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Hamirpur (Himachal) News: नगर निगम को नहीं जानकारी किसने किसको दी है अपनी दुकान
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर (हि. प्र.)
Updated Thu, 13 Nov 2025 01:09 AM IST
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हमीरपुर। नगर निगम के तहत सबलेटिंग का गोरखधंधा नई बात नहीं है। नगर निगम के तहत कई दुकानदारों ने यह धंधा अपनाया हुआ है, लेकिन नगर निगम को यह जानकारी ही नहीं है कि नगर निगम के तहत कितने दुकानदारों ने अपनी दुकानें सबलेटिंग पर दी हुई हैं।
नगर निगम हमीरपुर के तहत 65 दुकानें हैं, जिन्हें किराये पर दिया हुआ है। नगर निगम के अधिकारियों के लिए सबलेटिंग के मामलों की जांच करना आसान नहीं है। सबसे बड़ी बात है कि एक माह पूर्व किए गए औचक निरीक्षण के दौरान भी नगर निगम के अधिकारी इस गोरखधंधे की जड़ तक नहीं पहुंच पाए।
नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो कोई भी दुकान किराये पर देने से पहले एग्रीमेंट किया जाता है, जिसमें यह स्पष्ट होता है कि वह दुकान को आगे सबलेटिंग पर नहीं देगा, लेकिन इसके बाद भी कुछ दुकानदार सबलेटिंग पर दुकानें दे रहे हैं। इससे नगर निगम को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
नगर निगम हमीरपुर में अधिकारियों के औचक निरीक्षण के दौरान कुछ दुकानदार, जिन्होंने दुकानें सबलेटिंग पर ली हुई हैं वह खुद को दुकानदार न बताकर दुकान का कर्मचारी दर्शाते हैं और सबलेटिंग के गोरखधंधे पर पर्दा डाल देते हैं। हालांकि नगर निगम अब दोबारा से सबलेटिंग के मामले को लेकर जांच करेगा, लेकिन यह तय करना सबसे मुश्किल है कि वह दुकान का असली मालिक है या फिर उसने सबलेटिंग पर दुकान ली हुई है।
अधिकारियों की मानें तो एग्रीमेंट तीन वर्ष या फिर पांच वर्ष के लिए किया जाता है। इसके बाद यह रिन्यू किया जाता है। इसमें किराये की बढ़ोतरी भी की जाती है।
कोट :
सबलेटिंग के मामले को लेकर जांच की गई है। प्रथम जांच में सामने आया है कि स्पोर्ट्स सोसायटी की ओर से बनाई गई दुकानों में सबलेटिंग की गई है। एसडीएम इस सोसायटी के अध्यक्ष हैं। नगर निगम भी ट्रेड लाइसेंस बना रहा है। इसके बाद सबलेटिंग पर रोक लग सकेगी। -राम प्रसाद, अतिरिक्त आयुक्त, नगर निगम हमीरपुर
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नगर निगम हमीरपुर के तहत 65 दुकानें हैं, जिन्हें किराये पर दिया हुआ है। नगर निगम के अधिकारियों के लिए सबलेटिंग के मामलों की जांच करना आसान नहीं है। सबसे बड़ी बात है कि एक माह पूर्व किए गए औचक निरीक्षण के दौरान भी नगर निगम के अधिकारी इस गोरखधंधे की जड़ तक नहीं पहुंच पाए।
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नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो कोई भी दुकान किराये पर देने से पहले एग्रीमेंट किया जाता है, जिसमें यह स्पष्ट होता है कि वह दुकान को आगे सबलेटिंग पर नहीं देगा, लेकिन इसके बाद भी कुछ दुकानदार सबलेटिंग पर दुकानें दे रहे हैं। इससे नगर निगम को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
नगर निगम हमीरपुर में अधिकारियों के औचक निरीक्षण के दौरान कुछ दुकानदार, जिन्होंने दुकानें सबलेटिंग पर ली हुई हैं वह खुद को दुकानदार न बताकर दुकान का कर्मचारी दर्शाते हैं और सबलेटिंग के गोरखधंधे पर पर्दा डाल देते हैं। हालांकि नगर निगम अब दोबारा से सबलेटिंग के मामले को लेकर जांच करेगा, लेकिन यह तय करना सबसे मुश्किल है कि वह दुकान का असली मालिक है या फिर उसने सबलेटिंग पर दुकान ली हुई है।
अधिकारियों की मानें तो एग्रीमेंट तीन वर्ष या फिर पांच वर्ष के लिए किया जाता है। इसके बाद यह रिन्यू किया जाता है। इसमें किराये की बढ़ोतरी भी की जाती है।
कोट :
सबलेटिंग के मामले को लेकर जांच की गई है। प्रथम जांच में सामने आया है कि स्पोर्ट्स सोसायटी की ओर से बनाई गई दुकानों में सबलेटिंग की गई है। एसडीएम इस सोसायटी के अध्यक्ष हैं। नगर निगम भी ट्रेड लाइसेंस बना रहा है। इसके बाद सबलेटिंग पर रोक लग सकेगी। -राम प्रसाद, अतिरिक्त आयुक्त, नगर निगम हमीरपुर