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Sirsa News: हवा की सेहत खराब, सांसों पर संकट
संवाद न्यूज एजेंसी, सिरसा
Updated Thu, 13 Nov 2025 12:09 AM IST
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सिरसा। जिले में न्यूनतम तापमान लगातार गिर रहा है, लेकिन इसके साथ ही प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। बुधवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 379 तक पहुंच गया, जो बेहद खराब श्रेणी में है। प्रदूषण के साथ पराली जलाने के मामले भी सामने आने लगे हैं। मंगलवार को पराली जलाने के तीन नए मामले दर्ज किए गए, जिन पर विभागीय कार्रवाई की गई है।
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार हरसेक टीम को मंगलवार को 25 लोकेशन पर पराली जलाने की जानकारी मिली। इनमें से 16 स्थानों पर पराली नहीं जलाई गई, जबकि 9 स्थानों पर जलती मिली। वहीं फील्ड ऑफिसर की ओर से जांचे गए आठ स्थानों पर पराली जलाने की पुष्टि हुई। अब तक कुल 14 किसानों पर कार्रवाई की जा चुकी है और 17 लोकेशन सही पाई गई हैं।
पराली जलाने व वाहनों के प्रदूषण के कारण जिले में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिले में प्रदूषण का स्तर 379 पहुंच गया। प्रदूषण के स्तर में इजाफा होने के कारण आमजसिरसा। जिले में न्यूनतम तापमान लगातार गिर रहा है, लेकिन इसके साथ ही प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। बुधवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 379 तक पहुंच गया, जो बेहद खराब श्रेणी में है। प्रदूषण के साथ पराली जलाने के मामले भी सामने आने लगे हैं। मंगलवार को पराली जलाने के तीन नए मामले दर्ज किए गए, जिन पर विभागीय कार्रवाई की गई है।
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार हरसेक टीम को मंगलवार को 25 लोकेशन पर पराली जलाने की जानकारी मिली। इनमें से 16 स्थानों पर पराली नहीं जलाई गई, जबकि 9 स्थानों पर जलती पराली मिली। वहीं फील्ड ऑफिसर की ओर से जांचे गए आठ स्थानों पर पराली जलाने की पुष्टि हुई। अब तक कुल 14 किसानों पर कार्रवाई की जा चुकी है और 17 लोकेशन सही पाई गई हैं।
पराली जलाने व वाहनों के प्रदूषण के कारण जिले में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिले में प्रदूषण का स्तर 379 पहुंच गया। प्रदूषण के स्तर में इजाफा होने के कारण आमजन को सांस में दिक्कत और आंखों में जलन का सामना करना पड़ रहा है। शहरी क्षेत्र के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्र में धुएं का असर देखने को मिल रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार तापमान में गिरावट के कारण वाहनों व इंडस्ट्री का प्रदूषण के कारण ज्यादा दिक्कत आ रही है। हवा चलने के बाद ही मौसम साफ पाएगा। हालांकि, सड़कों पर बिखरी पराली व खेतों की सफाई के बाद कचरा जलाने के मामले में भी सामने आए हैं। इससे कहीं न कहीं प्रदूषण बढ़ रहा है।
अब तक इस प्रकार मिले हैं पराली जलाने के मामले
हरसेक से प्राप्त लोकेशन - 25
दूसरे सोर्स से प्राप्त हुई लोकेशन - 8
कुल लोकेशन - 33
गलत पाई गईं लोकेशन - 16
सही पाई गईं लोकेशन - 17
किसानों पर दर्ज हुई एफआईआर - 14
कुल चालान हुए - 16
जुर्माना लगाया - 85,000 रुपये।
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ये आ रही है आमजन को समस्या
- सांस लेने में आ रही परेशानी।
- त्वचा संबंधी हो रही समस्या।
- आंखों में हो रही जलन।
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ये रखें ध्यान
- बुजुर्ग व बच्चे सुबह व शाम के समय सैर के लिए न जाएं।
- सांस के मरीज अपने जरूर होने पर ही घरों से बाहर निकलें।
- मास्क लगाकर रखें।
- छोटे बच्चों को बाहर न जाने दें।
- सांस की दिक्कत होने पर तुरंत चिकित्सक के पास जाएं।
- आंखों में जलन होने पर तुरंत चिकित्सक से पास जाएं।
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मंगलवार को पराली जलाने के तीन नए मामले दर्ज किए गए हैं। पराली जलाने के मामलों में इजाफा नहीं हुआ है। किसानों को जागरूक किया जा रहा है। किसानों से अपील है कि वह पराली न जलाएं, सभी के लिए मशीनों की व्यवस्था की जा रही है। अपने एरिया के कृषि अधिकारी के संपर्क में रहें। - डाॅ. सुखदेव कंबोज, उप निदेशक, कृषि विभाग।न को सांस में दिक्कत और आंखों में जलन का सामना करना पड़ रहा है। शहरी क्षेत्र के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्र में धुएं का असर देखने को मिल रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार तापमान में गिरावट के कारण वाहनों व इंडस्ट्री का प्रदूषण के कारण ज्यादा दिक्कत आ रही है। हवा चलने के बाद ही मौसम साफ पाएगा। हालांकि, सड़कों पर बिखरी पराली व खेतों की सफाई के बाद कचरा जलाने के मामले में भी सामने आए हैं। इससे कहीं न कहीं प्रदूषण बढ़ रहा है।
