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पेंशनरों के समर्थन में भाजपा की ‘मगरमच्छी सहानुभूति’ : भंडारी
संवाद न्यूज एजेंसी, कांगड़ा
Updated Tue, 02 Dec 2025 09:10 AM IST
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कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स ज्वाइंट फ्रंट ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के नेतृत्व में हुए भाजपा के पेंशनर समर्थन प्रदर्शन को मगरमच्छी प्रदर्शन, दिखावटी सहानुभूति और राजनीतिक पाखंड बताया है। राज्य प्रवक्ता कल्याण भंडारी ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में रहते हुए पेंशनरों की ग्रेच्युटी, कम्युटेशन, लीव इनकैशमेंट और चिकित्सा प्रतिपूर्ति रोक दी थी।
उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशें पंजाब की अधिसूचना के आठ महीने बाद लागू कीं। इसके बाद भी पेंशनरों को संशोधित पेंशन व ग्रेच्युटी का केवल 20 फीसदी भुगतान सितंबर 2022 में आचार संहिता लगने से पहले औपचारिकता के तौर पर दिया गया। शेष 80 फीसदी भुगतान के लिए अधिसूचना में कोई समयसीमा तय नहीं की गई।
फ्रंट के अनुसार बकाया भुगतान भाजपा सरकार के हटने के बाद सुक्खू सरकार ने किया। इसमें 2016 से पहले और बाद के सभी पेंशनर्स के 20 फीसदी लंबित एरियर और 2016 के बाद रिटायर कर्मचारियों की ग्रेच्युटी शामिल है। 70 और 75 वर्ष से ऊपर के अधिकांश पेंशनर्स का बकाया भी निपटाया गया है। फ्रंट ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मांग है कि उन्हें शीघ्र आधिकारिक तौर पर वार्ता के लिए बुलाया जाए अन्यथा पेंशनर बड़े पैमाने पर संघर्ष के लिए तैयार हैं।
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उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशें पंजाब की अधिसूचना के आठ महीने बाद लागू कीं। इसके बाद भी पेंशनरों को संशोधित पेंशन व ग्रेच्युटी का केवल 20 फीसदी भुगतान सितंबर 2022 में आचार संहिता लगने से पहले औपचारिकता के तौर पर दिया गया। शेष 80 फीसदी भुगतान के लिए अधिसूचना में कोई समयसीमा तय नहीं की गई।
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फ्रंट के अनुसार बकाया भुगतान भाजपा सरकार के हटने के बाद सुक्खू सरकार ने किया। इसमें 2016 से पहले और बाद के सभी पेंशनर्स के 20 फीसदी लंबित एरियर और 2016 के बाद रिटायर कर्मचारियों की ग्रेच्युटी शामिल है। 70 और 75 वर्ष से ऊपर के अधिकांश पेंशनर्स का बकाया भी निपटाया गया है। फ्रंट ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मांग है कि उन्हें शीघ्र आधिकारिक तौर पर वार्ता के लिए बुलाया जाए अन्यथा पेंशनर बड़े पैमाने पर संघर्ष के लिए तैयार हैं।