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Chamba News: कलपुर्जाें की कमी से बसों की मरम्मत ठप, यात्रियों की बढ़ीं मुश्किलें
संवाद न्यूज एजेंसी, चम्बा
Updated Wed, 12 Nov 2025 11:07 PM IST
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चंबा। एचआरटीसी के चंबा डिपो में कलपुर्जाें की कमी ने परिवहन व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। मरम्मत के अभाव में करीब 15 सरकारी बसें डिपों में खड़ी हैं, जबकि अक्तूबर में नौ बसों को कंडम घोषित किया है। इस स्थिति से न केवल यात्रियों को बल्कि चालक-परिचालक वर्ग को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
कलपुर्जाें की कमी के कारण चंबा डिपो से चलने वाली बसों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। कई रूटों पर यात्रियों को घंटों इंतजार के बाद बस मिल रही है, जबकि कुछ ग्रामीण रूटों पर सेवाएं पूरी तरह ठप पड़ी हैं।
ग्रामीण इलाकों में आने-जाने वाले लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। छात्र, कर्मचारी और बुजुर्ग यात्रियों को निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे उनका किराया खर्च भी बढ़ गया है।
कर्मचारियों का कहना है कि कई बसें मरम्मत के इंतजार में डिपो में खड़ी हैं, जबकि जो चल रही हैं वे बीच रास्ते में ही खराब हो जाती हैं। कुछ चालक बताते हैं कि कभी-कभी बीच सड़क में बस बंद हो जाती है तो यात्रियों के साथ मिलकर उसे धक्का लगाना पड़ता है। ऐसे में चालक-परिचालक वर्ग को यात्रियों के बीच नाराजगी और विवाद की स्थिति का भी सामना करना पड़ता है। कई बसें ऐसी हालत में हैं कि वे पांच से 10 किलोमीटर भी नहीं चल पा रही हैं।
स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति जल्द सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। डिपो में आवश्यक पार्ट्स की कमी दूर होते ही मरम्मत कार्य तेज़ी से शुरू किया जाएगा। हमारा लक्ष्य है कि सभी रूटों पर नियमित सेवाएं शीघ्र बहाल की जाएं, ताकि यात्रियों और कर्मचारियों दोनों की परेशानी कम हो सके। शूगल सिंह, डीडीएम, एचआरटीसी, चंबा
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कलपुर्जाें की कमी के कारण चंबा डिपो से चलने वाली बसों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। कई रूटों पर यात्रियों को घंटों इंतजार के बाद बस मिल रही है, जबकि कुछ ग्रामीण रूटों पर सेवाएं पूरी तरह ठप पड़ी हैं।
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ग्रामीण इलाकों में आने-जाने वाले लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। छात्र, कर्मचारी और बुजुर्ग यात्रियों को निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे उनका किराया खर्च भी बढ़ गया है।
कर्मचारियों का कहना है कि कई बसें मरम्मत के इंतजार में डिपो में खड़ी हैं, जबकि जो चल रही हैं वे बीच रास्ते में ही खराब हो जाती हैं। कुछ चालक बताते हैं कि कभी-कभी बीच सड़क में बस बंद हो जाती है तो यात्रियों के साथ मिलकर उसे धक्का लगाना पड़ता है। ऐसे में चालक-परिचालक वर्ग को यात्रियों के बीच नाराजगी और विवाद की स्थिति का भी सामना करना पड़ता है। कई बसें ऐसी हालत में हैं कि वे पांच से 10 किलोमीटर भी नहीं चल पा रही हैं।
स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति जल्द सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। डिपो में आवश्यक पार्ट्स की कमी दूर होते ही मरम्मत कार्य तेज़ी से शुरू किया जाएगा। हमारा लक्ष्य है कि सभी रूटों पर नियमित सेवाएं शीघ्र बहाल की जाएं, ताकि यात्रियों और कर्मचारियों दोनों की परेशानी कम हो सके। शूगल सिंह, डीडीएम, एचआरटीसी, चंबा