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कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार हरसेक टीम को मंगलवार को 25 लोकेशन पर पराली जलाने की जानकारी मिली। इनमें से 16 स्थानों पर पराली नहीं जलाई गई, जबकि 9 स्थानों पर जलती मिली। वहीं फील्ड ऑफिसर की ओर से जांचे गए आठ स्थानों पर पराली जलाने की पुष्टि हुई। अब तक कुल 14 किसानों पर कार्रवाई की जा चुकी है और 17 लोकेशन सही पाई गई हैं।
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पराली जलाने व वाहनों के प्रदूषण के कारण जिले में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिले में प्रदूषण का स्तर 379 पहुंच गया। प्रदूषण के स्तर में इजाफा होने के कारण आमजसिरसा। जिले में न्यूनतम तापमान लगातार गिर रहा है, लेकिन इसके साथ ही प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। बुधवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 379 तक पहुंच गया, जो बेहद खराब श्रेणी में है। प्रदूषण के साथ पराली जलाने के मामले भी सामने आने लगे हैं। मंगलवार को पराली जलाने के तीन नए मामले दर्ज किए गए, जिन पर विभागीय कार्रवाई की गई है।
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार हरसेक टीम को मंगलवार को 25 लोकेशन पर पराली जलाने की जानकारी मिली। इनमें से 16 स्थानों पर पराली नहीं जलाई गई, जबकि 9 स्थानों पर जलती पराली मिली। वहीं फील्ड ऑफिसर की ओर से जांचे गए आठ स्थानों पर पराली जलाने की पुष्टि हुई। अब तक कुल 14 किसानों पर कार्रवाई की जा चुकी है और 17 लोकेशन सही पाई गई हैं।
पराली जलाने व वाहनों के प्रदूषण के कारण जिले में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिले में प्रदूषण का स्तर 379 पहुंच गया। प्रदूषण के स्तर में इजाफा होने के कारण आमजन को सांस में दिक्कत और आंखों में जलन का सामना करना पड़ रहा है। शहरी क्षेत्र के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्र में धुएं का असर देखने को मिल रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार तापमान में गिरावट के कारण वाहनों व इंडस्ट्री का प्रदूषण के कारण ज्यादा दिक्कत आ रही है। हवा चलने के बाद ही मौसम साफ पाएगा। हालांकि, सड़कों पर बिखरी पराली व खेतों की सफाई के बाद कचरा जलाने के मामले में भी सामने आए हैं। इससे कहीं न कहीं प्रदूषण बढ़ रहा है।
अब तक इस प्रकार मिले हैं पराली जलाने के मामले
हरसेक से प्राप्त लोकेशन - 25
दूसरे सोर्स से प्राप्त हुई लोकेशन - 8
कुल लोकेशन - 33
गलत पाई गईं लोकेशन - 16
सही पाई गईं लोकेशन - 17
किसानों पर दर्ज हुई एफआईआर - 14
कुल चालान हुए - 16
जुर्माना लगाया - 85,000 रुपये।
ये आ रही है आमजन को समस्या
- सांस लेने में आ रही परेशानी।
- त्वचा संबंधी हो रही समस्या।
- आंखों में हो रही जलन।
ये रखें ध्यान
- बुजुर्ग व बच्चे सुबह व शाम के समय सैर के लिए न जाएं।
- सांस के मरीज अपने जरूर होने पर ही घरों से बाहर निकलें।
- मास्क लगाकर रखें।
- छोटे बच्चों को बाहर न जाने दें।
- सांस की दिक्कत होने पर तुरंत चिकित्सक के पास जाएं।
- आंखों में जलन होने पर तुरंत चिकित्सक से पास जाएं।
मंगलवार को पराली जलाने के तीन नए मामले दर्ज किए गए हैं। पराली जलाने के मामलों में इजाफा नहीं हुआ है। किसानों को जागरूक किया जा रहा है। किसानों से अपील है कि वह पराली न जलाएं, सभी के लिए मशीनों की व्यवस्था की जा रही है। अपने एरिया के कृषि अधिकारी के संपर्क में रहें। - डाॅ. सुखदेव कंबोज, उप निदेशक, कृषि विभाग।न को सांस में दिक्कत और आंखों में जलन का सामना करना पड़ रहा है। शहरी क्षेत्र के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्र में धुएं का असर देखने को मिल रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार तापमान में गिरावट के कारण वाहनों व इंडस्ट्री का प्रदूषण के कारण ज्यादा दिक्कत आ रही है। हवा चलने के बाद ही मौसम साफ पाएगा। हालांकि, सड़कों पर बिखरी पराली व खेतों की सफाई के बाद कचरा जलाने के मामले में भी सामने आए हैं। इससे कहीं न कहीं प्रदूषण बढ़ रहा है।