{"_id":"692df1a1a5945d3fde060d7b","slug":"failure-to-provide-a-valid-reason-for-non-payment-of-taxes-will-result-in-property-being-sealed-yamuna-nagar-news-c-246-1-sknl1023-147587-2025-12-02","type":"story","status":"publish","title_hn":"Yamuna Nagar News: टैक्स नहीं देने का वाजिब कारण न बताने पर सील होगी संपत्ति","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Yamuna Nagar News: टैक्स नहीं देने का वाजिब कारण न बताने पर सील होगी संपत्ति
संवाद न्यूज एजेंसी, यमुना नगर
Updated Tue, 02 Dec 2025 01:20 AM IST
विज्ञापन
यमुनानगर शहर की कॉलोनियों में बने घर। संवाद
विज्ञापन
संवाद न्यूज एजेंसी
यमुनानगर। शहर में प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली को लेकर नगर निगम ने सख्त रुख अपनाते हुए 10 लाख रुपये से अधिक के टैक्स के बकायेदारों के खिलाफ विशेष अभियान शुरू कर दिया है। निगम प्रशासन अब ऐसे बकायेदारों की पहले व्यक्तिगत सुनवाई करेगा। संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो उनकी प्रॉपर्टी सील करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
नगर निगम क्षेत्र में कुल 216224 संपत्तियां हैं। शहर में इस समय कुल 146 बड़े डिफाल्टर ऐसे हैं जिन पर 10 लाख रुपये से ज्यादा का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। इनमें कई वर्षों से टैक्स न चुकाने वाले व्यापारी, संस्थान, होटल संचालक और अन्य बड़े प्रतिष्ठान शामिल हैं। बार-बार नोटिस देने और मौके पर जाकर समझाने के बाद भी बकाया राशि की वसूली नहीं हो पा रही है।
अधिकारियों के अनुसार व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान संबंधित डिफाल्टरों से पूछा जाएगा कि आखिर वे लंबे समय से टैक्स क्यों नहीं जमा कर रहे हैं। यदि वे किसी वैध या मजबूरी जैसे कारण का हवाला देते हैं, तो उसकी जांच की जाएगी। लेकिन यदि कोई उचित वजह सामने नहीं आती है तो निगम तुरंत प्रॉपर्टी सील करने की दिशा में कदम बढ़ाएगा। इससे पहले संबंधित संपत्तियों को अंतिम नोटिस जारी किया जाएगा।
टैक्स पर निर्भर करती हैं सुविधाएं
शहर के विकास और बुनियादी सुविधाओं का विस्तार पूरी तरह से टैक्स वसूली पर निर्भर करता है। सड़कें, सीवरेज, स्ट्रीट लाइट, पार्क और सफाई व्यवस्था जैसे कार्यों के लिए वित्तीय संसाधन टैक्स से ही प्राप्त होते हैं। ऐसे में बड़े पैमाने पर बकाया राशियों का अटकना सीधे तौर पर जन सुविधाओं के विकास को प्रभावित करता है। इसी वजह से निगम ने अब सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। निगम अधिकारियों का कहना है कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार वसूली अभियान को और मजबूत किया गया है। डिफाल्टरों की सूची सार्वजनिक की जा रही है और प्रत्येक मामले की निगरानी उच्च-स्तरीय समिति द्वारा की जा रही है। टीमों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनवाई के दौरान स्पष्ट रूप से बता दें कि टैक्स न चुकाने की स्थिति में सीलिंग की कार्रवाई अनिवार्य है।
शहर में जिन लोगों पर 10 लाख रुपये से ज्यादा का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है उनकी व्यक्तिगत सुनवाई की जाएगी। लोगों से पूछा जाएगा कि वह टैक्स जमा क्यों नहीं करवा रहे हैं। यदि कोई ठोस वजह सामने नहीं आई तो प्रॉपर्टी को सील किया जाएगा। - अजय वालिया, क्षेत्रीय कराधान अधिकारी, नगर निगम यमुनानगर।
Trending Videos
यमुनानगर। शहर में प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली को लेकर नगर निगम ने सख्त रुख अपनाते हुए 10 लाख रुपये से अधिक के टैक्स के बकायेदारों के खिलाफ विशेष अभियान शुरू कर दिया है। निगम प्रशासन अब ऐसे बकायेदारों की पहले व्यक्तिगत सुनवाई करेगा। संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो उनकी प्रॉपर्टी सील करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
नगर निगम क्षेत्र में कुल 216224 संपत्तियां हैं। शहर में इस समय कुल 146 बड़े डिफाल्टर ऐसे हैं जिन पर 10 लाख रुपये से ज्यादा का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। इनमें कई वर्षों से टैक्स न चुकाने वाले व्यापारी, संस्थान, होटल संचालक और अन्य बड़े प्रतिष्ठान शामिल हैं। बार-बार नोटिस देने और मौके पर जाकर समझाने के बाद भी बकाया राशि की वसूली नहीं हो पा रही है।
विज्ञापन
विज्ञापन
अधिकारियों के अनुसार व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान संबंधित डिफाल्टरों से पूछा जाएगा कि आखिर वे लंबे समय से टैक्स क्यों नहीं जमा कर रहे हैं। यदि वे किसी वैध या मजबूरी जैसे कारण का हवाला देते हैं, तो उसकी जांच की जाएगी। लेकिन यदि कोई उचित वजह सामने नहीं आती है तो निगम तुरंत प्रॉपर्टी सील करने की दिशा में कदम बढ़ाएगा। इससे पहले संबंधित संपत्तियों को अंतिम नोटिस जारी किया जाएगा।
टैक्स पर निर्भर करती हैं सुविधाएं
शहर के विकास और बुनियादी सुविधाओं का विस्तार पूरी तरह से टैक्स वसूली पर निर्भर करता है। सड़कें, सीवरेज, स्ट्रीट लाइट, पार्क और सफाई व्यवस्था जैसे कार्यों के लिए वित्तीय संसाधन टैक्स से ही प्राप्त होते हैं। ऐसे में बड़े पैमाने पर बकाया राशियों का अटकना सीधे तौर पर जन सुविधाओं के विकास को प्रभावित करता है। इसी वजह से निगम ने अब सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। निगम अधिकारियों का कहना है कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार वसूली अभियान को और मजबूत किया गया है। डिफाल्टरों की सूची सार्वजनिक की जा रही है और प्रत्येक मामले की निगरानी उच्च-स्तरीय समिति द्वारा की जा रही है। टीमों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनवाई के दौरान स्पष्ट रूप से बता दें कि टैक्स न चुकाने की स्थिति में सीलिंग की कार्रवाई अनिवार्य है।
शहर में जिन लोगों पर 10 लाख रुपये से ज्यादा का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है उनकी व्यक्तिगत सुनवाई की जाएगी। लोगों से पूछा जाएगा कि वह टैक्स जमा क्यों नहीं करवा रहे हैं। यदि कोई ठोस वजह सामने नहीं आई तो प्रॉपर्टी को सील किया जाएगा। - अजय वालिया, क्षेत्रीय कराधान अधिकारी, नगर निगम यमुनानगर।