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Sirsa News: शाम पांच बजे के बाद अनाज मंडी में नहीं आएंगी धान की ट्रॉलियां
संवाद न्यूज एजेंसी, सिरसा
Updated Thu, 13 Nov 2025 12:08 AM IST
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सिरसा। मंडी में सड़कों पर डाला गया धान। संवाद
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सिरसा। जिले की मंडियां इन दिनों धान से पूरी तरह अट चुकी हैं। सिरसा मुख्य मंडी में स्थिति यह है कि किसानों के लिए पैदल चलने तक की जगह नहीं बची है। उठान कार्य में सुस्ती और आढ़तियों की ओर से व्यवस्था नहीं करवाने का खामियाजा किसानों को उठाना पड़ रहा है। हालात बिगड़ने पर नाराज किसानों की शिकायतों के बाद बुधवार को आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान प्रेम बजाज और परचेजरों की बैठक मार्केट कमेटी कार्यालय में बुलाई गई।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि धान की खरीद बंद नहीं की जाएगी, बल्कि खरीद प्रक्रिया को और सुचारू बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। शाम पांच बजे के बाद धान की ट्राॅलियां मंडी में नहीं बुलाई जाएंगी। उस दौरान महज लोडिंग का काम ही किया जाएगा। किसानों के खाली वाहनों को मंडी से बाहर खड़ा करवाया जाएगा।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि धान की बोली सुबह आठ बजे के बाद शुरू की जाए। जल्दी बोली शुरू होने से किसान रात में ही ट्रालियां मंडी में ले आते हैं, जिससे भीड़ और अव्यवस्था बढ़ती है। आढ़ती एसोसिएशन ने परचेजरों से अपील की कि वे लेबर और लोडिंग वाहनों की व्यवस्था करें, ताकि मंडी से माल उठान तेजी से हो पाए।
उठान में देरी से गेहूं की बुआई होगी प्रभावित
धान की आवक तेज होने के साथ ही हर साल की तरह इस बार भी आढ़ती और परचेजर व्यवस्था बनाने के नाम पर खानापूर्ति करते नजर आए। किसानों का कहना है कि दो सप्ताह पहले तक अधिकारी मंडियों के चक्कर लगाकर व्यवस्था दुरुस्त करने और लाइसेंस निलंबित करने की बात कर रहे थे, लेकिन अब जब किसानों को सबसे ज्यादा प्रशासन की जरूरत है, तब अधिकारी दफ्तरों तक सीमित हैं। किसानों का कहना है कि खरीद और उठान में देरी से गेहूं की बुआई प्रभावित होगी। इसी चिंता के चलते कई किसान खेत जल्दी खाली करने के लिए पराली जलाने को मजबूर होंगे, जिसके बाद प्रशासन उन्हीं पर कार्रवाई करता दिखेगा। किसानों ने सवाल उठाया कि जब बरनाला रोड स्थित एडिशनल मंडी खाली पड़ी है तो मुख्य मंडी में भीड़ क्यों बढ़ाई जा रही है।
बाहरी एजेंसियों की जगह लोकल परचेजर को दे सप्लाई
आढ़ती एसोसिएशन अध्यक्ष प्रेम बजाज ने सुझाव दिया कि धान की खरीद स्थानीय मिलों से ही प्राथमिकता के आधार पर करवाई जाए। जिले की मिलें पर्याप्त लेबर और वाहनों की व्यवस्था करती हैं, जिससे उठान की प्रक्रिया तेज होती है। बाहरी जिलों के खरीदारों के कारण भारी वाहन मंडी में लंबे समय तक खड़े रहते हैं, जिससे अव्यवस्था और जाम की स्थिति बन जाती है। इस प्रस्ताव का सभी आढ़तियों ने समर्थन किया।
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वर्जन : मंडी में खरीद व्यवस्था प्रभावित न हो इसके लिए खरीदारों से पर्याप्त लेबर और वाहनों के साथ खरीद जारी रखने की अपील की गई है। खाली वाहनों और शाम पांच बजे के बाद आने वाली ट्राॅलियों को मंडी से बाहर रखा जाएगा, ताकि उठान में लगे वाहनों को निकलने में आसानी हो।
- प्रेम बजाज, अध्यक्ष, आढ़ती एसोसिएशन।
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बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि धान की खरीद बंद नहीं की जाएगी, बल्कि खरीद प्रक्रिया को और सुचारू बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। शाम पांच बजे के बाद धान की ट्राॅलियां मंडी में नहीं बुलाई जाएंगी। उस दौरान महज लोडिंग का काम ही किया जाएगा। किसानों के खाली वाहनों को मंडी से बाहर खड़ा करवाया जाएगा।
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बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि धान की बोली सुबह आठ बजे के बाद शुरू की जाए। जल्दी बोली शुरू होने से किसान रात में ही ट्रालियां मंडी में ले आते हैं, जिससे भीड़ और अव्यवस्था बढ़ती है। आढ़ती एसोसिएशन ने परचेजरों से अपील की कि वे लेबर और लोडिंग वाहनों की व्यवस्था करें, ताकि मंडी से माल उठान तेजी से हो पाए।
उठान में देरी से गेहूं की बुआई होगी प्रभावित
धान की आवक तेज होने के साथ ही हर साल की तरह इस बार भी आढ़ती और परचेजर व्यवस्था बनाने के नाम पर खानापूर्ति करते नजर आए। किसानों का कहना है कि दो सप्ताह पहले तक अधिकारी मंडियों के चक्कर लगाकर व्यवस्था दुरुस्त करने और लाइसेंस निलंबित करने की बात कर रहे थे, लेकिन अब जब किसानों को सबसे ज्यादा प्रशासन की जरूरत है, तब अधिकारी दफ्तरों तक सीमित हैं। किसानों का कहना है कि खरीद और उठान में देरी से गेहूं की बुआई प्रभावित होगी। इसी चिंता के चलते कई किसान खेत जल्दी खाली करने के लिए पराली जलाने को मजबूर होंगे, जिसके बाद प्रशासन उन्हीं पर कार्रवाई करता दिखेगा। किसानों ने सवाल उठाया कि जब बरनाला रोड स्थित एडिशनल मंडी खाली पड़ी है तो मुख्य मंडी में भीड़ क्यों बढ़ाई जा रही है।
बाहरी एजेंसियों की जगह लोकल परचेजर को दे सप्लाई
आढ़ती एसोसिएशन अध्यक्ष प्रेम बजाज ने सुझाव दिया कि धान की खरीद स्थानीय मिलों से ही प्राथमिकता के आधार पर करवाई जाए। जिले की मिलें पर्याप्त लेबर और वाहनों की व्यवस्था करती हैं, जिससे उठान की प्रक्रिया तेज होती है। बाहरी जिलों के खरीदारों के कारण भारी वाहन मंडी में लंबे समय तक खड़े रहते हैं, जिससे अव्यवस्था और जाम की स्थिति बन जाती है। इस प्रस्ताव का सभी आढ़तियों ने समर्थन किया।
वर्जन : मंडी में खरीद व्यवस्था प्रभावित न हो इसके लिए खरीदारों से पर्याप्त लेबर और वाहनों के साथ खरीद जारी रखने की अपील की गई है। खाली वाहनों और शाम पांच बजे के बाद आने वाली ट्राॅलियों को मंडी से बाहर रखा जाएगा, ताकि उठान में लगे वाहनों को निकलने में आसानी हो।
- प्रेम बजाज, अध्यक्ष, आढ़ती एसोसिएशन।