{"_id":"69147a153933c02bc80354bf","slug":"vijaypur-forest-guard-of-forest-beat-panol-summoned-in-khair-cutting-case-in-pangiyan-bilaspur-news-c-92-1-ssml1001-148261-2025-11-12","type":"story","status":"publish","title_hn":"Bilaspur News: विजयपुर–पंगियां में खैर कटान मामले में वन बीट पनौल के वनरक्षक तलब","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Bilaspur News: विजयपुर–पंगियां में खैर कटान मामले में वन बीट पनौल के वनरक्षक तलब
संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर
Updated Wed, 12 Nov 2025 11:42 PM IST
विज्ञापन
अमर उजाला में प्रकाशित खबर।
विज्ञापन
इम्पैक्ट
मामला सामने आने के बाद विभाग सख्त, कोर्ट से अनुमति लेकर होगी एफआईआर
कटान करने वाले ठेकेदारों पर गिरेगी गाज, जांच में हुई खैर के जड़ पटान की पुष्टि
मंगल ठाकुर
बरठीं (बिलासपुर)। विजयपुर-पंगियां क्षेत्र में खैर के पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में वन विभाग ने अब सख्त रुख अपना लिया है। घुमारवीं वन परिक्षेत्र की वन बीट पनौल में प्रतिबंधित क्षेत्र से किए गए खैर कटान की विभागीय जांच में जड़ पटान की पुष्टि हुई है। विभाग अब न्यायालय से अनुमति लेकर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने जा रहा है।
वन विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को मौके पर जाकर विस्तृत जांच की। प्रारंभिक रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ है कि कई पेड़ जड़ों सहित उखाड़े गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह सामान्य पेड़ कटाई नहीं, बल्कि सुनियोजित अवैध गतिविधि है। विभाग ने कहा कि इसमें ठेकेदारों और अन्य लोगों की भूमिका संदिग्ध है। घटना सामने आने के बाद विभाग ने विजयपुर बीट के वनरक्षक को तत्काल जिला कार्यालय में तलब कर लिया है। विभाग का कहना है कि जो भी कर्मचारी या ठेकेदार इसमें शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। संबंधित क्षेत्र में बीट अधिकारी से रिपोर्ट तलब कर ली गई है और जमीनी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। ग्रामीणों ने विभाग पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जिन पेड़ों की कटाई हुई, उन्हें रातों-रात ठिकाने लगाया गया। भूमि मालिकों ने भी विभाग को कटे पेड़ों की जानकारी नहीं दी है। ग्रामीणों का कहना है कि निजी भूमि में आम तौर पर पेड़ों को जड़ से ऊपर काटा जाता है, ताकि नई कोपलें निकल सकें, लेकिन इस बार ठेकेदारों ने मुनाफे के लिए जड़ों सहित उखाड़ दिया।
कोट
दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
उधर, कंजरवेटर मृत्युंजय माधव ने पुष्टि की है कि जांच में खैर के पेड़ों का जड़ पटान पाया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग न्यायालय से अनुमति लेकर वन माफिया के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू करेगा। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा, विभाग इस तरह के मामलों पर जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रहा है।
संवाद
Trending Videos
मामला सामने आने के बाद विभाग सख्त, कोर्ट से अनुमति लेकर होगी एफआईआर
कटान करने वाले ठेकेदारों पर गिरेगी गाज, जांच में हुई खैर के जड़ पटान की पुष्टि
मंगल ठाकुर
बरठीं (बिलासपुर)। विजयपुर-पंगियां क्षेत्र में खैर के पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में वन विभाग ने अब सख्त रुख अपना लिया है। घुमारवीं वन परिक्षेत्र की वन बीट पनौल में प्रतिबंधित क्षेत्र से किए गए खैर कटान की विभागीय जांच में जड़ पटान की पुष्टि हुई है। विभाग अब न्यायालय से अनुमति लेकर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने जा रहा है।
वन विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को मौके पर जाकर विस्तृत जांच की। प्रारंभिक रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ है कि कई पेड़ जड़ों सहित उखाड़े गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह सामान्य पेड़ कटाई नहीं, बल्कि सुनियोजित अवैध गतिविधि है। विभाग ने कहा कि इसमें ठेकेदारों और अन्य लोगों की भूमिका संदिग्ध है। घटना सामने आने के बाद विभाग ने विजयपुर बीट के वनरक्षक को तत्काल जिला कार्यालय में तलब कर लिया है। विभाग का कहना है कि जो भी कर्मचारी या ठेकेदार इसमें शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। संबंधित क्षेत्र में बीट अधिकारी से रिपोर्ट तलब कर ली गई है और जमीनी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। ग्रामीणों ने विभाग पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जिन पेड़ों की कटाई हुई, उन्हें रातों-रात ठिकाने लगाया गया। भूमि मालिकों ने भी विभाग को कटे पेड़ों की जानकारी नहीं दी है। ग्रामीणों का कहना है कि निजी भूमि में आम तौर पर पेड़ों को जड़ से ऊपर काटा जाता है, ताकि नई कोपलें निकल सकें, लेकिन इस बार ठेकेदारों ने मुनाफे के लिए जड़ों सहित उखाड़ दिया।
विज्ञापन
विज्ञापन
कोट
दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
उधर, कंजरवेटर मृत्युंजय माधव ने पुष्टि की है कि जांच में खैर के पेड़ों का जड़ पटान पाया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग न्यायालय से अनुमति लेकर वन माफिया के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू करेगा। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा, विभाग इस तरह के मामलों पर जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रहा है।
संवाद