धर्मशाला। प्रदेश में दो दिन से हो रही बारिश और हिमपात ने किसान और बागवान खुश हैं। दिसंबर माह में बारिश न होने के कारण बागवानों को सेब, नींबू प्रजाति फल और अन्य पौधे खराब होने के कगार पर पहुंच गए थे। बागवानों की फसलों में रोगों पनपने का खतरा भी मंडरा रहा था। ऐसे में अब पहाड़ी क्षेत्रों में हिमपात और निचले क्षेत्रों में बारिश बागवानों के पौधों के लिए संजीवनी का काम करेंगे। वहीं, इससे अन्य फसलों को भी फायदा होगा
इस समय बारिश होने से लंबे समय तक जमीन में नमी बनी रहेगी। ऐसे में अब पौधों में रासायनिक खाद पोटाश और फास्फेट डालने का उचित समय है। इसके अलावा बागवान अपने पौधों में एफआईएम का प्रयोग कर सकते हैं।
जिला कांगड़ा उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. कमलशील नेगी ने बताया बारिश होने से जमीन में काफी मात्रा में नमी मिल गई है। ऐसे में आसमान साफ होने के दौरान खाद डालने का उचित समय है। इसके अलावा बागवान फरवरी माह में पौधों में फूल खिलने से पहले नाइट्रोजन खाद का प्रयोग भी कर सकते हैं।
धर्मशाला। प्रदेश में दो दिन से हो रही बारिश और हिमपात ने किसान और बागवान खुश हैं। दिसंबर माह में बारिश न होने के कारण बागवानों को सेब, नींबू प्रजाति फल और अन्य पौधे खराब होने के कगार पर पहुंच गए थे। बागवानों की फसलों में रोगों पनपने का खतरा भी मंडरा रहा था। ऐसे में अब पहाड़ी क्षेत्रों में हिमपात और निचले क्षेत्रों में बारिश बागवानों के पौधों के लिए संजीवनी का काम करेंगे। वहीं, इससे अन्य फसलों को भी फायदा होगा
इस समय बारिश होने से लंबे समय तक जमीन में नमी बनी रहेगी। ऐसे में अब पौधों में रासायनिक खाद पोटाश और फास्फेट डालने का उचित समय है। इसके अलावा बागवान अपने पौधों में एफआईएम का प्रयोग कर सकते हैं।
जिला कांगड़ा उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. कमलशील नेगी ने बताया बारिश होने से जमीन में काफी मात्रा में नमी मिल गई है। ऐसे में आसमान साफ होने के दौरान खाद डालने का उचित समय है। इसके अलावा बागवान फरवरी माह में पौधों में फूल खिलने से पहले नाइट्रोजन खाद का प्रयोग भी कर सकते हैं।