरियाणा की ओर से प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता सुधार और बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। इसके तहत जिले के सभी 323 राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में 14 व 15 नवंबर को दो दिवसीय मूल्यांकन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस दौरान कक्षा पहली से पांचवीं तक के लगभग 30 हजार विद्यार्थियों का मूल्यांकन किया जाएगा।
यह मूल्यांकन कार्यक्रम निपुण हरियाणा मिशन के अंतर्गत किया जा रहा है। इस मूल्यांकन का उद्देश्य केवल शैक्षणिक ज्ञान को परखना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता, मानसिक विकास, आत्मविश्वास, व्यावहारिक ज्ञान और गतिविधियों में भागीदारी का भी आकलन करना है। शिक्षा विभाग का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक बच्चा अपनी कक्षा के अनुरूप आवश्यक योग्यता स्तर तक पहुंचे और सीखने की प्रक्रिया में पीछे न रहे।
इस कार्यक्रम के लिए शिक्षकों को पूर्व प्रशिक्षण दिया गया है ताकि वे बच्चों की क्षमताओं का निष्पक्ष मूल्यांकन कर सकें। शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि विद्यार्थियों के समग्र विकास पर भी समान रूप से ध्यान दिया जाना आवश्यक है। यह कार्यक्रम उसी दिशा में एक ठोस कदम है।
ऑनलाइन होगी मॉनिटरिंग
निपुण हरियाणा एप के माध्यम से पूरे मूल्यांकन की ऑनलाइन मॉनिटरिंग और रिकॉर्डिंग की जाएगी। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और प्रत्येक विद्यालय के प्रदर्शन की वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा। मूल्यांकन के परिणामों के आधार पर शिक्षा विभाग आगे की रणनीति तैयार करेगा, ताकि जिन विद्यालयों या विद्यार्थियों को अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता है, उन्हें समय पर सहायता दी जा सके। इस कार्यक्रम में 12 विशेष आवश्यकता वाले अध्यापक (सीडब्ल्यूएसएन शिक्षक) भी शामिल रहेंगे, जो विशेष जरूरतों वाले बच्चों का भी मूल्यांकन करेंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी बच्चा शिक्षा की मुख्यधारा से वंचित न रहे।
-- -- -- -- -- -- -- -- -
जिले के सभी विद्यालयों में मूल्यांकन प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए निर्देश जारी किए जा चुके हैं। यह कार्यक्रम शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों के लिए सीखने का एक अवसर है। इससे शिक्षकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि बच्चों की सीखने की प्रक्रिया किन बिंदुओं पर मजबूत करने की जरूरत है। - जिला माैलिक शिक्षा अधिकारी।
-- -- -- -- -- --
पहले दिन बच्चों की बौद्धिक गतिविधियों, पठन-पाठन क्षमता, व्यवहार और समूह कार्यों में सहभागिता की जांच की जाएगी, जबकि दूसरे दिन उनकी भाषा, गणित और अन्य विषयों में समझ की परीक्षा होगी। शिक्षकों से अपील है कि वे इस कार्यक्रम को गंभीरता से लेते हुए प्रत्येक विद्यार्थी की क्षमता पहचानें और उन्हें बेहतर दिशा दें।-- - डॉ. कपिल देव, जिला कोऑर्डिनेटर, एफएलएन सिरसा।
Trending Videos
यह मूल्यांकन कार्यक्रम निपुण हरियाणा मिशन के अंतर्गत किया जा रहा है। इस मूल्यांकन का उद्देश्य केवल शैक्षणिक ज्ञान को परखना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता, मानसिक विकास, आत्मविश्वास, व्यावहारिक ज्ञान और गतिविधियों में भागीदारी का भी आकलन करना है। शिक्षा विभाग का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक बच्चा अपनी कक्षा के अनुरूप आवश्यक योग्यता स्तर तक पहुंचे और सीखने की प्रक्रिया में पीछे न रहे।
विज्ञापन
विज्ञापन
इस कार्यक्रम के लिए शिक्षकों को पूर्व प्रशिक्षण दिया गया है ताकि वे बच्चों की क्षमताओं का निष्पक्ष मूल्यांकन कर सकें। शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि विद्यार्थियों के समग्र विकास पर भी समान रूप से ध्यान दिया जाना आवश्यक है। यह कार्यक्रम उसी दिशा में एक ठोस कदम है।
ऑनलाइन होगी मॉनिटरिंग
निपुण हरियाणा एप के माध्यम से पूरे मूल्यांकन की ऑनलाइन मॉनिटरिंग और रिकॉर्डिंग की जाएगी। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और प्रत्येक विद्यालय के प्रदर्शन की वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा। मूल्यांकन के परिणामों के आधार पर शिक्षा विभाग आगे की रणनीति तैयार करेगा, ताकि जिन विद्यालयों या विद्यार्थियों को अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता है, उन्हें समय पर सहायता दी जा सके। इस कार्यक्रम में 12 विशेष आवश्यकता वाले अध्यापक (सीडब्ल्यूएसएन शिक्षक) भी शामिल रहेंगे, जो विशेष जरूरतों वाले बच्चों का भी मूल्यांकन करेंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी बच्चा शिक्षा की मुख्यधारा से वंचित न रहे।
जिले के सभी विद्यालयों में मूल्यांकन प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए निर्देश जारी किए जा चुके हैं। यह कार्यक्रम शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों के लिए सीखने का एक अवसर है। इससे शिक्षकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि बच्चों की सीखने की प्रक्रिया किन बिंदुओं पर मजबूत करने की जरूरत है। - जिला माैलिक शिक्षा अधिकारी।
पहले दिन बच्चों की बौद्धिक गतिविधियों, पठन-पाठन क्षमता, व्यवहार और समूह कार्यों में सहभागिता की जांच की जाएगी, जबकि दूसरे दिन उनकी भाषा, गणित और अन्य विषयों में समझ की परीक्षा होगी। शिक्षकों से अपील है कि वे इस कार्यक्रम को गंभीरता से लेते हुए प्रत्येक विद्यार्थी की क्षमता पहचानें और उन्हें बेहतर दिशा दें।