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Hamirpur (Himachal) News: खटारा बसों में मजबूरी का सफर
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर (हि. प्र.)
Updated Tue, 02 Dec 2025 06:58 AM IST
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बस अड्डा हमीरपुर में खड़ी बस के क्षतिग्रस्त फ्रंट शीशे पर लगी टेप। संवाद
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एचआरटीसी का हाल : टूटे फ्रंट शीशों पर टेप, खिड़कियां टूटी और टायर भी कटे-फटे
सर्द मौसम में ठिठुरते हुए बस में सफर कर रहे यात्री
संवाद न्यूज एजेंसी
हमीरपुर। मरम्मत और देखरेख के अभाव में एचआरटीसी की बसें खटारा होती जा रही हैं। इन बसों में यात्रियों को सफर करना मजबूरी बन गया है। बावजूद इसके एचआरटीसी निगम प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। हमीरपुर डिपो की कुछ बसों के फ्रंट शीशे क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इन पर टेप लगाकर काम चलाया जा रहा है, बसों की सीटें भी फटी हैं। टायर घिस चुके हैं इसके बाद भी इन्हें सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है।
अव्यवस्थाओं के बीच यात्रियों को मजबूरन इन बसों में सफर करना पड़ रहा है। कुछ बसें ऐसी भी हैं जिनमें विंडो में एक ही शीशा लगा है। इस कारण सर्दी के मौसम में यात्री ठिठुर रहे हैं। यदि कोई यात्री एक तरफ शीशे को खींचता है तो दूसरी तरफ शीशा खुल जाता है। इस दौरान कई बार सवारियां आपस में उलझती हैं। हमीरपुर डिपो की ओर से रोजाना 100 से अधिक रूटों पर बसें चलाई जाती हैं। यात्रियों ने निगम प्रबंधन से बसों की मरम्मत करने की मांग रखी है।
बॉक्स
सप्ताह में दो से तीन बसें होती हैं खराब
सरकारी बसों की अव्यवस्थाओं का क्रम यहीं पर नहीं रूकता है। सप्ताह में ऐसे दो से तीन मामले आते हैं जब सरकारी बसें बीच सफर में रूक गई हैं। इसके बाद भी बसों की सही तरीके से मरम्मत नहीं की जा रही है। यात्रियों का दावा है कि बिना मरम्मत के बसों को रूट पर भेजा जाता है। इस कारण यह रूक जाती हैं। यात्रियों को यातायात के अन्य साधनों का प्रयोग करना पड़ता है।
कोट
-कुछ बसों के फ्रंट शीशे क्षतिग्रस्त हैं, इन्हें जल्द ही बदला जाएगा। जहां-जहां बसें खराब होती हैं, वहां पर तुरंत दूसरी बसें भेजी जाती हैं ताकि यात्रियों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।-राहुल कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक, एचआरटीसी हमीरपुर
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सर्द मौसम में ठिठुरते हुए बस में सफर कर रहे यात्री
संवाद न्यूज एजेंसी
हमीरपुर। मरम्मत और देखरेख के अभाव में एचआरटीसी की बसें खटारा होती जा रही हैं। इन बसों में यात्रियों को सफर करना मजबूरी बन गया है। बावजूद इसके एचआरटीसी निगम प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। हमीरपुर डिपो की कुछ बसों के फ्रंट शीशे क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इन पर टेप लगाकर काम चलाया जा रहा है, बसों की सीटें भी फटी हैं। टायर घिस चुके हैं इसके बाद भी इन्हें सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है।
अव्यवस्थाओं के बीच यात्रियों को मजबूरन इन बसों में सफर करना पड़ रहा है। कुछ बसें ऐसी भी हैं जिनमें विंडो में एक ही शीशा लगा है। इस कारण सर्दी के मौसम में यात्री ठिठुर रहे हैं। यदि कोई यात्री एक तरफ शीशे को खींचता है तो दूसरी तरफ शीशा खुल जाता है। इस दौरान कई बार सवारियां आपस में उलझती हैं। हमीरपुर डिपो की ओर से रोजाना 100 से अधिक रूटों पर बसें चलाई जाती हैं। यात्रियों ने निगम प्रबंधन से बसों की मरम्मत करने की मांग रखी है।
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सप्ताह में दो से तीन बसें होती हैं खराब
सरकारी बसों की अव्यवस्थाओं का क्रम यहीं पर नहीं रूकता है। सप्ताह में ऐसे दो से तीन मामले आते हैं जब सरकारी बसें बीच सफर में रूक गई हैं। इसके बाद भी बसों की सही तरीके से मरम्मत नहीं की जा रही है। यात्रियों का दावा है कि बिना मरम्मत के बसों को रूट पर भेजा जाता है। इस कारण यह रूक जाती हैं। यात्रियों को यातायात के अन्य साधनों का प्रयोग करना पड़ता है।
कोट
-कुछ बसों के फ्रंट शीशे क्षतिग्रस्त हैं, इन्हें जल्द ही बदला जाएगा। जहां-जहां बसें खराब होती हैं, वहां पर तुरंत दूसरी बसें भेजी जाती हैं ताकि यात्रियों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।-राहुल कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक, एचआरटीसी हमीरपुर

बस अड्डा हमीरपुर में खड़ी बस के क्षतिग्रस्त फ्रंट शीशे पर लगी टेप। संवाद

बस अड्डा हमीरपुर में खड़ी बस के क्षतिग्रस्त फ्रंट शीशे पर लगी टेप। संवाद